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कांग्रेस ने तैयार किया कच्चा चिट्ठा, आरोप पत्र में व्यापमं घोटाला, शिवराज सरकार के टॉप 5 भ्रष्ट विभागों के भी नाम

मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस ने शिवराज सरकार के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया है. 388 बिंदुओं के आरोप पत्र में एमपी के चर्चित व्यापमं घोटाले से लेकर कूनो में हुई चीतों की मौत के कुप्रबंधन को भी शामिल किया गया है.

kamalnath
कमलनाथ
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Published : Apr 27, 2023, 6:34 PM IST

पारस सकलेचा का बयान

भोपाल। शिवराज सरकार के भ्रष्ट विभागों की सूची में महिला बाल विकास के बाद स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, लोक निर्माण, जलसंसाधन और कृषि विभाग टॉप फाईव में हैं. कुप्रबंधन वाले विभागों में गृह विभाग के बाद वन विभाग है. कांग्रेस ने शिवराज सरकार के अठारह साल की सरकार पर जो आरोप पत्र तैयार किया है, ये नतीजे उसी रिसर्च का हिस्सा हैं. 388 बिंदुओं के आरोप पत्र में एमपी के चर्चित व्यापमं घोटाले से लेकर कूनो में हुई चीतों की मौत के कुप्रबंधन को भी शामिल किया गया है. शिवराज सरकार के खिलाफ तैयार हुए इस आरोप पत्र के तरकश से कांग्रेस जिलावार तीर छोड़ेगी.

एमपी के किन विभागों में सबसे ज्यादा करप्शन के मामले: कांग्रेस के आरोप पत्र में विभागवार भी छंटनी हुई है कि किन विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले आए हैं. पिछले 6 महीने से आरोप पत्र तैयार कर रहे आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष पारस सकलेचा बताते हैं कि उन्होंने इस आरोप पत्र में उन्ही बिंदुओं को शामिल किया है, जिनके दस्तावेज उपलब्ध है. सकलेचा बताते हैं हमने अलग-अलग सूची बनाई है. भ्रष्ट विभागों की सूची अलग है. इनमें महिला बाल विकास लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, कृषि जलसंसाधन, लोकनिर्माण विभाग उर्जा और खनिज विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है.

तीन हिस्सों में 388 बिंदुओं का आरोप पत्र: सकलेचा के मुताबिक तीन हिस्सों में 388 बिंदुओं में ये आरोप पत्र तैयार किया है. इसमें आर्थिक भ्रष्टाचार के साथ कुप्रबंधन और कुशासन के मामले शामिल किए गए हैं. आर्थिक घोटालों में पोषण आहार के अलावा मिड डे मील अवैध खनन पीएमटी भर्ती घोटाला मनरेगा आंगनबाड़ी पेंशन घोटाला समेत 168 घोटाले शामिल हैं.

आरोप पत्र में कूनों के चीतों का कुप्रबंधन भी: आरोप पत्र में कुप्रबंधन के 96 बिंदु हैं. जिसमे बढ़ते कर्ज के साथ अधिकारियों कर्मचारियों की कमी. एससी एसटी वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं का खर्च ना हो पाने से लेकर, जेलों में संख्या से दोगुने कैदी से लेकर कूनो में नीमीबिया से आए चीतों को भी शामिल किया है. पारस सकलेचा कहते हैं कि हम कोशिश कर रहे हैं कि कंपाईल हो जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा बिंदुओं को शामिल करते जाएं. 124 बिंदु कुशासन के हैं, जिसमें बलात्कार के बढ़ते मामलों के साथ शिशु मृत्युदर बढ़ी हुई है. महिला मृत्युदर किसानों की खुदकुशी प्राथमिक शिक्षा में बढ़ते ड्राप आउट रेट को शामिल किया गया है.

कुछ खबर यहां पढ़ें

18 साल का आईना 388 बिंदुओं पर आरोप: पारस सकलेचा बताते हैं कि उन्होंने पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के निर्देश पर ये आरोप पत्र तैयार किया. हालांकि अब लग रहा है कि ये संख्या 400 के पार भी जा सकती है. उन्होंने बताया कि हमने शिवराज सरकार क कार्यकाल के विधानसभा के प्रश्न उत्तर के साथ वार्षिक प्रतिवेदन के आधार पर ये रिपोर्ट ये तैयार की है. वहीं घपले घोटाले शामिल किए हैं, जिनके दस्तावेज हैं. मसलन डंपर का दस्तावेज नहीं मिला तो उसे नहीं रखा गया. पालपुर कूनो का ताजा मामला आया तो हमने उसे भी जोड़ा.

