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शिवराज सरकार आई घोटाले लाई, सात महीने में 17 घोटाले: कांग्रेस

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Published : Oct 29, 2020, 1:57 PM IST

Updated : Oct 29, 2020, 6:15 PM IST

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला है और आरोप पत्र जारी कर कहा है कि शिवराज सरकार के आते ही घोटालों की शुरुआत हो गई है. विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप पत्र जारी करते हुए कहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने सात महीने में 17 घोटाले किए हैं.

Congress  attack on Shivraj government
शिवराज सरकार पर कांग्रेस का बड़ा हमला

भोपाल। प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा के उपचुनाव के पहले ही आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. उप चुनाव का मतदान 3 नवंबर को होना है लेकिन उससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर कई बड़े आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के द्वारा बीजेपी के 7 महीने के कार्यकाल के दौरान 17 घोटाले किए जाने का आरोप लगाया गया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के द्वारा इन आरोप पत्रों की सूची जारी की गई है. बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया का फोटो गायब होने पर भी कांग्रेस ने निशाना साधा है.

शिवराज सरकार पर कांग्रेस का बड़ा हमला

'शिवराज सिंह के भ्रष्टाचार की गाथा इतिहास में दर्ज'

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि भोली भाली सूरत और लच्छेदार भाषण और अपने आप को दीन-हीन और गरीब का बेटा बताकर शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार द्वारा भ्रष्टाचार करने की गाथा बहुत पुरानी है. शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए घोटालों और भ्रष्टाचार के जीते जागते प्रमाण आज भी जमीन पर खड़े हैं और सरकारी फाइलों में देखे जा सकते हैं. विदिशा का वेयरहाउस, वहीं पर बनी हुई विशालकाय डेयरी, ससुराल गोंदिया में रिश्तेदारों की संपत्ति, पुत्रों की अमेरिका में पढ़ाई के खर्चे, भोपाल में भाइयों की संपत्ति, यह सब बातें शिवराज सिंह के तथाकथित ‘गरीब’ जीवन और उनके द्वारा किए गए घोटालों से जुड़ी जनश्रुतियां के हिस्से हैं और इतिहास में दर्ज हो चुके हैं. ये सब बातें कभी ना कभी विधानसभा की चर्चाओं में आयीं हैं और रिकॉर्ड में हैं.

शिवराज सरकार में घोटालों की फेहरिस्त

अजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह का आचरण पाखंड और झूठ की पराकाष्ठा है. सात महीने पहले जब खरीद-फरोख्त के माध्यम से जनता की चुनी हुई सरकार गिराई है तो शिवराज सिंह के असली चरित्र की पोल खुल गयी . आज फिर से शिवराज सिंह के पाखंडी और ‘कलाकारी’ के चरित्र को सामने लाना बहुत आवश्यक है. जनता को शिवराज सिंह चौहान के पिछले कारनामों की याद दिलाने के लिए उनके कार्यकाल की भ्रष्टाचार और घोटालों की फेहरिस्त फिर से जनता के सामने प्रस्तुत की जा रही है.

सात महीने में नए-नए घोटालों के कीर्तिमान
उन्होंने कहा कि 15 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा और शिवराज घोटालों और भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए थे. जनता ने इसीलिए 2018 में शिवराज सिंह को घर बैठाया था. लेकिन खरीद-फरोख्त करके शिवराज सिंह चैहान फिर मुख्यमंत्री बन गए. अपने सात महीने के कार्यकाल में अपनी आदत के अनुसार ‘आपदा में अवसर’ यहां भी शिवराज सिंह चौहान और उनसे जुड़े लोगों ने देख लिए, इन सात महीनों के भी कम समय में शिवराज सिंह सरकार ने नए-नए घोटाले कर फिर कीर्तिमान बना लिये हैं.


आटा चोरी घोटाला
ग्वालियर में लाखों पैकेट आटे के जो बाहर से आए मजदूरों को प्रदाय किए जाने थे, उन आटे के पैकेटों को जब तौला गया तो 10 किलो के आटे के पैकेट में 6 से लेकर 8 किलो तक आटा पाया गया.

त्रिकुट चूर्ण घोटाला
जनता की इम्यूनिटी बढ़ाने के नाम पर करोड़ों की संख्या में त्रिकुट चूर्ण बांटना बताया गया, जबकि प्रदेश में 10 में से 9 घरों में यह चूर्ण पहुंचा ही नहीं. करोड़ों पैकेट का वारा न्यारा हो गया.

