भोपाल। प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल से शासकीय कार्यालयों में कामकाज की शुरूआत कर दी है, जिसमें ऑफिस के 30 प्रतिशत अधिकारी-कर्मचारी ही आएंगे, इसके अलावा सरकार कुछ क्षेत्रों में मार्केट खोलने की तैयारी भी कर रही है, जिसे लेकर कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस का मानना है कि सरकार जल्दबाजी में ये कदम उठा रही है, जो कि आत्मघाती है. ये कदम सरकार पर ही भारी पड़ सकता है. सरकार को लाॅकडाउन खोलने या दुकानों को खोलने जैसे निर्णय पर बहुत बार सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में 20 मार्च को पहला कोरोनाा पॉजिटिव मरीज सामने आया था, लेकिन महज एक महीने में यह संख्या तेजी से बढ़ी है और आज मध्यप्रदेश में करीब तीन हजार से ज्यादा मरीज संक्रमित हो चुके हैं. वहीं इस संक्रमण की वजह से डेढ़ सौ के करीब मरीजों की जान भी जा चुकी है. इन आंकड़ों को देखते हुए प्रदेश में लॉकडाउन का खोलना, सही नहीं कहा जा सकता.
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में जिन पॉजिटिव मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है, उसमें से अभी तक करीब 500 मरीज अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से ठीक हुए हैं, जो कि निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है. लेकिन सरकार को इस मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए .
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि राजधानी में कई जगह पर रेड जोन घोषित किया गया है, इसके बावजूद भी सरकार शासकीय दफ्तरों को खोल रही है. यहां तक कि मंत्रालय, विंध्याचल भवन, सतपुड़ा भवन जैसे बड़े कार्यालयों को भी खोलकर कर्मचारियों को बुलाया गया है. लेकिन इस दौरान किसी भी तरह से सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. यह एक बड़ा आत्मघाती कदम साबित हो सकता है.
उन्होंने कहा कि सरकार राजधानी के रेड जोन क्षेत्रों में भी दुकानें खोलने की तैयारी कर रही हैं. इसके अलावा सरकार लॉकडाउन को भी खोलने का विचार कर रही हैं, लेकिन दुकानें खोलना एक आत्मघाती निर्णय साबित हो सकता है. इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. सरकार को चाहिए कि वह भोपाल में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाए और अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए. उसके बाद ही सही समय आने पर उचित निर्णय लें, क्योंकि भोपाल में आज भी हालात ठीक नहीं हैं.