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अपने ही विधायक के निशाने पर कमलनाथ सरकार, हीरालाल अलावा ने निजी कंपनी को खदान देने का किया विरोध

आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने पर जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने ट्वीट कर नाराजगी जताई है.

अपने ही विधायक के निशाने पर सरकार
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Published : Aug 20, 2019, 9:08 AM IST

भोपाल। आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पहले ही इस मामले में ट्वीट कर नाराजगी जता चुके कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर एक तरह से अभियान छेड़ दिया है. डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्रों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने की जगह इन इलाकों के आदिवासी नौजवानों, ग्रामीणों और ग्राम सभाओं को मिलनी चाहिए. इस मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश के सभी अधिसूचित इलाकों में नए सिरे से खनन नीति बनाने के निर्देश दिए हैं.

अपने ही विधायक के निशाने पर कमलनाथ सरकार

इस मामले में लगातार प्रयास कर रहे जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने ट्वीट के जरिए पहले ही मध्यप्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था कि प्रदेश के जो अधिसूचित और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, वहां पर जो खदानें हैं उनमें खनन के लिए आदिवासियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए न कि निजी कंपनियों को.

डॉ हीरालाल अलावा ने कहा कि प्रदेश सरकार तक ये संदेश गया है और सरकार से अनुरोध किया है कि आदिवासियों के विकास के लिए वहां के युवाओं, ग्रामीणों और वहां की ग्राम सभा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. विधायक का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करेगी और निर्णय लेगी, ताकि प्रदेश के आदिवासियों का विकास हो.

भोपाल। आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पहले ही इस मामले में ट्वीट कर नाराजगी जता चुके कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर एक तरह से अभियान छेड़ दिया है. डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्रों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने की जगह इन इलाकों के आदिवासी नौजवानों, ग्रामीणों और ग्राम सभाओं को मिलनी चाहिए. इस मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश के सभी अधिसूचित इलाकों में नए सिरे से खनन नीति बनाने के निर्देश दिए हैं.

अपने ही विधायक के निशाने पर कमलनाथ सरकार

इस मामले में लगातार प्रयास कर रहे जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने ट्वीट के जरिए पहले ही मध्यप्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था कि प्रदेश के जो अधिसूचित और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, वहां पर जो खदानें हैं उनमें खनन के लिए आदिवासियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए न कि निजी कंपनियों को.

डॉ हीरालाल अलावा ने कहा कि प्रदेश सरकार तक ये संदेश गया है और सरकार से अनुरोध किया है कि आदिवासियों के विकास के लिए वहां के युवाओं, ग्रामीणों और वहां की ग्राम सभा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. विधायक का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करेगी और निर्णय लेगी, ताकि प्रदेश के आदिवासियों का विकास हो.

Intro:भोपाल।आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।पहले ही इस मामले में ट्वीट कर नाराजगी जता चुके कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एक तरह से अभियान छेड़ दिया है। डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि हम यह चाहते हैं कि अधिसूचित क्षेत्रों की खदानें निजी कंपनियों को दिए जाने की जगह इन इलाकों के आदिवासी नौजवानों, ग्रामीणों और ग्राम सभाओं को मिलनी चाहिए। चर्चा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश के सभी अधिसूचित इलाकों में नए सिरे से खनन नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।


Body:इस मामले में लगातार प्रयास कर रहे जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मैंने ट्वीट के जरिए पहले ही मध्यप्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था कि मध्य प्रदेश के जो अधिसूचित और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। वहां पर जो खदानें हैं, चाहे वह डोलोमाइट, रॉक फास्फेट या फिर रेत की खदानें हो। हमने मांग की है कि इन खदानों में खनन के लिए आदिवासियों को प्राथमिकता मिलना चाहिए, ना कि निजी कंपनियों को। हमारी इस पहल से मध्य प्रदेश सरकार तक यह संदेश गया है और सरकार से हमने अनुरोध किया है कि आदिवासियों के विकास के लिए वहां के युवाओं,ग्रामीणों और वहां की ग्राम सभा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार इस विषय पर गंभीरता से सोचेगी और गंभीरता से निर्णय लेगी। ताकि प्रदेश के आदिवासियों का विकास हो। हम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि आने वाले समय में जो खदानें को लेकर नीतियां बनती है, उनमें आदिवासियों को प्राथमिकता दी जाए।


Conclusion:बाइट - डा हीरालाल अलावा - विधायक कांग्रेस,
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