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पार्टी कार्यालय नहीं होने से परेशान हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ता, कमलनाथ ने मंगवाई कार्यालयों की जानकारी

मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में कांग्रेस कार्यालय है ही नहीं, मात्र 18 जिलों में पार्टी कार्यालय खुद के भवन से संचालित होते हैं, बाकी के जिलों में किराए के भवनों में पार्टी कार्यालय का संचालन होता है, उनमे भी कुछ जिले को ऐसे हैं जहां पार्टी का कोई कार्यालय ही नहीं है, लेकिन अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी सभी जिलों में पार्टी कार्यालयों के संचालन के लिए भवन निर्माण की कवायद में जुट गई है.

पार्टी कार्यालय नहीं होने से परेशान हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ता
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Published : Sep 28, 2019, 5:28 PM IST

भोपाल। प्रदेश के अधिकतर जिलों में कांग्रेस के कार्यालय न होने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. कार्यकर्ताओं द्वारा कमलनाथ को शिकायत की गई थी, कि कई जिलों में जिला कार्यालय स्थापित नहीं होने के कारण पार्टी की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाती हैं. इसकी जानकारी लगने के बाद कमलनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों से कार्यालयों की जानकारी मंगाई है.

पार्टी कार्यालय नहीं होने से परेशान हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ता


बता दें कि सिर्फ 18 जिलों में पार्टी के खुद के निजी भवन में कार्यालय संचालित होता हैं. सात जिलों में पार्टी के पास भूमि तो है, लेकिन कार्यालय भवन नहीं है. 27 जिले ऐसे हैं, जहां ना भूमि है ना भवन है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह जानकारी मिलने के बाद अब भवन विहीन जिलों में जिला कार्यालय स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है.

मध्यप्रदेश में जिला कार्यालयों की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए प्रकाश जैन ने बताया कि, प्रदेश कांग्रेस ने जिला कार्यालय स्थापित करने की रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है. जहां जमीन पड़ी है, वहां कार्यकर्ताओं के सहयोग से भवन बनाएंगे. जहां भूमि व भवन दोनों नहीं हैं, वहां निजी भूमि खरीद कर या फिर नजूल से जमीन लीज पर लेकर जिला कार्यालय बनाएंगे. ताकि कार्यालय सुचारू रूप से संचालित हो सके.

भोपाल। प्रदेश के अधिकतर जिलों में कांग्रेस के कार्यालय न होने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. कार्यकर्ताओं द्वारा कमलनाथ को शिकायत की गई थी, कि कई जिलों में जिला कार्यालय स्थापित नहीं होने के कारण पार्टी की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाती हैं. इसकी जानकारी लगने के बाद कमलनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों से कार्यालयों की जानकारी मंगाई है.

पार्टी कार्यालय नहीं होने से परेशान हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ता


बता दें कि सिर्फ 18 जिलों में पार्टी के खुद के निजी भवन में कार्यालय संचालित होता हैं. सात जिलों में पार्टी के पास भूमि तो है, लेकिन कार्यालय भवन नहीं है. 27 जिले ऐसे हैं, जहां ना भूमि है ना भवन है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह जानकारी मिलने के बाद अब भवन विहीन जिलों में जिला कार्यालय स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है.

मध्यप्रदेश में जिला कार्यालयों की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए प्रकाश जैन ने बताया कि, प्रदेश कांग्रेस ने जिला कार्यालय स्थापित करने की रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है. जहां जमीन पड़ी है, वहां कार्यकर्ताओं के सहयोग से भवन बनाएंगे. जहां भूमि व भवन दोनों नहीं हैं, वहां निजी भूमि खरीद कर या फिर नजूल से जमीन लीज पर लेकर जिला कार्यालय बनाएंगे. ताकि कार्यालय सुचारू रूप से संचालित हो सके.

Intro:भोपाल। यह जानकर आपको ताज्जुब होगा कि अब तक मप्र में किया के 10 मुख्यमंत्री बनने के बाद भी प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में कांग्रेस कार्यालय का अपना निजी भवन नहीं है।हाल ही में कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को शिकायत की गई थी कि कई जिलों में जिला कार्यालय स्थापित नहीं होने के कारण पार्टी की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाती हैं। यह जानकारी मिलने पर प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के सभी 52 जिलों से जिला कार्यालयों की जानकारी मंगाई थी।जानकारी आने पर पता चला कि सिर्फ 18 जिलों में पार्टी के खुद के निजी भवन में कार्यालय हैं. बाकी सात जिलों में पार्टी के पास भूमि तो है,लेकिन कार्यालय भवन नहीं है और 27 जिले ऐसे हैं, जहां ना भूमि है ना भवन है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह जानकारी मिलने के बाद अब भवन विहीन जिलों में जिला कार्यालय स्थापित करने की कार्रवाई शुरू होगी।


Body:मध्य प्रदेश में जिला कार्यालयों की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि कार्यकर्ताओं जिला कार्यालयों को लेकर शिकायत आई थी। कि कहीं कार्यालय खुलता है, कहीं नहीं खुलता है। इसको लेकर हम लोगों ने कार्यालयों की स्थिति की जानकारी मंगाई थी। जिसमें जानकारी मिली है कि 18 जिलों में खुद की जमीन पर खुद के भवन में जिला कार्यालय संचालित हो रहे हैं। 7 जिले ऐसे हैं कि जहां पर भूमि तो है, लेकिन भवन नहीं है।इसलिए किराए के भवन में कार्यालय संचालित हो रहे हैं और 27 जिले ऐसे हैं, जहां ना भवन हैं ना भूमि हैं।वहां भी किराए के मकान में कार्यालय संचालित हो रहे हैं. कार्यकर्ताओं की शिकायत रहती है कि नियमित कार्यालय नहीं खुल रहा है।यह स्थिति अध्यक्षों की व्यावहारिक समस्याओं के कारण बनती है।


Conclusion:अब जानकारी मिलने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जिला कार्यालय स्थापित करने की रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है। प्रकाश जैन ने बताया कि जहां जमीन पड़ी है, वहां कार्यकर्ताओं के सहयोग से भवन बनाएंगे।जहां भूमि भवन नहीं हैं,वहां निजी भूमि खरीद कर या फिर नजूल से जमीन लीज पर लेकर जिला कार्यालय बनाएंगे। ताकि कार्यालय सुचारू रूप से संचालित हो सके।
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