भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब नामों की लाइन लंबी होती जा रही है. मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम भी अब सुर्खियों में है. क्या 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले कमलनाथ मध्यप्रदेश छोड़ पाएंगे, इस लाजिमी सवाल से पहले इन दो दिग्गजों का वो दम भी जान लीजिए जिसकी बदौलत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए इन नेताओं का नाम टॉप फाइव तक पहुंचा है. Congress President Election, Kamal Nath name in Congress President, Digvajiya Singh name in Congress President
कांग्रेस के नाथ, राह इतनी आसान है क्या: कमलनाथ की गिनती कांग्रेस के सबसे तजुर्बेदार राजनेताओं में होती है. वो उस पीढ़ी से आते हैं, जिसने इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक कांग्रेस का हर दौर बखूबी देखा है. संजय गांधी के बेहद करीबी दोस्त रहे कमलनाथ को इंदिरा गांधी अपना तीसरा बेटा कहती रही हैं. पार्टी में कमलनाथ के प्रबंधन का लोहा माना जाता रहा है. नौ बार से लगातार छिंदवाड़ा सीट की नुमाइंदगी कर रहे कमलनाथ मनमोहन सरकार में शहरी विकास विभाग संभाल चुके हैं. कांग्रेस सरकार के सबसे कद्दावर मंत्रियों में कमलनाथ की गिनती होती रही है. 2004 से लेकर 2014 इन दस सालों में उन्होंने वन पर्यावरण समेत उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय की जवाबदारी भी संभाली.
एमपी छोड़ने की तैयारी में नहीं कमलनाथ: कमलनाथ को कांग्रेस का महासचिव रहने के साथ कम समय के लिए मिली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी के साथ मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन उन्हीं की कुशल रणनीति का नतीजा था, लेकिन इन खूबियों के बावजूद कमलनाथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कतार में शामिल होने को लेकर कई सवाल भी हैं. कमलनाथ खुद कह चुके हैं कि वो अपना घर यानि मध्यप्रदेश छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव की लगातार वो जमावट कर रहे हैं. इस उम्मीद में भी है कि यहां उनकी मेहनत के बेहतर नतीजे मिलने की संभावनाएं भी है. जिस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष के पद को लेकर उनका नाम चल रहा है, उस वक्त भी वे बालाघाट के कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को ये भरोसा दिला रहे हैं कि एमपी में 12 महीने बाद कांग्रेस की सरकार बनना तय है. कमलनाथ की कांग्रेस अध्यक्ष के पद की योग्यता में सबसे बड़ा माइनस पाइंट उनका कार्यकर्ता की पहुंच में ना होना है.
Congress President Election कमलनाथ का नाम भी शामिल, लड़ सकते हैं चुनाव, रेस में आए 4 नाम
दिग्विजय सिंह कांग्रेस के चाणक्य: कांग्रेस में महासचिव रहे दिग्विजय सिंह की गिनती सोनिया गांधी कैम्प के विश्वस्तों में होती रही है. मध्यप्रदेश के दस साल तक मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय वो नेता हैं. जिन पर हमलावर होकर बीजेपी ने सत्ता की राह आसान की है. हांलाकि दिलचस्प ये है कि दिग्विजय सिंह भी अपनी धार बरकरार रखते हुए उसी रफ्तार से बीजेपी और संघ को जवाब देने का कोई मौका नहीं छोड़ते. कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं जो हर समय बीजेपी और संघ पर अटैकिंग मोड में रहते हैं. दिग्विजय सिंह की बड़ी काबिलियत उनका नेटवर्क, रीच है. दिग्विजय और कमलनाथ में बुनियादी फर्क यही है. दिग्विजय ने 2018 के बाद राजनीति का अंदाज भी बदला है. बीजेपी उन पर हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाती है. वो उतने धार्मिक होकर दिखाते हैं. दूसरा उनकी जमीनी सियासत दिग्विजय जनता से जुड़ाव की यात्रा का कोई मौका नहीं छोड़ते. आज भी मध्यप्रदेश की राजनीति में उनकी गिनती ऐसे नेताओं में होती है, जिसे हर इलाके के नेता का नाम मुंह जबानी याद है. ( Congress President Election) (Kamal Nath name in Congress President) (Digvajiya Singh name in Congress President) (MP Political News)