भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के ऊपर महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को उस बिंदु पर जांच करना चाहिए, जो आरोप नारायण राणे ने आदित्य ठाकरे पर लगाए थे. उनके इस बयान को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उन पर तंज कसा है.
कांग्रेस का कहना है कि ये विषय मध्य प्रदेश से संबंधित नहीं है. इसलिए इस पर बोलना उचित नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर विश्वास सारंग जिस तरह की अधीरता दिखा रहे हैं. इसलिए उन्हें सुझाव है कि वह मुंबई जाएं और अन्याय के खिलाफ प्रतिकार करें, भोपाल में बैठकर, बयान देकर भाले से मक्खी मारने का काम ना करें.
दरअसल बुधवार को फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के मामले में जिस तरह की खबरें सुनने को मिल रही थी. उस पर शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने बयान दिया था कि जिस तरह से कंगना पर अत्याचार हो रहा है. उसे देखकर बाल साहब ठाकरे की आत्मा दुःखी होगी. एक अभिनेता के कहने पर कंगना पर जांच बैठाई है.
मैं उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती देता हूं कि बीजेपी नेता नारायण राणे की बात माने और जो उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले में आदित्य ठाकरे की लिप्तता के बारे में कहा था, उसकी जांच कराएं और आदित्य ठाकरे से इस्तीफा लें.
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विश्वास सारंग के बयान को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह मध्य प्रदेश से संबंधित विषय नहीं है, इसलिए कांग्रेस पार्टी का इस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर विश्वास सारंग बहुत उतावले हैं. अधीरता से इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं. जिसपर उन्होंने कहा कि मेरा उनको सुझाव और आग्रह है कि इतना अन्याय दुनिया में हो रहा है, तो मुंबई जाकर स्वयं शिवसेना के सामने खड़े होकर उसका प्रतिकार करें, साथ ही शिवसेना को वहां जाकर चुनौती दें.