शराब एमआरपी घोटाला
सरकार बदलते ही सबसे पहले सरकार ने शराब माफिया पर हाथ रखा, शराब ठेकेदारों को ठेका स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया गया. लॉकडाउन के कारण शराब ठेकेदारों ने हाथ खड़े किए, तब सरकार ने खुद ही शराब बेचने का फैसला किया और शराब की दुकान लाॅकडाउन में भी खोल दी गई. महिलाओं को शराब की दुकानों पर शराब बेचने के लिए बैठा दिया गया. जब सरकार पूरी तरह से असफल हो गई, तब ठेकेदारों से टेबल के नीचे समझौते हुए और ठेकेदारों को एमआरपी से अधिक कीमतों पर शराब बेचने की छूट मिल गई.सरकार के अमले ने आंखें फेर ली और आबकारी ठेकेदारों ने जी भर कर एमआरपी से कई गुनी कीमतों पर शराब बेची और प्रदेश की जनता को लूटा और तो और प्रदेश को राजस्व की हानि से चूना लगाया गया.

तबादला उद्योग घोटाला
सरकार बदलते ही हजारों की तादाद में तबादले कर मुद्रा विकास का काम शुरू हो गया.एक दिन में तीन तीन बार अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए. 500 से अधिक आईएएस और आईपीएस अधिकारी इधर से उधर किए गए. उद्योग चल पड़ा तो हालात ऐसे हो गए कि मुख्यमंत्री कोविड-19 होते हुए भी अस्पताल से ट्रांसफरों की सूचियां निकालते रहे. कमलनाथ सरकार में तो ऑनलाइन ट्रांसफर होते थे. लेकिन टेबल के नीचे सौदा होने से ऑफ लाइन तबादले चालू हो गये. 10 हजार तबादले तो शिक्षा विभाग में हुए. यहां तक की आचार संहिता में भी तबादले की खदान धन उगलती रही और अंततः चुनाव आयोग को तबादले निरस्त करना पड़े.

शासकीय खरीदी में लेने का घोटाला
जैसे ही सागर के एक गैर विधायक मंत्री मंडल में खाद्य मंत्री बने उनके चुनाव क्षेत्र में सहकारी समितियों में ललितपुर से गरीबों के लिए भेजा गया. चोरी होकर कोविड-19 का गेहूं सिहोरा की समितियों में खरीदा जाने लगा. आठ ट्रक पकड़े गए, एफआईआर दर्ज हुई. जिसके बाद एफआईआर दर्ज करने वाली कलेक्टर को तबादला कर दिया गया. मगर घोटाले बाजों का बाल बांका भी नहीं हुआ. एफआईआर एफ आई आर कहां फेक दी गई इसकी खोज हमारी सरकार आकर करेगी.

फर्जी बिल बिजली बिल घोटाला
कमलनाथ की सरकार 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देने का काम इंदिरा ज्योति योजना के तहत कर रही थी, एक करोड़ हितग्राहियों के घर में 100 रुपए के बिजली के बिल आ रहे थे, जैसे ही अनैतिक संसाधनों से गिराया गया ,वैसे ही बिजली वितरण कंपनियों का के माध्यम से जनता को लूटने के नए हथकंडे शुरू हो गए, जिन लोगों के 100 रूपये के बिल आ रहे थे, वह अब 5 हजार, 10 हजार से लेकर लाखों में आने लगे.

ये भी पढ़ें: 'लॉ' एंड 'ऑर्डर' का उद्योग चलाते थे कमलनाथ और दिग्विजय: कैलाश विजयवर्गीय

पीपीई किट घोटाला
इंदौर और पूरे प्रदेश में कारोना की महामारी से निपटने के लिए दवाई और पीपीई किट की खरीद में घोटाला किया गया।

मध्यान्ह भोजन घोटाला
मध्यप्रदेश की जनता जब कोरोना महामारी से जूझ रही थी, सभी स्कूल बंद थे, बच्चे स्कूलों में नहीं आ रहे थे, तब भी मध्यान्ह भोजन पर 316 करोड़ से अधिक की राशि व्यय हुई. पूरा प्रदेश जानना चाहता है कि यह भोजन किन लोगों को करवाया गया.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि घोटाला
मध्यप्रदेश की घोटालेबाज सरकार प्रधानमंत्री की किसान सम्मान निधि योजना तक में फर्जीवाड़े करने लगी है. जिसकी भनक प्रधानमंत्री कार्यालय में लगने पर जांच में भारी घोटाले पाए गये. रतलाम जिले में 15242 अपात्र किसान पाये गये, बड़वानी में 889 किसान आयकर दाता निकले, झाबुआ में 30 हजार दस्तावेजों की जांच जारी है, खंडवा में 2300 पंजीयन अपात्र पाये गये, खरगोन के नौगांव में सत्यापन में 86 किसान अपात्र पाए गये.

