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सीता- राम के नाम पर सियासत, कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप - श्रीलंका में सीता माता मंदिर का निर्माण

मध्यप्रदेश में भगवान राम को लेकर तो राजनीति होती रहती है, लेकिन इस बार सीता माता को लेकर जमकर सियासत हो रही है.खास बात यह है कि अब तक सीता- राम को लेकर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी बैकफुट पर है.

शिवराज सिंह चौहान और सीएम कमलनाथ
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Published : Jul 18, 2019, 10:37 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में भगवान राम को लेकर तो राजनीति होती रहती है लेकिन इस बार सीता माता को लेकर जमकर सियासत हो रही है.खास बात यह है कि अब तक राम-सीता को लेकर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी बैकफुट पर है. कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर आठ सालों में बीजेपी सीता माता के मंदिर क्यों नहीं बनवा पाई है.


दरअसल रामपथ वन गमन और श्रीलंका में सीता मंदिर को लेकर शिवराज सिंह कांग्रेस के निशाने पर हैं. शिवराज सिंह साल 2007 में प्रदेश में भगवान रामपथ वन गमन योजना का एलान किया था, लेकिन बाद में वे भूल गए. रामपथ वन गमन के लिए कमलनाथ सरकार ने तो बजट प्रावधान कर दिया है. अब कमलनाथ सरकार ने एक और ऐसे मुद्दे को लेकर शिवराज सिंह को घेरना शुरू कर दिया है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप


वह मुद्दा श्रीलंका में माता सीता के मंदिर के निर्माण का है. जिसका भूमि पूजन शिवराज सिंह ने 2010 में किया था और श्रीलंका सरकार के लिए एक करोड़ रूपए भी मुहैया कराए थे. इसके बाद भी 8 सालों में मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है. अब कमलनाथ सरकार मंदिर निर्माण न हो पाने के कारणों का पता लगा रही है. साथ ही मंदिर बनवाने की बात कह रही है.


इस मामले में कांग्रेस को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि सियासत आस्था के मसले पर हम नहीं बल्कि शिवराज सिंह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस माता सीता के श्रीलंका से संबंधों की जांच नहीं कर रही है. बल्कि हम उन तथ्यों की जांच कर रहे हैं कि 2010 में श्रीलंका के नुवारा में अशोक वाटिका में माता सीता के मंदिर का भूमि पूजन करने के 8 साल बाद भी शिवराज सिंह मंदिर का निर्माण शुरू क्यों नहीं करा पाए हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में भगवान राम को लेकर तो राजनीति होती रहती है लेकिन इस बार सीता माता को लेकर जमकर सियासत हो रही है.खास बात यह है कि अब तक राम-सीता को लेकर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी बैकफुट पर है. कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर आठ सालों में बीजेपी सीता माता के मंदिर क्यों नहीं बनवा पाई है.


दरअसल रामपथ वन गमन और श्रीलंका में सीता मंदिर को लेकर शिवराज सिंह कांग्रेस के निशाने पर हैं. शिवराज सिंह साल 2007 में प्रदेश में भगवान रामपथ वन गमन योजना का एलान किया था, लेकिन बाद में वे भूल गए. रामपथ वन गमन के लिए कमलनाथ सरकार ने तो बजट प्रावधान कर दिया है. अब कमलनाथ सरकार ने एक और ऐसे मुद्दे को लेकर शिवराज सिंह को घेरना शुरू कर दिया है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप


वह मुद्दा श्रीलंका में माता सीता के मंदिर के निर्माण का है. जिसका भूमि पूजन शिवराज सिंह ने 2010 में किया था और श्रीलंका सरकार के लिए एक करोड़ रूपए भी मुहैया कराए थे. इसके बाद भी 8 सालों में मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है. अब कमलनाथ सरकार मंदिर निर्माण न हो पाने के कारणों का पता लगा रही है. साथ ही मंदिर बनवाने की बात कह रही है.


