भोपाल। आगर विधानसभा सीट के विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद अब सीट पर उपचुनाव होना है . 2018 में विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा में हुए कड़े मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेडे भाजपा प्रत्याशी मनोहर ऊंटवाल से महज ढाई हजार वोट से हार गए थे. उप चुनाव की स्थिति बनने पर विपिन वानखेडे़ एक बार फिर इस सीट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
हालांकि विपिन वानखेडे का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेहतर कामकाज के कारण कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है और मैं दावेदारी कर रहा हूं, लेकिन फैसला मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लेना है. कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद इस सीट पर कांग्रेस की जीत की संभावना भी ज्यादा नजर आ रही है.
2018 विधानसभा चुनाव दी थी कड़ी टक्कर
2018 विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा में एक कड़ा मुकाबला देखने मिला था. कांग्रेस पार्टी ने यहां एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेड़े को मैदान में उतारा था तो भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर ऊंटवाल को मैदान में उतारा था चुनाव के ठीक पहले एक राजनीतिक प्रकरण के कारण विपिन वानखेड़े को गिरफ्तार भी कर जेल भेज दिया गया था. हाई कोर्ट से मिली जमानत के बाद विपिन वानखेड़े रिहा हुए थे और उन्हें चुनाव प्रचार का काफी कम वक्त मिला था. इसके बावजूद भी विपिन वानखेड़े ने भाजपा के कद्दावर नेता मनोहर ऊंटवाल को कड़ी टक्कर दी थी.
ढाई हजार वोटों से हारे थे विपिन वानखेड़े
हालांकि विपिन वानखेड़े को करीब ढाई हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. आगर विधानसभा में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दोनों राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. कांग्रेस भाजपा के खाते की सीट को हर कीमत पर छीनना चाहती है. विधानसभा चुनाव में काफी कम अंतर से हारे विपिन वानखेडे का दावा काफी मजबूत बन रहा है. माना जा रहा है कि पार्टी विपिन वानखेड़े को दोबारा टिकट दे सकती है.