सौभाग्य योजना घोटाला
सौभाग्य योजना के माध्यम से गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का काम होना था. अकेले मंडला, डिण्डौरी और सीधी में ही इस योजना में बिजली तो नहीं पहुंची 29 करोड़ रूपये का घोटाला सामने आ गया, जिसमें पुराने ट्रांसफार्मरों के नाम पर घोटाला किया गया, 44 अधिकारी इस घोटाले में पकड़े गये. ऊपर कितना माल गया, जांच में सामने आयेगा

चावल घोटाला
मध्यप्रदेश सरकार ने खरीदी गई धान से चावल बनवाकर जो चावल भण्डारण कराया वह जानवरों के खाने योग्य था, धान मिलर्स और सरकार का माफिया मिलकर लगभग 1000 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया. जिसे केंद्र सरकार की एजेंसियों ने पकड़ा और चावल को जानवरों के खाने योग्य बताया. यह घोटाला मामा राज में निरंतर चला आ रहा है. अगस्त 2020 में घोटाला पकड़े जाने के बावजूद और सरकार की राष्ट्रव्यापी फजीहत होने के बावजूद अभी फिर से 26 हजार क्विंटल घटिया चावल की रैक शिवपुरी भेजी गई, जिसमें से 1000 क्विंटल चावल जानवरों के खाने योग्य बताये जाने का आरोप है. यह चावल अशोकनगर, गुना और दतिया में बांटा जाना है.

किसानों की सब्सिडी हड़पने का घोटाला
मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने वरिष्ठालय के निर्देश के नाम पर निजी कंपनियों को बिना टेंडर दिये गये करोड़ों के सप्लाई ऑर्डर, कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर रीवा के कई आदेश निरस्त, बाकी जिलों में करोड़ों रूपयों का खेल किया गया इस मामले में सीबीआई जांच जरूरी है.

फर्नीचर खरीदी घोटाला
मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में फर्नीचर खरीदी घोटाले में चार कंपनियां ब्लैक लिस्ट की गई.घोटाला 18 करोड़ रूपयों का बताया जा रहा है.गलत जानकारी के आधार पर लघु उद्योग निगम में निविदाओं में किया जा रहा है घोटाला.

प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना घोटाला
प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए बीज खरीदी में एक शब्द के हेरफेर से 110 करोड़ रूपयों का घोटाला आरोपित है. जिसकी जांच करने में जांच एजेंसियों असमर्थता जाहिर कर रही है.


ये भी पढ़ें:वायरल ऑडियो पर बोले दिग्विजय सिंह, BJP जैसा लालच प्रलोभन नहीं, सामान्य बातचीत है


बायो-फर्टिलाइजर घोटाला
केंद्र सरकार ने लिक्विड बायो-फर्टिलाईजर खरीदने के लिए जो राशि मध्यप्रदेश सरकार को दी थी, उसमें फर्टिलाईजर केप्सूल खरीद लिये गये. करोड़ों के इस घोटाले में मध्यप्रदेश खेतों को केप्सूल खिलाने वाला विश्व का पहला राज्य बना.

डंपर घोटाल
इसमें शिवराज सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर कुछ डंपर रीवा की जेपी सीमेंट फैक्ट्री में लगवाए और फंसने पर कागजों में हेराफेरी करके लोगों को और कानून को भ्रमित किया.


घोटाला क्रमांक-1प्रवासी मजदूर खाना घोटाला
घोटाला क्रमांक-2 व्यापम कांड
घोटाला क्रमांक-3 होशंगाबाद रेत घोटाला
घोटाला क्रमांक-4 गृह निर्माण समिति घोटाला
घोटाला क्रमांक-5 ई-टेंडर घोटाला
घोटाला क्रमांक-6 सिंहस्थ घोटाला
घोटाला क्रमांक-7 नर्मदा परिक्रमा घोटाला
घोटाला क्रमांक-8 प्लांटेशन घोटाला
घोटाला क्रमांक-9 प्याज घोटाला
घोटाला क्रमांक-10 बुंदेलखंड पैकेज घोटाला
घोटाला क्रमांक-11उद्यानिकी घोटाला
घोटाला क्रमांक-12घटिया चावल सप्लाई घोटाला
घोटाला क्रमांक-13खासगी होलकर ट्रस्ट घोटाला
घोटाला क्रमांक-14बिजली खरीद घोटाला
घोटाला क्रमांक-15ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला

बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया गायब

बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया का फोटो गायब होने पर भी कांग्रेस ने निशाना साधा है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि दो महीने तक जिन्हें बीजेपी का एक बड़ा चेहरा बताया जा रहा था उसी चेहरे को बीजेपी के द्वारा आज जारी किए गए संकल्प पत्र से गायब कर दिया गया है यह एक बहुत बड़ा आश्चर्य का विषय है.

