भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह से सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस कर रही है. खासकर ग्वालियर- चंबल अंचल में दलितों और ब्राह्मण नेताओं को एकजुट करने के अलावा ओबीसी वोट बैंक को अपने पक्ष में लाने के लिए कांग्रेस सामाजिक संगठनों का सहारा ले रही है. इसी कड़ी में ओबीसी, एससी-एसटी एकता मंच के संयोजक लोकेंद्र गुर्जर इन दिनों ग्वालियर- चंबल के उपचुनाव वाली सीटों पर लगातार सक्रिय हैं.
ओबीसी, एससी-एसटी एकता मंच के संयोजक लोकेंद्र गुर्जर उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर ओबीसी मतदाताओं को बता रहे हैं कि, 'कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% किया था, जो कि कानूनी दांव पेंच में फंस गया है, लेकिन हमें उपचुनाव में ऐसे दल को वोट करना चाहिए, जो इस आरक्षण को लागू करने में मदद करे'.
हालांकि लोकेंद्र गुर्जर इसे सामाजिक जन जागरण बता रहे हैं और उनका कहना है कि, 'कोई भी चुनाव हो, वो ओबीसी मतदाताओं को ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि, हमें उस दल के लिए वोट करना चाहिए, जो हमारे हितों का ध्यान रखे'. उनका कहना है, 'कमलनाथ सरकार ने जो ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाई थी, अगर शिवराज सिंह जो खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं, उसमें आ रही कानूनी अड़चनों को हटवा कर 27% आरक्षण लागू करते हैं, तो ओबीसी मतदाता उन्हें वोट करेंगे'. लोकेंद्र गुर्जर अभी तक ग्वालियर- चंबल की 16 सीटों में से 5 सीटों का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने ग्वालियर जिले की ग्वालियर पूर्व, भिंड की मेहगांव और गोहद, और मुरैना की मुरैना और अंबाह सीट का दौरा कर लिया है.