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अधिकारियों के तबादले के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, बताया आचार संहिता का उल्लंघन - एमपी आचार संहिता का उल्लंघन

प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर कांग्रेस ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा कर स्थानांतरण सूची को निरस्त करने की मांग की है.

Jp dhanopia
जेपी धनोपिया
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Published : Sep 26, 2020, 1:22 AM IST

भोपाल। आज भारत निर्वाचन चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता के ठीक पहले मध्य प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर कांग्रेस ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. साथ ही चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा कर स्थानांतरण सूची को निरस्त करने की मांग की है.

जेपी धनोपिया

आयोग में की शिकायत में कांग्रेस ने कहा है कि आज भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के संबंध में जब प्रेस वार्ता की जा रही थी. तब ताबड़तोड़ तरीके से भाजपा सरकार द्वारा स्थानांतरण किए गए जो कि आगामी उपचुनाव में लाभ लेने के उद्देश्य से की गई व्यूह रचना है और भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना हैं.

complaint letter
शिकायत पत्र

यह सर्वविदित है कि 28 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है तथा 29 सितंबर को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश अवहेलना है. जो कि आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रदेश में बीजेपी द्वारा उप चुनाव की घोषणा के बाद भी जानबूझकर पिछले एक माह से भारी तादाद में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा द्वारा अल्पमत में होते हुए सत्तारूढ़ होने का अनुचित लाभ उठाने का कृत्य किया जा रहा है. जिसमें शासकीय खर्च पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें शुद्ध रूप से उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए आम जनता से अपील की जा रही है और लोक लुभावने वायदे घोषणा है.

भूमि पूजन शिलान्यास और लोकार्पण जैसी कार्यवाही करते हुए शासकीय तंत्र और मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है. जबकि वास्तव में इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है. वे स्वयं एक सभा में सार्वजनिक रूप से घोषित कर चुके है कि मैं टेंपरेरी मुख्यमंत्री हूं, यदि उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को जीत नहीं मिली, तो भाजपा सरकार की रवानगी तय है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से निवेदन किया है कि भले ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील नहीं हुई है. लेकिन उप चुनाव की घोषणा भारत निर्वाचन द्वारा कर दी गई है. तब ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाना न्याय उचित होगा कि वह बिना चुनाव आयोग की अनुमति के किन्हीं भी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण नहीं करें और दिनांक 25 सितंबर 2020 को चुनाव की घोषणा के समय जारी की गई एक सैकड़ा अधिकारियों की सूची को तत्काल रोका जाए.

भोपाल। आज भारत निर्वाचन चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता के ठीक पहले मध्य प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर कांग्रेस ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. साथ ही चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा कर स्थानांतरण सूची को निरस्त करने की मांग की है.

जेपी धनोपिया

आयोग में की शिकायत में कांग्रेस ने कहा है कि आज भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के संबंध में जब प्रेस वार्ता की जा रही थी. तब ताबड़तोड़ तरीके से भाजपा सरकार द्वारा स्थानांतरण किए गए जो कि आगामी उपचुनाव में लाभ लेने के उद्देश्य से की गई व्यूह रचना है और भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना हैं.

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शिकायत पत्र

यह सर्वविदित है कि 28 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है तथा 29 सितंबर को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश अवहेलना है. जो कि आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रदेश में बीजेपी द्वारा उप चुनाव की घोषणा के बाद भी जानबूझकर पिछले एक माह से भारी तादाद में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा द्वारा अल्पमत में होते हुए सत्तारूढ़ होने का अनुचित लाभ उठाने का कृत्य किया जा रहा है. जिसमें शासकीय खर्च पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें शुद्ध रूप से उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए आम जनता से अपील की जा रही है और लोक लुभावने वायदे घोषणा है.

भूमि पूजन शिलान्यास और लोकार्पण जैसी कार्यवाही करते हुए शासकीय तंत्र और मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है. जबकि वास्तव में इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है. वे स्वयं एक सभा में सार्वजनिक रूप से घोषित कर चुके है कि मैं टेंपरेरी मुख्यमंत्री हूं, यदि उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को जीत नहीं मिली, तो भाजपा सरकार की रवानगी तय है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से निवेदन किया है कि भले ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील नहीं हुई है. लेकिन उप चुनाव की घोषणा भारत निर्वाचन द्वारा कर दी गई है. तब ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाना न्याय उचित होगा कि वह बिना चुनाव आयोग की अनुमति के किन्हीं भी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण नहीं करें और दिनांक 25 सितंबर 2020 को चुनाव की घोषणा के समय जारी की गई एक सैकड़ा अधिकारियों की सूची को तत्काल रोका जाए.

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