भोपाल। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिए कई विज्ञापन तैयार करवाए हैं. कांग्रेस के 6 वीडियो विज्ञापनों पर चुनाव आयोग की राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति ने एतराज जताते हुए खारिज कर दिया है. कांग्रेस इस मामले में दोबारा चुनाव आयोग में अपील करने जा रही है.
वीडियो खारिज किए जाने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि 6 वीडियो विज्ञापनों पर इलेक्शन कमीशन ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि इसकी कोई ठोस वजह नहीं दी गई है, इसलिए इसे लेकर दोबारा चुनाव आयोग में कांग्रेस अपील करने जा रही है.कांग्रेस ने दलील दी है कि ये व्यंग्य हैं और हमने व्यंग्य के जरिए अपनी बात रखी है. शोभा ओझा ने कहा कि 'मित्रों वायरस' नाम की कोई बीमारी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि विज्ञापन में इंजेक्शन के साइज और कलर पर आयोग ने आपत्ति जताई है.
बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव के लिए 13 मार्च को चुनाव आयोग में 6 वीडियो विज्ञापन अनुमति के लिए भेजे थे, लेकिन चुनाव आयोग ने 'मित्रों वायरस' शीर्षक से बनाए गए 6 वीडियो विज्ञापनों को खारिज कर दिया है. चुनाव आयोग की राज्यस्तरीय मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति ने वीडियो पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि विज्ञापन में मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति को दिखाना, डॉक्टर और इंजेक्शन के आकार, रंग और इलाज का तरीका आपत्तिजनक होने के कारण विज्ञापन का प्रमाणीकरण नहीं किया जाएगा.