भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (BJP Fire Brand Leader Uma Bharti) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. हाल ही में उन्होंने नौकरशाह को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को चप्पल उठाने वाला कहा है. उनके इस बयान पर कांग्रेस ने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता पीसी शर्मा (Congress Leader PC Sharma) ने कहा कि उमा भारती का बयान अपमानजनक है. इसके लिए भाजपा का माफी मांगनी चाहिए.
उमा ने कर्मचारियों का किया अपमान
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से कर्मचारियों के हित में रही है. कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) में कांग्रेस ने अधिकारियों और कर्मचारियों का पांच प्रतिशत डीए बढ़ाया था, लेकिन भाजपा सरकार में कर्मचारियों का अपमान हो रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड काल (Corona Era) में न जाने कितने कर्मचारियों की जान गई और उन्हें आज तक कुछ नहीं मिला है. उमा भारती के बयान पर भाजपा का माफी मांगनी चाहिए नहीं तो उनके खिलाफ एफआईआर (FIR Against Uma Bharti) करानी चाहिए.
उमा भारती के बयान पर कांग्रेस ने शिवराज से मांगा स्पष्टीकरण
उमा भारती के बयान पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा (congress spokesperson kk mishra) ने कहा कि मध्य प्रदेश की अफसर शाही निरंतर उलझती जा रही है. गत माह एक कार्यक्रम में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा था कि अफसरशाही मध्य प्रदेश की सरकार (MP Government) को चला रही है. अब उमा भारती ने कहा कि अफसरशाही हमारे जूते-चप्पल उठाती है, उनकी औकात क्या है. इन दोनो बातों का जवाब देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान (Cm Shivraj Singh Chouhan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि आपके परिश्रम और धैर्य की वजह से कोरोना की दूसरी लहर पर हमने काबू पाया है. यह सीधे तौर पर उमा भारती का परोक्ष रूप से जवाब है.
उमा भारती का विवादित बयान- ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, चप्पल उठाने वाली
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर अफसरों की वजह से कोरोना पर काबू पाया गया है, तो मौतों का जिम्मेवार कौन है. उन्होंने कहा कि अफसरशाही को लेकर तीन शीर्ष नेताओं के जो विरोधाभासी बयान आए हैं. उस पर बहस होनी चाहिए. भाजपा में अफसरों के दोहरा-तिहरा चेहरा क्यों है. सीएम शिवराज को यह स्पष्ट करना चाहिए.