भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए 28 विधानसभा उपचुनाव के बाद आगे की रणनीति को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सुगबुगाहट शुरू हो गई है. आज सुबह जहां अन्य दलों के विधायक भाजपा सरकार के मंत्रियों से मिले. तो वही कमलनाथ ने 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाने का ऐलान कर दिया है. इस बैठक की खास बात यह है कि इसमें अन्य और निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है. हालांकि यह विधायक शामिल होते हैं या नहीं होते हैं, यह 10 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा.
मध्य प्रदेश में हुए 28 विधानसभा उपचुनाव के परिणाम 10 नवंबर को आने हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में सरकार बचाने और गिराने की जद्दोजहद में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है. खास बात यह है कि इस बैठक में निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है. 10 नवंबर के बाद हो रही इस बैठक में कांग्रेस के जो नए विधायक चुनाव जीतकर आएंगे, वह भी शामिल होंगे. हालांकि अभी तक ये कांग्रेस विधायक दल की बैठक मानी जा रही है. लेकिन 10 नवंबर को अगर कांग्रेस के दावे के अनुसार परिणाम आते हैं, तो इस बैठक का नजारा कुछ और ही होगा.
कमलनाथ पहले ही कर चुके थे इस बैठक की घोषणा
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि विधायक दल की बैठक पहले से तय थी. कमलनाथ पहले ही यह घोषणा कर चुके थे कि हम चुनाव परिणामों के बाद बैठक करेंगे और उसमें अगली सरकार की रणनीति और रूपरेखा बनाई जाएगी. यह वही बैठक है. निश्चित रूप से वह विधायक भी शामिल होंगे,जो जीतकर आएंगे. उनके साथ भी रणनीति बनाई जाएगी. क्योंकि जो निर्दलीय और अन्य विधायक पूर्व में हमारी सरकार के साथ रहे हैं. उनके साथ हमारा तालमेल अभी भी बना हुआ है, तो वह भी इस बैठक में आ सकते हैं.
परिणाम बाद रणनीति पर मंथन
जीत की आस लगाए दोनों दल चुनाव परिणामों के बाद की रणनीति पर मंथन करने में जुटे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं, साथ ही मतदान की समीक्षा कर रहे हैं. परिणामों के बाद के अंक गणित पर भी जोड़-घटाव जारी है. उनका कोर ग्रुप इस बात पर भी मंथन कर रहा है कि अगर कांग्रेस 20 या उसके आसपास सीटें जीतती हैं तो किस तरह आगे बढ़ा जाएगा. इसको लेकर निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों से कांग्रेस के नेता लगातार संपर्क में हैं. कांग्रेस को भरोसा तो इस बात का है कि अगर भाजपा को पूर्ण बहुमत से बहुत ज्यादा सीटें नहीं मिलती हैं तो पार्टी में बगावत हो सकती है और उसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है.
विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटें हैं. सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं. वहीं दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं. दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली. लिहाजा वर्तमान में बीजेपी को बहुमत के लिए महज 8 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के लिए सभी 28 सीटें जीतनी होंगी.