इस मामले में कांग्रेस को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि सियासत आस्था के मसले पर हम नहीं बल्कि शिवराज सिंह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस माता सीता के श्रीलंका से संबंधों की जांच नहीं कर रही है. बल्कि हम उन तथ्यों की जांच कर रहे हैं कि 2010 में श्रीलंका के नुवारा में अशोक वाटिका में माता सीता के मंदिर का भूमि पूजन करने के 8 साल बाद भी शिवराज सिंह मंदिर का निर्माण शुरू क्यों नहीं करा पाए हैं.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों भगवान राम और सीता माता को लेकर जमकर सियासत हो रही है। लेकिन खास बात यह है कि अब तक राम-सीता को लेकर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी बैकफुट पर है। दरअसल राम वनगमन पथ और श्री लंका में सीता मंदिर के नाम पर शिवराज सिंह विपक्ष के निशाने पर हैं। इन दोनों मुद्दों में पहल तो शिवराज सिंह ने की,लेकिन शिवराज सिंह ने काम नहीं किया। अब जब कमलनाथ सरकार ने इन दोनों मुद्दों को लेकर शिवराज सिंह को घेरना शुरू कर दिया है। राम वन गमन पथ के लिए तो कमलनाथ सरकार ने बजट प्रावधान कर दिया है। वहीं श्रीलंका में 8 साल से लंबित पड़े माता सीता के मंदिर को भी लेकर कमलनाथ सरकार ने पहल शुरू कर दी है।इस मामले में शिवराज सिंह का आरोप हैं कि कांग्रेस श्रीलंका से सीता मां के संबंधों की जांच करा रही है। जबकि कांग्रेस का कहना है कि हम यह जांच करा रहे हैं कि आखिर 8 साल में सीता मंदिर क्यों नहीं बन पाया।


Body:दरअसल, शिवराज सिंह ने जिस तरह 2007 में मध्यप्रदेश में भगवान राम वन गमन पथ योजना का ऐलान किया था,लेकिन बाद में भूल गए और 2018 विधानसभा में कांग्रेस ने यह मुद्दा लपक कर बीजेपी को आड़े हाथों लिया। राम वन गमन पथ के लिए कमलनाथ सरकार ने तो बजट प्रावधान कर दिया है। अब कमलनाथ सरकार ने एक और ऐसे मुद्दे को लेकर शिवराज सिंह को घेरना शुरू किया है। वह मुद्दा है श्रीलंका में माता सीता के मंदिर के निर्माण का, जिसका भूमि पूजन शिवराज सिंह ने 2010 में किया था और श्रीलंका सरकार के लिए एक करोड़ रूपया भी मुहैया कराया था। लेकिन इन 8 सालों में मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है. अब जब कमलनाथ सरकार मंदिर निर्माण हो पाने के कारणों का पता लगा रही है और मंदिर बनवाने की बात कह रही है। तो शिवराज सिंह का आरोप है कि कांग्रेस सीता मां के श्री लंका से संबंधों पर सवाल उठा रही है और जांच करा रही है कि सीता माता श्रीलंका में रही थी।


Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि सियासत आस्था के मसले पर हम नहीं शिवराज सिंह कर रहे हैं। 2010 में इस मंदिर के भूमि पूजन का काम उन्होंने किया था। 8 साल तक उनकी सरकार रही, लेकिन इन 8 सालों में मंदिर की एक भी ईंट नहीं लग पाई। इन 8 सालों में 5 साल केंद्र में मोदी जी की सरकार रही, उसके बाद भी शिवराज सिंह अनुमति नहीं ले पाए। अब कह रहे हैं कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस श्री लंका से सीता मैया के जुड़ाव की जांच कर रही है। यह सरासर झूठ है, हम सीता जी के श्री लंका से संबंधों की जांच नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम उन तथ्यों की जांच कर रहे हैं कि क्या कारण है कि 2010 में श्रीलंका के नुवारा में अशोक वाटिका में माता सीता के मंदिर का भूमि पूजन करने के 8 साल बाद तक शिवराज सिंह मंदिर का निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं कर पाए और ना ही अनुमति ले पाए।हम इस तथ्य की जरूर जांच कर रहे हैं।
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