भोपाल। मध्यप्रदेश में गायों (Cow in mp) की नस्ल सुधारने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा शुरू किए गए बधिया करण अभियान (sterilization campaign) पर रोक लगा दी गई है. इसको लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (bjp leader pragya thakur) ने मवेशियों की निर्णय पूर्ण ढंग से नसबंदी किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगाने का आग्रह किया था. उधर, इसको लेकर अब कांग्रेस (Congress) ने सवाल पूछा है कि पिछले नौ दिन चले अभियान में प्रदेश भर में कितने सांडों का बधिया करण (sterilization of bulls) हुआ और इस पर कितना खर्च हुआ है.
विवाद के बाद विभाग ने अभियान किया निरस्त
पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने प्रदेश में गायों की नस्ल सुधार के लिए चार अक्टूबर से प्रदेश भर में सांडों के बधिया करण अभियान की शुरुआत की थी. 23 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत सभी गांव के गो-पालकों के पास उपलब्ध और निराश्रित निकृष्ट सांडों का बंधिया करण किया जाना था, लेकिन आदेश को लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने इसे बंद करने की मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से मांगी थी.
नसबंदी पर साध्वी प्रज्ञा ने जताई आपत्ति
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है. यदि देशी सांडों की नसबंदी की गई, तो नस्ल ही खत्म हो जाएगी. साध्वी के बयान के बाद कांग्रेस ने भी इस अभियान को लेकर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने इसे प्रदेश में गोवंश को खत्म करने वाला कदम बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश में गोवंश की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए 12 लाख सांडों का बधिया करण कराया जा रहा है, जो ठीक नहीं है. अभियान को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया ने इस अभियान को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है. विभाग ने इस संबंध में सभी जनों को आदेश जारी कर दिए हैं.
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कांग्रेस ने पूछा 9 दिन में कितना हुआ खर्च
आदेश निरस्त होने का श्रेय लेते हुए सरकार से सवाल किया है कि चार अक्टूबर से शुरू हुए इस अभियान के तहत पिछले 9 दिनों में प्रदेश भर में कितने सांडों का बधिया करण किया गया. इस पर कुल कितना खर्च हुआ. उन्होंने सवाल किया है कि सरकार आखिर बताएं कि निकृष्ट सांड की परिभाषा क्या होती है.