भोपाल। कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने झाबुआ में अधिकारियों को हटाए जाने को बीजेपी में अंदरूनी घमासान से जोड़ा है. केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में सत्ता संघर्ष चरम पर है. यहां लड़ाई अब जातिवाद पर उतर आई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ओबीसी नेता प्रीतम लोधी को निपटाया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले आईजी ग्वालियर अनिल शर्मा को हटाया और फिर झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी और कलेक्टर सोमेश मिश्रा को. बता दें कि ये दोनों ब्राह्म्ण हैं.
ग्वालियर आईजी को क्यों हटाया था : उन्होंने आरोप लगाया कि ग्वालियर में पूर्व में आईजी के तौर पर डी श्रीनिवास वर्मा को भेजा जाना था, जो मुख्यमंत्री की पसंद के थे, लेकिन सिंधिया द्वारा इस पर नाराजगी जताए जाने के बाद वर्मा ने यहां ज्वाइन नहीं किया था. बाद में सिंधिया की पसंद के अनिल शर्मा को यहां भेजा गया, लेकिन कुछ समय बाद ही एक मामले में उन्हें हटाकर डीश्रीनिवास वर्मा को भेज दिया गया. इसी तरह झाबुआ से हटाए गए अधिकारी भी सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय की पसंद पर नियुक्त कराए गए थे.
हटाने की यह बताई जा रही वजह : झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को हटाए जाने की वजह स्टूडेंट्स विवाद में कॉलेज की जमीन पर हुए अतिक्रमण को न हटाए जाना बताया जा रहा है. इसको लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी थी, लेकिन कलेक्टर द्वारा इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. विवाद बढ़ने पर छात्रों ने इसकी शिकायत की थी. इससे जुड़े मामले में ही एक छात्र से निलंबित किए गए एसपी अरविंद तिवारी ने गालीगलौज की थी. Congress targeted BJP, VD Sharma dealt OBC, Brahmins on CM target