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दमोह का दम: राहुल से निराश, कांग्रेस को अजय से आस - पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया

दमोह उपचुनाव में कांग्रेस ने अजय टंडन पर विश्वास जताया है. कांग्रेस ने अजय टंडन को टिकट दिया है.

Ajay Tandon, Congress candidate
अजय टंडन, कांग्रेस प्रत्याशी
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Published : Mar 22, 2021, 6:58 PM IST

दमोह। कांग्रेस ने दमोह उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस की तरफ से तीन नाम पैनल में गए थे. पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ से चर्चा के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय टंडन पर दांव लगााया है. साल 2018 से पहले के दो विधानसभा चुनाव में अजय टंडन कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन दोनों ही बार वे बीजेपी के उम्मीदवार जयंत मलैया से चुनाव हार गए थे. माना जा रहा है कि भाजपा ने कांग्रेस से दल बदल कर आये राहुल सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाने का लगभग फैसला कर ही लिया है. मुख्यमंत्री तो इसकी घोषणा भी कर चुके हैं, सीएम की इस घोषणा से पार्टी के स्थानीय नेताओं में नाराजगी भी है. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया और उनका परिवार पार्टी के इस निर्णय से कतई खुश नहीं है.

letter
लेटर

अजय टंडन दो बार चुनाव लड़े, लेकिन दोनों ही बार हारे

दिग्विजय सिंह के शासन काल में अजय टंडन कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. टंडन ने दो बार 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें जयंत मलैया ने हरा दिया. राहुल लोधी ने जयंत मलैया को हराया था, लेकिन राहुल के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद यहां की सीट खाली हो गई थी.

दमोह उपचुनाव: पांच लोधियों को 11 बार टिकट, चार ने पलटी मारी, इस बार टंडन पर दांव

17 अप्रैल को चुनाव 2 मई को नतीजा आएगा. बीजेपी से राहुल लोधी 30 मार्च को दाखिल करेंगे नामांकन

राहुल लोधी 30 मार्च को नामांकन दाखिल करेगें. 30 मार्च को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. उपचुनाव के लिए भाजपा ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह 30 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगे.

बीजेपी को जयंत मलैया पर नहीं है भरोसा

दमोह उपचुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं दिखाई दे रहा. पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर बीजेपी को भरोसा नहीं है, इसी के चलते पार्टी ने बुंदेलखंड के कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल भार्गव पर भरोसा जताते हुए उन्हें मंत्रीमंडल सदस्य के बतौर चुनाव प्रभारी बनाया है.

बीजेपी को बनाने पड़े दो उपचुनाव प्रभारी

पार्टी ने पहले सागर से रिश्ता रखने वाले भूपेंद्र सिंह को दमोह उपचुनाव का प्रभारी बनाया, लेकिन अब बीजेपी ने गोपाल भार्गव को भी जिम्मेदारी दे दी है. उन्हें मंत्रीमंडल सदस्य के तौर पर उपचुनाव प्रभारी बनाया है.

गोपाल भार्गव को क्यों बनाना पड़ा चुनाव प्रभारी

दरअसल दमोह से विधायक रहे जयंत मलैया को राहुल लोधी ने ही हराया था. अब राहुल लोधी बीजेपी में शामिल हो गए. राहुल लोधी को उमा और प्रहलाद पटेल की पसंद माना जा रहा है. राहुल ने कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी ने उन्हें टिकिट देना तय किया.

Gopal Bhargava, Cabinet Minister
गोपाल भार्गव, कैबिनेट मंत्री

जयंत की नाराजगी के कारण ही बनाना पड़ा दूसरा चुनाव प्रभारी

गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा से आते हैं, ये विधानसभा क्षेत्र दमोह से लगा हुआ है. मलैया पार्टी को डैमेज कर सकते हैं. इसी के चलते भाजपा ने भूपेंद्र सिंह के साथ-साथ गोपाल भार्गव को भी चुनाव प्रभारी बनाया है. हालांकि सत्ताधारी पार्टी ने गोपाल भार्गव की नाराजगी इसी बहाने साधने की कोशिश की है. अब देखना होगा कि जयंत मलैया राहुल के साथ रहेगें या फिर उनके बेटे को वे निर्दलीय मैदान में उतारेगें.

