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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को बड़ा झटका, अग्रिम जमानत की याचिका खारिज

भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. मसूद पर इकबाल मैदान में हजारों की भीड़ इकट्ठा करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है.

Arif Masood
आरिफ मसूद
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Published : Nov 7, 2020, 6:36 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 6:44 PM IST

भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. शनिवार को भोपाल जिला अदालत ने आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में दर्ज हुई FIR के बाद आरिफ मसूद ने भोपाल जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.

आरिफ मसूद अग्रिम जमानत याचिका खारिज

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत दर्ज हुआ है मुकदमा

फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ इकबाल मैदान पर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में भोपाल पुलिस ने आरिफ मसूद के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं. इनमें से एक FIR धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत है दर्ज की गई है. यह धाराएं गैर जमानती हैं. लिहाजा आरिफ मसूद ने अग्रिम जमानत याचिका भोपाल जिला अदालत में दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

भोपाल जिला अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद माना जा रहा है कि किसी भी वक्त कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की गिरफ्तारी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि जिस दिन आरिफ मसूद के खिलाफ धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था, उस दिन से ही आरिफ मसूद बिहार चुनाव में प्रचार करने गए हुए हैं. वहीं जानकारों का कहना है कि भोपाल जिला अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब आरिफ मसूद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

क्या है मामला

फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून बनाया और उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की. जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील कर रहा है. मुस्लिम समुदाय के रहनुमाओं का कहना है कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे तब तक इसी तरह के आंदोलन विश्व भर में जारी रहेंगे. फ्रांस में हुए कार्टून विवाद के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल के इकबाल मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधायक पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया. इस दौरान प्रदर्शन को लेकर राजनीति के गलियारों में भी बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया. इसे लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी. तो वहीं प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के लिए भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था. इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कानून व्यवस्था को लेकर एक बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही आरिफ मसूद के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया और मसूद के कॉलेज पर भी बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई.

इकबाल मैदान पर हुआ था फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन

राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान पर फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस प्रदर्शन का आह्वान कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया था. इस प्रोटेस्ट के लिए मसूद को केवल 30 लोगों की ही अनुमति दी गई थी. लेकिन देखते ही देखते सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन में शामिल होने का मैसेज इस कदर वायरल हुआ कि इकबाल मैदान पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान फ्रांस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई गई. हजारों की भीड़ में न तो किसी ने दो गज दूरी का ख्याल रखा और न ही कोई मास्क पहने नजर आया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मुकदमा कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद समेत दो हजार लोगों पर दर्ज कर दिया गया. इसके बाद विधायक की गिरफ्तारी कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस मामले में मैसेज वायरल करने वालों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की.

ये भी पढ़ें- फ्रांस कार्टून विवाद आरिफ पर पड़ा भारी, छह दिनों में दो FIR, कॉलेज पर चला बुलडोजर

कौन हैं आरिफ मसूद

2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं. विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने कह दिया था कि मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा. इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

दबंग छवि के हैं आरिफ मसूद

दबंग छवि के लिए मशहूर मसूद ने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ पूरे भोपाल में प्रदर्शन आयोजित किए थे. मॉब लिंचिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों के साथ वे सड़कों पर उतरे थे साल 2001 में गदर- एक प्रेम कथा फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ भोपाल के लिली टॉकीज में भी कार्यकर्ताओं के साथ इनपर तोड़फोड़ का आरोप है. इसका नेतृत्व भी मसूद ने ही किया था. उस समय मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्विजय सिंह ने इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. कुछ समय समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और 2010 में पार्टी के अल्पसंख्क मोर्चा के संयोजक बने.

भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. शनिवार को भोपाल जिला अदालत ने आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में दर्ज हुई FIR के बाद आरिफ मसूद ने भोपाल जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.

आरिफ मसूद अग्रिम जमानत याचिका खारिज

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत दर्ज हुआ है मुकदमा

फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ इकबाल मैदान पर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में भोपाल पुलिस ने आरिफ मसूद के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं. इनमें से एक FIR धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत है दर्ज की गई है. यह धाराएं गैर जमानती हैं. लिहाजा आरिफ मसूद ने अग्रिम जमानत याचिका भोपाल जिला अदालत में दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

भोपाल जिला अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद माना जा रहा है कि किसी भी वक्त कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की गिरफ्तारी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि जिस दिन आरिफ मसूद के खिलाफ धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था, उस दिन से ही आरिफ मसूद बिहार चुनाव में प्रचार करने गए हुए हैं. वहीं जानकारों का कहना है कि भोपाल जिला अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब आरिफ मसूद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

क्या है मामला

फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून बनाया और उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की. जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील कर रहा है. मुस्लिम समुदाय के रहनुमाओं का कहना है कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे तब तक इसी तरह के आंदोलन विश्व भर में जारी रहेंगे. फ्रांस में हुए कार्टून विवाद के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल के इकबाल मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधायक पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया. इस दौरान प्रदर्शन को लेकर राजनीति के गलियारों में भी बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया. इसे लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी. तो वहीं प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के लिए भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था. इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कानून व्यवस्था को लेकर एक बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही आरिफ मसूद के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया और मसूद के कॉलेज पर भी बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई.

इकबाल मैदान पर हुआ था फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन

राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान पर फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस प्रदर्शन का आह्वान कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया था. इस प्रोटेस्ट के लिए मसूद को केवल 30 लोगों की ही अनुमति दी गई थी. लेकिन देखते ही देखते सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन में शामिल होने का मैसेज इस कदर वायरल हुआ कि इकबाल मैदान पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान फ्रांस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई गई. हजारों की भीड़ में न तो किसी ने दो गज दूरी का ख्याल रखा और न ही कोई मास्क पहने नजर आया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मुकदमा कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद समेत दो हजार लोगों पर दर्ज कर दिया गया. इसके बाद विधायक की गिरफ्तारी कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस मामले में मैसेज वायरल करने वालों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की.

ये भी पढ़ें- फ्रांस कार्टून विवाद आरिफ पर पड़ा भारी, छह दिनों में दो FIR, कॉलेज पर चला बुलडोजर

कौन हैं आरिफ मसूद

2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं. विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने कह दिया था कि मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा. इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

दबंग छवि के हैं आरिफ मसूद

दबंग छवि के लिए मशहूर मसूद ने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ पूरे भोपाल में प्रदर्शन आयोजित किए थे. मॉब लिंचिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों के साथ वे सड़कों पर उतरे थे साल 2001 में गदर- एक प्रेम कथा फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ भोपाल के लिली टॉकीज में भी कार्यकर्ताओं के साथ इनपर तोड़फोड़ का आरोप है. इसका नेतृत्व भी मसूद ने ही किया था. उस समय मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्विजय सिंह ने इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. कुछ समय समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और 2010 में पार्टी के अल्पसंख्क मोर्चा के संयोजक बने.

Last Updated : Nov 7, 2020, 6:44 PM IST
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