आरोप पत्र के साथ जिलावार पीसी: आरोप पत्र की ये किताब जनता तक तो पहुंचाई जाएगी ही. इसके अलावा आरोप पत्र के साथ कांग्रेस के नेता जिलावार पत्रकार वार्ता भी करेंगे. आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष पारस सकलेचा बताते हैं, जिस जिले के भ्रष्टाचार का मामला होगा वो उसी जिले में उजागर किया जाएगा. उसी जिले में नेता सरकार को घेरेंगे.

पारस सकलेचा का बयान

भोपाल। शिवराज सरकार के भ्रष्ट विभागों की सूची में महिला बाल विकास के बाद स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, लोक निर्माण, जलसंसाधन और कृषि विभाग टॉप फाईव में हैं. कुप्रबंधन वाले विभागों में गृह विभाग के बाद वन विभाग है. कांग्रेस ने शिवराज सरकार के अठारह साल की सरकार पर जो आरोप पत्र तैयार किया है, ये नतीजे उसी रिसर्च का हिस्सा हैं. 388 बिंदुओं के आरोप पत्र में एमपी के चर्चित व्यापमं घोटाले से लेकर कूनो में हुई चीतों की मौत के कुप्रबंधन को भी शामिल किया गया है. शिवराज सरकार के खिलाफ तैयार हुए इस आरोप पत्र के तरकश से कांग्रेस जिलावार तीर छोड़ेगी.

एमपी के किन विभागों में सबसे ज्यादा करप्शन के मामले: कांग्रेस के आरोप पत्र में विभागवार भी छंटनी हुई है कि किन विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले आए हैं. पिछले 6 महीने से आरोप पत्र तैयार कर रहे आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष पारस सकलेचा बताते हैं कि उन्होंने इस आरोप पत्र में उन्ही बिंदुओं को शामिल किया है, जिनके दस्तावेज उपलब्ध है. सकलेचा बताते हैं हमने अलग-अलग सूची बनाई है. भ्रष्ट विभागों की सूची अलग है. इनमें महिला बाल विकास लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, कृषि जलसंसाधन, लोकनिर्माण विभाग उर्जा और खनिज विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है.

तीन हिस्सों में 388 बिंदुओं का आरोप पत्र: सकलेचा के मुताबिक तीन हिस्सों में 388 बिंदुओं में ये आरोप पत्र तैयार किया है. इसमें आर्थिक भ्रष्टाचार के साथ कुप्रबंधन और कुशासन के मामले शामिल किए गए हैं. आर्थिक घोटालों में पोषण आहार के अलावा मिड डे मील अवैध खनन पीएमटी भर्ती घोटाला मनरेगा आंगनबाड़ी पेंशन घोटाला समेत 168 घोटाले शामिल हैं.

आरोप पत्र में कूनों के चीतों का कुप्रबंधन भी: आरोप पत्र में कुप्रबंधन के 96 बिंदु हैं. जिसमे बढ़ते कर्ज के साथ अधिकारियों कर्मचारियों की कमी. एससी एसटी वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं का खर्च ना हो पाने से लेकर, जेलों में संख्या से दोगुने कैदी से लेकर कूनो में नीमीबिया से आए चीतों को भी शामिल किया है. पारस सकलेचा कहते हैं कि हम कोशिश कर रहे हैं कि कंपाईल हो जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा बिंदुओं को शामिल करते जाएं. 124 बिंदु कुशासन के हैं, जिसमें बलात्कार के बढ़ते मामलों के साथ शिशु मृत्युदर बढ़ी हुई है. महिला मृत्युदर किसानों की खुदकुशी प्राथमिक शिक्षा में बढ़ते ड्राप आउट रेट को शामिल किया गया है.

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18 साल का आईना 388 बिंदुओं पर आरोप: पारस सकलेचा बताते हैं कि उन्होंने पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के निर्देश पर ये आरोप पत्र तैयार किया. हालांकि अब लग रहा है कि ये संख्या 400 के पार भी जा सकती है. उन्होंने बताया कि हमने शिवराज सरकार क कार्यकाल के विधानसभा के प्रश्न उत्तर के साथ वार्षिक प्रतिवेदन के आधार पर ये रिपोर्ट ये तैयार की है. वहीं घपले घोटाले शामिल किए हैं, जिनके दस्तावेज हैं. मसलन डंपर का दस्तावेज नहीं मिला तो उसे नहीं रखा गया. पालपुर कूनो का ताजा मामला आया तो हमने उसे भी जोड़ा.

आरोप पत्र के साथ जिलावार पीसी: आरोप पत्र की ये किताब जनता तक तो पहुंचाई जाएगी ही. इसके अलावा आरोप पत्र के साथ कांग्रेस के नेता जिलावार पत्रकार वार्ता भी करेंगे. आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष पारस सकलेचा बताते हैं, जिस जिले के भ्रष्टाचार का मामला होगा वो उसी जिले में उजागर किया जाएगा. उसी जिले में नेता सरकार को घेरेंगे.

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