भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि बिल के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में अब कांग्रेस 2 अक्टूबर को 'किसान मजदूर बचाओ दिवस' मनाने जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि इस बिल से देश का किसान, मजदूर में बदल जाएगा और कृषि आधारित देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप हो जाएगी. इन किसान विरोधी बिलों के खिलाफ हम पूरे देश में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों के खिलाफ है कृषि बिल
मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है जब संसद चल रही थी, तब संसद में बीजेपी की सरकार ने तीन कानून पारित किए हैं और वह सारे कानून किसानों के हक के खिलाफ हैं. जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था सरकार खत्म करने जा रही है, मंडियों में किसान जो अपना माल बेचता था, उनकी प्रासंगिकता को खत्म कर रही है. अब सीधा व्यापारी माल खरीद लेगा, जब मंडी नहीं चलेगी तो किसान कहां जाएगा.
कांग्रेस का तर्क
कांग्रेस ने पूरे देश में किसानों के हक के लिए मंडियों की व्यवस्था की है. लेकिन बीजेपी सरकार मंडियां समाप्त कर रही है. सरकार का कहना है कि इससे किसानों को फायदा होगा. जैसे पश्चिमी देश हैं, उनकी नकल सरकार कर रही है, लेकिन उन देशों में भी सरकार किसानों को सब्सिडी देती है. वहां का किसान कमर्शियल फार्मिंग करता है, फिर भी वहां के किसानों का भला नहीं हो पाया है. हमारे देश में ज्यादातर किसान लघु और सीमांत किसान हैं, बहुत बड़े-बड़े किसान नहीं हैं. देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. जब आप किसान को ही मिटा दोगे, तो किसान अपनी जमीन बेचने पर मजबूर हो जाएगा और किसान से मजदूर बन जाएगा. ऐसे में देश का कैसे विकास होगा, आप सब कुछ छीन कर बड़े-बड़े उद्योगपतियों को देना चाहते हैं.
कांग्रेस करेगी जनजागरण
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के दिन 'किसान मजदूर बचाओ दिवस' मनाकर प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे. इस अत्याचार करने वाली सरकार के खिलाफ जन जागरण करेंगे, ताकि यह बिल वापस और किसान को अपनी उपज का मूल्य मिले, किसानों को सुरक्षा मिले. किसान अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ काम कर पाए.