भोपाल। मध्यप्रदेश में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में से तीन सीटों पर कांग्रेस की हार हुई , जिसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 9 नवंबर को समीक्षा करने जा रहे हैं. इस दौरान सीट वार जीत-हार के कारणों पर चर्चा होगी. जीत-हार की समीक्षा के बाद कई नेताओं और पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है. समीक्षा बैठक के बाद चुनाव में हारे कांग्रेस उम्मीदवारों को आगामी चुनाव के लिए क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने के निर्देश दिये जा सकते हैं.
जहां हारे, वहां नेताओं की जिम्मेदारी होगी तय
9 नवंबर को होने जा रही कांग्रेस की समीक्षा बैठक के लिए कमलनाथ ने हारे हुए तीनों कांग्रेस प्रत्याशियों को हार के कारणों की रिपोर्ट के साथ तलब किया है. वहीं चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी और सहप्रभारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. इस रिपोर्ट को सामने रखकर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तीनों सीटों की हार की समीक्षा करेंगे. इस दौरान सभी प्रत्याशियों और जिम्मेदार पदाधिकारियों से उनका मत जाना जाएगा. देखा जाए तो पृथ्वीपुर विधानसभा और खंडवा लोकसभा सीट जीतने की कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी. हालांकि खंडवा में हार के बाद पार्टी में अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है, खंडवा सीट हारने के पीछे नेपानगर विधानसभा से मिली 35 हजार से ज्यादा वोटों की हार को बड़ी वजह माना जा रहा है. इस क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री सचिन यादव थे.
बैठक के बाद गिर सकती है गाज
समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियां करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है. पार्टी पहले ही खंडवा में अरूण यादव के एक समर्थक को पद से हटा चुकी है. माना जा रहा है बैठक में नेताओं के फीडबैक के बाद कई और नेताओं पर भी कार्रवाई हो सकती है, ताकि आगामी 2023 के चुनाव में पार्टी को नुकसान न उठाना पड़े. साथ ही पार्टी भले ही तीन सीटों पर हार गई हो, लेकिन आगामी बैठक में कमलनाथ तीनों प्रत्याशियों को क्षेत्र में लगातार सक्रिय बने रहने के निर्देश दे सकते हैं.