भोपाल। आदिवासियों की मांगों को लेकर हो रहे आंदोलन में पुलिस की सख्ती के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जबरदस्त तेवर दिखाए. सीएम से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद शिवराज सिंह को मंत्रालय बुलाया और आदिवासियों की मांगे माने जाने की बात कही है. वहीं मामले में कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह ने 15 साल आदिवासियों की चिंता की होती है तो आज उन्हें सड़कों पर संघर्ष नहीं करना पड़ता.
कांग्रेस का कहना है कि पार्टी के द्वारा हाशिए पर धकेल दिए जाने के बाद शिवराज सिंह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. उसका उनको फायदा होने वाला नहीं है. जब प्रदेश की जनता और पार्टी के नेता नकार चुके हैं, भविष्य ढूंढना आपको लंबे संघर्ष का विषय है. कभी आदिवासियों के नाम पर कभी जलती हुई बिजली के बीच लालटेन लेकर घूमने से कुछ नहीं होने वाला है.
ये है मामला
- आदिवासियों की मांगों को लेकर शिवराज सिंह ने जबरदस्त तेवर दिखाए.
- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद शिवराज सिंह को मंत्रालय बुलाया और आदिवासियों की मांगे माने जाने की बात कही.
- कांग्रेस ने कहा कि 15 साल आदिवासियों की चिंता की होती तो आज शिवराज सिंह को सड़कों पर संघर्ष नहीं करना पड़ता.
- कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.
- कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की जनता और पार्टी के नेता शिवराज सिंह को नकार चुके हैं.
- कांग्रेस ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर जलती हुई बिजली के बीच लालटेन लेकर घूमने से कुछ नहीं होने वाला है.