भोपाल: कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को बेमेल गठबंधन बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से जनता और कांग्रेसियों में गलत संदेश गया है.
इसके साथ ही लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट में आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने के फैसले और नए विधायक विश्रामगृह के निर्माण को लेकर भी प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में जब विधायक विश्रामगृह बनाया गया था, तो वह 320 विधानसभा सीटों के लिहाज से बनाया गया था. अब विधायकों की संख्या सिर्फ 230 है. उसके बाद नए विधायक विश्रामगृह की क्या जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस फैसले से जनता में आक्रोश है.
इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद तारण का कहना है कि 'लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता है, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है. निश्चित रूप से उन्होंने अपनी कोई बात रखी है तो उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाएगा. लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है, तो महाराष्ट्र में उन्होंने हमारी विचारधारा को स्वीकार किया है. तो निश्चित रूप से हमें सरकार बनाने में कोई परहेज नहीं है. अगर आप आज से 40 साल पहले जाएंगे, तो कहीं ना कहीं शिवसेना और कांग्रेस का तालमेल रहा है'.
बीते दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने भी महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन पर बयान देते हुए कहा था कि 'इससे कांग्रेस को हिंदू विरोधी होने के आरोप से मुक्ति मिलेगी'.