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कमलनाथ ने सोनिया गांधी को नहीं लिखा लेटर, कांग्रेस ने बताया बीजेपी क्यों फैला रही है भ्रम

कमलनाथ द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखने के मामले में कांग्रेस ने जवाब दिया है. कांग्रेस ने ऐसे किसी भी पत्र से इंकार किया है.

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Published : Jun 17, 2019, 10:19 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी द्वारा सरकार गिराने की धमकियों के बीच इस बात की चर्चा है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मौजूदा मंत्रिमंडल से सभी दिग्गज नेताओं के दो-दो मंत्री कम करने की मांग की है. हालांकि कांग्रेस ने अब इस बात से इनकार किया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी भ्रम फैला रही है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर सभी दिग्गज नेताओं के दो-दो मंत्री कम करने की इसलिए मांग की है ताकि निर्दलीय और सहयोगी दलों के विधायकों को मंत्री बनाकर सरकार को बचाया जा सके. इसके अलावा पार्टी के अंदर ही नाराज चल रहे उन विधायकों को भी शामिल किया जा सके, जो मंत्री पद पद नहीं मिलने से नाराज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि खुद कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट के दो-दो मंत्री कम किए जा सकते हैं. हालांकि इस तरह की किसी भी चिठ्ठी से कांग्रेस ने इंकार किया है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी इस तरह की गॉसिप फैला रही है. उन्होंने कहा कि जब कोई सरकार स्थिर चल रही हो और अच्छी तरीके से जनता के कामों को अंजाम दे रही हो, तो ऐसी चर्चाओं पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है. दुर्गेश शर्मा ने कहा कि यह चर्चा इसलिए हो रही हैं क्योंकि बीजेपी की परिस्थितियां आपसी लड़ाई के कारण दिन-ब-दिन खराब हो रही हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी द्वारा सरकार गिराने की धमकियों के बीच इस बात की चर्चा है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मौजूदा मंत्रिमंडल से सभी दिग्गज नेताओं के दो-दो मंत्री कम करने की मांग की है. हालांकि कांग्रेस ने अब इस बात से इनकार किया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी भ्रम फैला रही है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर सभी दिग्गज नेताओं के दो-दो मंत्री कम करने की इसलिए मांग की है ताकि निर्दलीय और सहयोगी दलों के विधायकों को मंत्री बनाकर सरकार को बचाया जा सके. इसके अलावा पार्टी के अंदर ही नाराज चल रहे उन विधायकों को भी शामिल किया जा सके, जो मंत्री पद पद नहीं मिलने से नाराज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि खुद कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट के दो-दो मंत्री कम किए जा सकते हैं. हालांकि इस तरह की किसी भी चिठ्ठी से कांग्रेस ने इंकार किया है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी इस तरह की गॉसिप फैला रही है. उन्होंने कहा कि जब कोई सरकार स्थिर चल रही हो और अच्छी तरीके से जनता के कामों को अंजाम दे रही हो, तो ऐसी चर्चाओं पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है. दुर्गेश शर्मा ने कहा कि यह चर्चा इसलिए हो रही हैं क्योंकि बीजेपी की परिस्थितियां आपसी लड़ाई के कारण दिन-ब-दिन खराब हो रही हैं.

Intro:भोपाल। भाजपा से मिल रही सरकार गिराने की धमकियों के बीच कमलनाथ अपनी सरकार को सुरक्षित करने के लिए तरह तरह की कोशिशें कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक चर्चा जोर पकड़ रही है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मौजूदा मंत्रिमंडल में से सभी दिग्गज नेताओं के दो- दो मंत्री कम करने की मांग की है। ताकि निर्दलीय और सहयोगी दलों के विधायकों को मंत्री बनाकर सरकार को सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा पार्टी के अंदर ही नाराज चल रहे उन विधायकों को भी शामिल किया जा सके जिन्हें मंत्री पद हासिल नहीं हुआ है।ऐसे में माना जा रहा है कि खुद कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट के दो-दो मंत्री कम किए जा सकते हैं। हालांकि कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से नकार दिया है और इसे भाजपा की साजिश बताया है। कांग्रेस का कहना है कि हार से हताश बीजेपी जनता में कांग्रेस में गुटबाजी भ्रम फैला रही है। जबकि काग्रेस एकजुटता के साथ जन कल्याण के लिए काम कर रही है।


Body:दरअसल कमलनाथ मंत्रिमंडल में नए सिरे से विस्तार की कवायद चल रही है। लेकिन कमलनाथ को अभी तक आलाकमान से हरी झंडी नहीं मिली है। दरअसल केंद्र में भाजपा की सरकार बन जाने के बाद लगातार बीजेपी मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने का दावा करती रहती है। हालांकि कांग्रेस के 114 विधायक और चार निर्दलीय, बसपा के दो और एक सपा के विधायक के साथ 121 के अंकगणित से सरकार सुरक्षित है। लेकिन तीन निर्दलीय विधायक और दो बसपा और एक सपा के विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है। हालांकि मंत्रिमंडल में अभी 6 विधायकों को शामिल किया जा सकता है। लेकिन कांग्रेस के भी कुछ वरिष्ठ विधायक मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज हैं। ऐसे में चर्चा है कि कमलनाथ ने एक फार्मूला निकाल कर मौजूदा मंत्रीमंडल में से 6 विधायकों के इस्तीफे कराकर कांग्रेस के नाराज विधायक, निर्दलीय विधायक और अन्य दलों के विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल करने का फार्मूला सोनिया गांधी को भेजा है। कमलनाथ का मानना है कि इस स्थिति में सरकार सुरक्षित रहेगी। ना निर्दलीय विधायक और अन्य दलों के विधायकों के साथ नाराज विधायकों को बीजेपी नहीं तोड़ पाएगी।


Conclusion:लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस इस तरह की किसी भी चिट्ठी या फार्मूले से इंकार कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह बीजेपी की फैलाई हुई गॉसिप है। जनता से नकारे जाने के बाद बीजेपी कांग्रेस पर गुटबाजी का आरोप लगाकर सरकार अस्थिर करना चाहती है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जब कोई सरकार स्थिर चल रही हो और अच्छी तरीके से जनता के कामों को अंजाम दे रही हो, तो चर्चाओं पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है. आज चर्चा इसलिए हो रही हैं क्योंकि भाजपा की परिस्थितियां आपसी लड़ाई के कारण दिन-ब-दिन खराब हो रही हैं। एक दिन एक ही मुद्दे पर शिवराज सिंह, दूसरे दिन कैलाश विजयवर्गीय और तीसरे दिन कोई अन्य नेता अपनी ताकत दिखा कर भाजपा में अपना अस्तित्व ढूंढ रहा है। अपने अस्तित्व को ढूंढते हुए भाजपा के नेता प्रयास करते हैं कि किसी तरह कांग्रेस को गुटबाजी से पीड़ित बताया जाए। जबकि कांग्रेस संगठित और एकजुट होकर शिद्दत के साथ जनता की सेवा में लगी हुई है, जो भाजपा को नागवार गुजर रहा है।परेशानी इस बात की है, चर्चा इस बात की है कि भाजपा को यदि जनता ने नकार दिया है तो उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है। विपक्ष में बैठिए , काम करवाइए और करिए। जनता की समस्या का निवारण नहीं हो रहा हो, तो उस पर चर्चा करें। क्योंकि आपके पास कोई मुद्दा नहीं है।इसलिए आप कांग्रेस के बारे में गॉसिप फैला रहे हैं।
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