दमोह। कांग्रेस ने दमोह उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस की तरफ से तीन नाम पैनल में गए थे. पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ से चर्चा के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय टंडन पर दांव लगााया है. साल 2018 से पहले के दो विधानसभा चुनाव में अजय टंडन कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन दोनों ही बार वे बीजेपी के उम्मीदवार जयंत मलैया से चुनाव हार गए थे. माना जा रहा है कि भाजपा ने कांग्रेस से दल बदल कर आये राहुल सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाने का लगभग फैसला कर ही लिया है. मुख्यमंत्री तो इसकी घोषणा भी कर चुके हैं, सीएम की इस घोषणा से पार्टी के स्थानीय नेताओं में नाराजगी भी है. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया और उनका परिवार पार्टी के इस निर्णय से कतई खुश नहीं है.

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अजय टंडन दो बार चुनाव लड़े, लेकिन दोनों ही बार हारे

दिग्विजय सिंह के शासन काल में अजय टंडन कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. टंडन ने दो बार 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें जयंत मलैया ने हरा दिया. राहुल लोधी ने जयंत मलैया को हराया था, लेकिन राहुल के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद यहां की सीट खाली हो गई थी.

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राहुल लोधी 30 मार्च को नामांकन दाखिल करेगें. 30 मार्च को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. उपचुनाव के लिए भाजपा ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह 30 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगे.

बीजेपी को जयंत मलैया पर नहीं है भरोसा

दमोह उपचुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं दिखाई दे रहा. पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर बीजेपी को भरोसा नहीं है, इसी के चलते पार्टी ने बुंदेलखंड के कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल भार्गव पर भरोसा जताते हुए उन्हें मंत्रीमंडल सदस्य के बतौर चुनाव प्रभारी बनाया है.

बीजेपी को बनाने पड़े दो उपचुनाव प्रभारी

पार्टी ने पहले सागर से रिश्ता रखने वाले भूपेंद्र सिंह को दमोह उपचुनाव का प्रभारी बनाया, लेकिन अब बीजेपी ने गोपाल भार्गव को भी जिम्मेदारी दे दी है. उन्हें मंत्रीमंडल सदस्य के तौर पर उपचुनाव प्रभारी बनाया है.

गोपाल भार्गव को क्यों बनाना पड़ा चुनाव प्रभारी

दरअसल दमोह से विधायक रहे जयंत मलैया को राहुल लोधी ने ही हराया था. अब राहुल लोधी बीजेपी में शामिल हो गए. राहुल लोधी को उमा और प्रहलाद पटेल की पसंद माना जा रहा है. राहुल ने कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी ने उन्हें टिकिट देना तय किया.

Gopal Bhargava, Cabinet Minister
गोपाल भार्गव, कैबिनेट मंत्री

जयंत की नाराजगी के कारण ही बनाना पड़ा दूसरा चुनाव प्रभारी

गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा से आते हैं, ये विधानसभा क्षेत्र दमोह से लगा हुआ है. मलैया पार्टी को डैमेज कर सकते हैं. इसी के चलते भाजपा ने भूपेंद्र सिंह के साथ-साथ गोपाल भार्गव को भी चुनाव प्रभारी बनाया है. हालांकि सत्ताधारी पार्टी ने गोपाल भार्गव की नाराजगी इसी बहाने साधने की कोशिश की है. अब देखना होगा कि जयंत मलैया राहुल के साथ रहेगें या फिर उनके बेटे को वे निर्दलीय मैदान में उतारेगें.

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