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विधायक लक्ष्मण सिंह के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा, शिवसेना से गठबंधन पर खड़े किए थे सवाल - Lakshman Singh

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह के बयान से पार्टी ने किनारा कर लिया है. लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र में हुए शिवसेना- कांग्रेस गठबंधन पर सवाल खड़े किए थे.

anand taran
विधायक लक्ष्मण सिंह के बयानों से कांग्रेस ने किया किनारा
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Published : Nov 29, 2019, 7:16 PM IST

भोपाल: कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को बेमेल गठबंधन बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से जनता और कांग्रेसियों में गलत संदेश गया है.

विधायक लक्ष्मण सिंह के बयानों से कांग्रेस ने किया किनारा

इसके साथ ही लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट में आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने के फैसले और नए विधायक विश्रामगृह के निर्माण को लेकर भी प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में जब विधायक विश्रामगृह बनाया गया था, तो वह 320 विधानसभा सीटों के लिहाज से बनाया गया था. अब विधायकों की संख्या सिर्फ 230 है. उसके बाद नए विधायक विश्रामगृह की क्या जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस फैसले से जनता में आक्रोश है.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद तारण का कहना है कि 'लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता है, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है. निश्चित रूप से उन्होंने अपनी कोई बात रखी है तो उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाएगा. लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है, तो महाराष्ट्र में उन्होंने हमारी विचारधारा को स्वीकार किया है. तो निश्चित रूप से हमें सरकार बनाने में कोई परहेज नहीं है. अगर आप आज से 40 साल पहले जाएंगे, तो कहीं ना कहीं शिवसेना और कांग्रेस का तालमेल रहा है'.
बीते दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने भी महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन पर बयान देते हुए कहा था कि 'इससे कांग्रेस को हिंदू विरोधी होने के आरोप से मुक्ति मिलेगी'.

भोपाल: कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को बेमेल गठबंधन बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से जनता और कांग्रेसियों में गलत संदेश गया है.

विधायक लक्ष्मण सिंह के बयानों से कांग्रेस ने किया किनारा

इसके साथ ही लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट में आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने के फैसले और नए विधायक विश्रामगृह के निर्माण को लेकर भी प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में जब विधायक विश्रामगृह बनाया गया था, तो वह 320 विधानसभा सीटों के लिहाज से बनाया गया था. अब विधायकों की संख्या सिर्फ 230 है. उसके बाद नए विधायक विश्रामगृह की क्या जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस फैसले से जनता में आक्रोश है.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद तारण का कहना है कि 'लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता है, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है. निश्चित रूप से उन्होंने अपनी कोई बात रखी है तो उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाएगा. लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है, तो महाराष्ट्र में उन्होंने हमारी विचारधारा को स्वीकार किया है. तो निश्चित रूप से हमें सरकार बनाने में कोई परहेज नहीं है. अगर आप आज से 40 साल पहले जाएंगे, तो कहीं ना कहीं शिवसेना और कांग्रेस का तालमेल रहा है'.
बीते दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने भी महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन पर बयान देते हुए कहा था कि 'इससे कांग्रेस को हिंदू विरोधी होने के आरोप से मुक्ति मिलेगी'.

Intro:भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और गुना जिले की चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह अपने बयानों को लेकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं।अब ताजा बयान उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेसी, एनसीपी और शिवसेना गठबंधन को लेकर दिया है। उन्होंने कहा है इस फैसले से जनता में गलत संदेश गया है. वहीं उन्होंने आदिवासी इलाकों में कमलनाथ सरकार के जमीन बेचने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही नए विधायक विश्रामगृह लेख को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए हैं।


Body:दरअसल लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र में एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को बेमेल गठबंधन बताया है। उन्होंने कहा है कि इस फैसले से जनता और कांग्रेस जनों में गलत संदेश गया है। वहीं उन्होंने कमलनाथ कैबिनेट द्वारा आदिवासियों की जमीन बेचने के मामले में लिए गए फैसले पर भी सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा नए विधायक विश्रामगृह के निर्माण को लेकर उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में जब विधायक विश्रामगृह बनाया गया था, तो वह 320 विधानसभा सीटों के लिहाज से बनाया गया था। अब विधायकों की संख्या सिर्फ 230 है। उसके बाद नहीं विधायक विश्रामगृह की क्या जरूरत है। इस फैसले है जनता में आक्रोश है।

लक्ष्मण सिंह के इन बयानों को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने चुप्पी साधी है। लक्ष्मण सिंह, दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं और इस तरह की बयानबाजी में वह हमेशा आगे रहते हैं। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश कांग्रेस उनके बयान पर टिप्पणी करने से बच रही है। मध्य प्रदेश कांग्रेस महाराष्ट्र में कांग्रेस के गठबंधन को उचित ठहरा रही है।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद तारण का कहना है कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता है, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है।निश्चित रूप से उन्होंने अपनी कोई बात रखी है। हमें भरोसा है कि संगठन उनकी बात को गंभीरता से लेगा। वहीं जब आनंद तारण से पूछा गया कि उन्होंने महाराष्ट्र में हाईकमान के फैसले पर भी सवाल खड़े किए, तो उन्होंने कहा कि मेरा कहना है कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता है, उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाएगा। लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है, तो महाराष्ट्र में उन्होंने हमारी विचारधारा को स्वीकार किया है।जो कांग्रेस की विचारधारा और परंपरा है।जो हमारा गठबंधन था, उसके साथ शिवसेना खड़ी होती है। तो निश्चित रूप से हमें सरकार बनाने में कोई परहेज नहीं है।अगर आप आज से 40 साल पहले जाएंगे, तो कहीं ना कहीं शिवसेना और कांग्रेस का तालमेल रहा है।
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