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बजरंगबली आदिवासी थे, कांग्रेस MLA ने कहा- कहानियों में ट्विस्ट देने के लिए बंदर बताया गया - बजरंगबली आदिवासी

एमपी चुनावों से पहले आदिवासियों को साधने के लिए लगातार बीजेपी-कांग्रेस की तरफ से पूर जोर कोशिस की जा रही है. भगवान शंकर को आदिवासी बताए जानें के बाद कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने अब हनुमान और उनकी सेना को आदिवासी बताया है. उन्होने कहा कि रामायण की कहानियों में ट्विस्ट देने लिए आदिवासियों को बंदर बता दिया गया जबकी आदिवासी ही भगवान राम को लंका लेकर गए थे.

Hanuman tribal
बजरंगबली आदिवासी
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Published : Jun 10, 2023, 4:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने भगवान हनुमान को आदिवासी करार दिया है. पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को धार जिले में एक रैली में यह दावा किया. इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने भगवान शिव और बजरंगबली या भगवान हनुमान को आदिवासी कहा था. धार जिले के गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंघार ने कहा कि भगवान राम को लंका ले जाने वाले आदिवासी ही थे.

रामायण में बंदर नहीं आदिवासियों की सेना थी: पूर्व मंत्री सिंघार ने दावा किया कि कुछ लेखकों ने अपनी कहानियों में लिखा है कि बंदरों की एक सेना थी, लेकिन यह सच नहीं था. उन्होंने कहा कि सभी आदिवासी थे जो जंगल में रहते थे. कहानी लिखने वाले ट्विस्ट देते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि हनुमान भी आदिवासी हैं. वे भगवान राम को लंका ले गए थे अत: हम उन्हीं के वंशज हैं. हम बिरसा मुंडा, टंट्या मामा और हनुमान के वंशज हैं. सिंघार ने कहा कि गर्व से कहो कि हम आदिवासी हैं.

भगवान शिव को भी बताया आदिवासी: इस महीने की शुरुआत में, बरघाट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने दावा किया था कि भगवान शिव एक आदिवासी थे, जिन्होंने दुनिया को बचाने के लिए जहर पी लिया था. मंथन (मंथन) से अमृत निकला था समझदार लोगों ने अमृत पिया और विष पीछे रह गया. उस विष का क्या करें? किसने पिया था वो जहर? काकोड़िया ने कहा कि हिमालय में रहने वाले भोले भंडारी (भगवान शिव) ने इसे पिया. आदिवासियों को 'भोले भंडारी' कहा जाता है.

Also Raed

विधायक काकोड़िया ने आगे कहा कि आदिवासियों ने जहर पीकर दुनिया को जिंदगी दी, हमारा समाज कितना गौरवशाली है. ये सभी लोग हमसे निकले हैं, इसलिए हम इन सभी का सम्मान करते हैं. मई में काकोड़िया ने कहा था कि बजरंगबली एक आदिवासी वनवासी थे जिन्होंने भगवान राम की रक्षा की और उनकी मदद की. काकोड़िया ने उदेपानी गांव में एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कोई अयोध्या, क्षत्रिय या ब्राह्मण सेना नहीं थी, लेकिन आदिवासी समुदाय ने भगवान राम की मदद की थी.

PTI

भोपाल। मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने भगवान हनुमान को आदिवासी करार दिया है. पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को धार जिले में एक रैली में यह दावा किया. इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने भगवान शिव और बजरंगबली या भगवान हनुमान को आदिवासी कहा था. धार जिले के गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंघार ने कहा कि भगवान राम को लंका ले जाने वाले आदिवासी ही थे.

रामायण में बंदर नहीं आदिवासियों की सेना थी: पूर्व मंत्री सिंघार ने दावा किया कि कुछ लेखकों ने अपनी कहानियों में लिखा है कि बंदरों की एक सेना थी, लेकिन यह सच नहीं था. उन्होंने कहा कि सभी आदिवासी थे जो जंगल में रहते थे. कहानी लिखने वाले ट्विस्ट देते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि हनुमान भी आदिवासी हैं. वे भगवान राम को लंका ले गए थे अत: हम उन्हीं के वंशज हैं. हम बिरसा मुंडा, टंट्या मामा और हनुमान के वंशज हैं. सिंघार ने कहा कि गर्व से कहो कि हम आदिवासी हैं.

भगवान शिव को भी बताया आदिवासी: इस महीने की शुरुआत में, बरघाट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने दावा किया था कि भगवान शिव एक आदिवासी थे, जिन्होंने दुनिया को बचाने के लिए जहर पी लिया था. मंथन (मंथन) से अमृत निकला था समझदार लोगों ने अमृत पिया और विष पीछे रह गया. उस विष का क्या करें? किसने पिया था वो जहर? काकोड़िया ने कहा कि हिमालय में रहने वाले भोले भंडारी (भगवान शिव) ने इसे पिया. आदिवासियों को 'भोले भंडारी' कहा जाता है.

Also Raed

विधायक काकोड़िया ने आगे कहा कि आदिवासियों ने जहर पीकर दुनिया को जिंदगी दी, हमारा समाज कितना गौरवशाली है. ये सभी लोग हमसे निकले हैं, इसलिए हम इन सभी का सम्मान करते हैं. मई में काकोड़िया ने कहा था कि बजरंगबली एक आदिवासी वनवासी थे जिन्होंने भगवान राम की रक्षा की और उनकी मदद की. काकोड़िया ने उदेपानी गांव में एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कोई अयोध्या, क्षत्रिय या ब्राह्मण सेना नहीं थी, लेकिन आदिवासी समुदाय ने भगवान राम की मदद की थी.

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