ETV Bharat / state

'लॉकडाउन के समय के छोटे व्यापारियों की भी बिजली बिल हों माफ'

छतरपुर में बकाया बिजली से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली है. जिसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने एक बड़ा फैसला लिया है. उस फैसले को देखते हुए कांग्रेस ने लॉकडाउन के समय के छोटे व्यापारियों की भी बिजली बिल माफ करने की भी मांग की है.

congress leader bhupendra gupta
भूपेंद्र गुप्ता
author img

By

Published : Jan 2, 2021, 4:09 PM IST

भोपाल। छतरपुर जिले के मातगंवा गांव में दो दिन पहले बिजली बिल की वसूली से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली है. मृत किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि मेरा शरीर सरकार को दे दिया जाए, ताकि वह मेरे अंग बेच कर वसूली कर ले. इस मामले में कांग्रेस ने अगले तीन महीने तक सभी बिजली बिल स्थगित करने की मांग की है. जिसके बाद सरकार ने 1 किलोवॉट तक के बिजली कनेक्शनों के बकाया बिल की वसूली स्थगित कर दी है. ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को वाहवाही लूट कर वसूली की क्रूर कोशिशों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि किसी के जेब से 20 रुपए निकालकर 5 रुपए लौटाने का हथकंडा है ये. अब कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान छोटे उद्योगपतियों के कारखाने बंद रहने के दौरान के बिजली बिल माफ करने की भी मांग की है.

छोटे व्यापारियों की भी बिजली बिल हों माफ

20 लाख छोटे व्यापारियों पर भारी बिजली बिलों की मार

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान छोटे उद्योगपतियों के कारखाने बंद रहने के दौरान के बिजली बिल माफ किए जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 20 लाख छोटे व्यापारी और उद्यमी हैं. जिनके व्यवसाय लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह से बंद थे, लेकिन उस दौरान भी उनके बिजली बिल पूरे आ रहे हैं. ऐसे व्यापारियों एवं कुटीर और लघु उद्यमियों के लॉक डाउन के दौरान के बिजली बिल तत्काल माफ किए जाना चाहिए. मीटर की रीडिंग जीरो बता रही है और बिल औसत के आधार पर हजारों रुपए के दिए जा रहे हैं.

पढ़ें पूरा मामला- किसान का सुसाइड नोटः 'मेरा अंग-अंग बेच कर बिजली विभाग का कर्ज चुका दिया जाए'

पेट पालने के लिए हो रहे लूट का शिकार

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की आठ करोड़ जनता जानना चाहती है कि मंत्री के हाथ में आते ही 13 हजार का बिजली का बिल 212 रुपए किस आधार पर बदल गया. और मंत्री ने फर्जी बिल बनाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की ? आज करोड़ो उपभोक्ता इस फर्जी बिलिंग से परेशान हैं. जिनके घरों में 500 वॉट के कनेक्शन हैं, उनको दो हजार यूनिट की बिलिंग कर लूटा जा रहा है. इसे कौन रोकेगा. मजबूर मध्यमवर्ग और छोटे उद्यमी जानते हुए भी सरकारी लूट का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें पेट पालना है.

पढ़ें- अब प्रदेश में नहीं होगे बिजली बिल ओवरड्यू

20 किलोवॉट तक के बिजली बिल भी हों स्थगित

उन्होंने कहा कि अगर करोड़ों लोग प्रभावित हों और हजारों को राहत देखकर पीठ ठोक ली जाए, तो इसका क्या फायदा ? कांग्रेस ने मांग की है कि 20 किलोवॉट तक की खपत वाली इकाइयों का लॉकडाउन के समय में बिजली बिल भी स्थगित किया जाए. एक की लूट और दूसरे को छूट की नीति नैसर्गिक न्याय की हत्या है.

भोपाल। छतरपुर जिले के मातगंवा गांव में दो दिन पहले बिजली बिल की वसूली से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली है. मृत किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि मेरा शरीर सरकार को दे दिया जाए, ताकि वह मेरे अंग बेच कर वसूली कर ले. इस मामले में कांग्रेस ने अगले तीन महीने तक सभी बिजली बिल स्थगित करने की मांग की है. जिसके बाद सरकार ने 1 किलोवॉट तक के बिजली कनेक्शनों के बकाया बिल की वसूली स्थगित कर दी है. ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को वाहवाही लूट कर वसूली की क्रूर कोशिशों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि किसी के जेब से 20 रुपए निकालकर 5 रुपए लौटाने का हथकंडा है ये. अब कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान छोटे उद्योगपतियों के कारखाने बंद रहने के दौरान के बिजली बिल माफ करने की भी मांग की है.

छोटे व्यापारियों की भी बिजली बिल हों माफ

20 लाख छोटे व्यापारियों पर भारी बिजली बिलों की मार

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान छोटे उद्योगपतियों के कारखाने बंद रहने के दौरान के बिजली बिल माफ किए जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 20 लाख छोटे व्यापारी और उद्यमी हैं. जिनके व्यवसाय लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह से बंद थे, लेकिन उस दौरान भी उनके बिजली बिल पूरे आ रहे हैं. ऐसे व्यापारियों एवं कुटीर और लघु उद्यमियों के लॉक डाउन के दौरान के बिजली बिल तत्काल माफ किए जाना चाहिए. मीटर की रीडिंग जीरो बता रही है और बिल औसत के आधार पर हजारों रुपए के दिए जा रहे हैं.

पढ़ें पूरा मामला- किसान का सुसाइड नोटः 'मेरा अंग-अंग बेच कर बिजली विभाग का कर्ज चुका दिया जाए'

पेट पालने के लिए हो रहे लूट का शिकार

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की आठ करोड़ जनता जानना चाहती है कि मंत्री के हाथ में आते ही 13 हजार का बिजली का बिल 212 रुपए किस आधार पर बदल गया. और मंत्री ने फर्जी बिल बनाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की ? आज करोड़ो उपभोक्ता इस फर्जी बिलिंग से परेशान हैं. जिनके घरों में 500 वॉट के कनेक्शन हैं, उनको दो हजार यूनिट की बिलिंग कर लूटा जा रहा है. इसे कौन रोकेगा. मजबूर मध्यमवर्ग और छोटे उद्यमी जानते हुए भी सरकारी लूट का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें पेट पालना है.

पढ़ें- अब प्रदेश में नहीं होगे बिजली बिल ओवरड्यू

20 किलोवॉट तक के बिजली बिल भी हों स्थगित

उन्होंने कहा कि अगर करोड़ों लोग प्रभावित हों और हजारों को राहत देखकर पीठ ठोक ली जाए, तो इसका क्या फायदा ? कांग्रेस ने मांग की है कि 20 किलोवॉट तक की खपत वाली इकाइयों का लॉकडाउन के समय में बिजली बिल भी स्थगित किया जाए. एक की लूट और दूसरे को छूट की नीति नैसर्गिक न्याय की हत्या है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.