भोपाल। उपचुनाव के माहौल के बीच मध्यप्रदेश में सियासी बयानों की जंग शुरू हो गई है. एक दूसरे पर आरोप और विवादित बयान रोज सुर्खियां बटोर रहे हैं. ताजा मामला पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान का सामने आया है. जिसको लेकर बीजेपी का कहना है कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नालायक कहा है. जबकि कांग्रेस का कहना है कि कमलनाथ ने कभी शिवराज सिंह को नालायक नहीं कहा. समझ नहीं आ रहा है कि शिवराज सिंह खुद को कमलनाथ के हवाले से नालायक क्यों कहलवाना चाहते हैं.
कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लेकर अपने संबोधन में कभी भी नालायक शब्द का उपयोग नहीं किया. लेकिन पता नहीं क्यों सीएम शिवराज सिंह बार-बार कमलनाथ के हवाले से खुद को नालायक बताने पर तुले हुए हैं. पूर्व में भी कमलनाथ ने भोपाल में एक पत्रकार वार्ता में कहा था कि 'कुछ मित्र लायक होते हैं कुछ नालायक' उसमें भी उन्होंने शिवराज सिंह का नाम नहीं लिया था. लेकिन शिवराज सिंह कई दिनों तक बार-बार यह दोहराते रहे कि मुझे एक कमलनाथ ने नालायक बताया.
कांग्रेस का कहना है कि ग्वालियर में पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि हमने 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया. 53 लाख किसानों की कर्ज माफी के आवेदन आए थे. उसको लेकर पूरी प्रक्रिया का पालन करना पड़ा. क्योंकि कई किसानों के चार-चार खाते थे, हमने फसल ऋण माफी की घोषणा की थी, लेकिन कई लोगों ने मकान, ट्रैक्टर व अन्य लोन ले रखे थे, जिसके कारण वे पात्र नहीं थे. अब यदि कोई 26 लाख किसानों की हमारी कर्ज माफी पर सवाल उठाए या कहे कि 53 लाख किसानों के ऋण माफी के आवेदन की प्रक्रिया को 10 दिन में पूरा करो, तो वो नालायकबाजी ही बात होगी. मतलब वो अकल मंदी वाली बात नहीं होगी. सीएम शिवराज सिंह द्वारा पीसीसी चीफ कमलनाथ के बयान को गलत संदर्भ में प्रयोग किया जा रहा है.
सीएम शिवराज सिंह झूठ बोल रहे हैं- नरेंद्र सलूजा
नरेंद्र सलूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी सीएम शिवराज सिंह झूठ बोल रहे हैं. वे कह रहे हैं कि हमने फसल बीमा की राशि जमा की. जबकि कमलनाथ सरकार ने अपने अंश की 509 करोड़ की राशि तत्काल जमा करवा दी थी. शिवराज सरकार ने जो 22 सौ करोड़ की राशि जमा की है, वो उनकी सरकार की ही बकाया राशि थी और प्रदेश के किसानों को जो फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है, वो भी कमलनाथ सरकार द्वारा अपने अंश की जमा कराई गई राशि के कारण ही मिल रहा है. ये जरूर है कि शिवराज सरकार की वापसी के बाद प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का दौर शुरू हो चुका है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसानों की आत्महत्या की खबरें रोज सामने आ रहीं हैं.