भोपाल। बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए मध्यान्ह भोजन में अंडे परोसे जाने का मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तो यहां तक कह दिया है कि मध्यान्ह भोजन में अंडे परोसे जाने से बच्चे नरभक्षी हो जाएंगे. जिस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर करते हुए उनसे सवाल किया है कि उत्तराखंड, झारखंड, असम और कर्नाटक की भाजपा सरकारें मिड मिल में अंडा परोस रहीं हैं. तो गोपाल भार्गव बताएं कि क्या वहां के बच्चों का नरभक्षी होने का खतरा नहीं है.
कांग्रेस का इस मामले में कहना है कि प्रदेश सरकार कुपोषण दूर करने के प्रति अपनी स्पष्ट मंशा और गंभीर प्रयासों के तहत आंगनबाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडे बांटे जाने के प्रस्ताव पर भाजपा नेताओं का विरोध उनका मानसिक दिवालियापन दर्शाता है.
भाजपा नेता लगातार ऊलजलूल बयान देकर अपनी राजनीति चमकाने की तो चिंता है. लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कुपोषण और स्वास्थ्य के प्रति कोई चिंता नहीं है और यही एक बड़ा कारण है कि 15 साल के लंबे भाजपाई शासनकाल के बाद भी मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में लगातार देश का नंबर एक राज्य बना रहा.
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि भाजपा नेताओं के यह बयानउन लाखों-करोड़ों लोगों का अपमान है. भाजपा कह रही है कि अंडे खाने से बच्चे नरभक्षी हो जाएंगे. तो क्या वह बताएंगे कि जिन प्रांतों में बीजेपी की सरकारें अंडे खिला रही है, वहां के बच्चे नरभक्षी हो गए हैं क्या?
क्या बीजेपी बताएंगी कि केंद्र सरकार रोज खाएं अंडे का अभियान चलाया जाता था. वहीं कई सरकारी संस्थाओं द्वारा अंडे से प्रोटीन के बारे में विज्ञापन जारी किए जाते थे, तो क्या वह सब नरभक्षी हो गए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी अपना दोहरा चरित्र बंद करें. जो मध्यप्रदेश के लिए आपने कुपोषित कर दिया था, उसको कुपोषण से निकालने के लिए सरकार प्रयासरत है. तो सरकार को सहयोग कीजिए विघ्न मत पैदा कीजिए.
विजयवर्गीय ने अंडा परोसे जाने को बताया धार्मिक आस्था पर हमला
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि आंगनबाड़ियों में अंडा वितरण के प्रस्ताव से लोगों की धार्मिक आस्था आहत होंगी. उनका यह बयान पूरी तरह से विवेक हीन और हास्यास्पद है. क्योंकि सरकार अंडा सेवन को अनिवार्य नहीं, बल्कि ऐच्छिक रखेगी और यह नितांत निजी अधिकार रहेगा.