15 साल सरकार चलाने वाले 15 महीने की सरकार से मांग रहे हैं हिसाब -अरुण यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि 15 साल मध्य प्रदेश में सरकार चलाने वाले लोग आज 15 महीने की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं उन्होंने कहा कि स्थिति तो यह है कि 15 साल घोटाला करने वाले शिवराज आज 15 महीने के मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके कार्यकाल का हिसाब किताब मांग रहे हैं लेकिन यदि बात की जाए तो मात्र 7 महीने में हीशिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कई घोटाले हो चुके हैं जिसका खुलासा आज कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा है मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर हम लगातार 4 महीने से सक्रिय हैं और इस दौरान हम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ भी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं लेकिन जिस तरह का जन समर्थन कमलनाथ को मिल रहा है वह देखने वाला है क्योंकि हर एक व्यक्ति उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहता है क्योंकि यह चुनाव टिकाऊ और बिकाऊ के बीच हो रहा है और यह चुनाव प्रदेश की आम जनता लड़ रही है निश्चित रूप से 10 नवंबर को जब उपचुनाव का परिणाम आएगा तो कांग्रेस एक बार फिर से सरकार बनाएगी और निश्चित रूप से जो वचन कांग्रेस के द्वारा प्रदेश की जनता से किया गया है उसे 3 साल के कार्यकाल में पूरा किया जाएगा.


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हुई गलतियां
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की जनता का भारी समर्थन मिल रहा है जिस तरह से प्रधानमंत्री को देखने के लिए जनता आतुर रहती है उसी तरह से कमलनाथ को देखने के लिए भी जनता सड़कों पर उतर रही है इस दौरान महिलाओं का भारी जनसमर्थन पूर्व मुख्यमंत्री को मिल रहा है निश्चित रूप से जिस प्रकार के कार्य उन्होंने अपनी सरकार के दौरान शुरू किए थे उन्हें जनता पसंद करती है क्योंकि कमलनाथ के द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था तो वही भू माफियाओं के खिलाफ भी तेजी से कार्यवाही की गई थी इस दौरान रेट के अवैध उत्खनन को भी रोका गया और नई नीति लागू की गई जिससे ना केवल सरकार का राजस्व बढ़ा बल्कि अवैध रेत उत्खनन पर भी रोक लग सके उन्होंने कहा कि लेकिन इन सबके बीच कमलनाथ से कुछ गलतियां भी हुई थी उन्होंने कहा कि कमलनाथ अपने कार्यकाल के दौरान जनता को दिए वचनों को पूरा करने में पूरी तरह से जुड़ गए थे लेकिन इसी दौरान उन्होंने बीजेपी कार्यकाल में हुए ई टेंडर घोटाला और व्यापम घोटाले पर ध्यान नहीं दिया यदि उस समय इन घोटालों पर ध्यान दे दिया गया होता तो निश्चित रूप से आज कई बड़े चेहरे सलाखों के पीछे होते.

राम बाई को जरूर बनाएंगे मंत्री
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि संख्या बल के आधार पर कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ था लेकिन उपचुनाव के बाद एक बार फिर से हम बहुमत सिद्ध करेंगे और प्रदेश में सरकार बनाएंगे वहीं जब उनसे पूछा गया कि निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के द्वारा फिलहाल बीजेपी को समर्थन दिया जा रहा है सरकार बनने के बाद क्या उनका समर्थन वापस लेते हुए क्या उन्हें फिर से मंत्री बनाया जाएगा इस सवाल के जवाब में सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदीप जायसवाल को मंत्री बनाने या नहीं बनाने का निर्णय केवल कमलनाथ के द्वारा ही किया जाएगा यदि मेरी बात मानी गई तो निश्चित रूप से बीएसपी विधायक राम बाई को जरूर मंत्री बनाया जाएगा.

भोपाल। प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा के उपचुनाव के पहले ही आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. उप चुनाव का मतदान 3 नवंबर को होना है लेकिन उससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर कई बड़े आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के द्वारा बीजेपी के 7 महीने के कार्यकाल के दौरान 17 घोटाले किए जाने का आरोप लगाया गया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के द्वारा इन आरोप पत्रों की सूची जारी की गई है. बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया का फोटो गायब होने पर भी कांग्रेस ने निशाना साधा है.

शिवराज सरकार पर कांग्रेस का बड़ा हमला

'शिवराज सिंह के भ्रष्टाचार की गाथा इतिहास में दर्ज'

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि भोली भाली सूरत और लच्छेदार भाषण और अपने आप को दीन-हीन और गरीब का बेटा बताकर शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार द्वारा भ्रष्टाचार करने की गाथा बहुत पुरानी है. शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए घोटालों और भ्रष्टाचार के जीते जागते प्रमाण आज भी जमीन पर खड़े हैं और सरकारी फाइलों में देखे जा सकते हैं. विदिशा का वेयरहाउस, वहीं पर बनी हुई विशालकाय डेयरी, ससुराल गोंदिया में रिश्तेदारों की संपत्ति, पुत्रों की अमेरिका में पढ़ाई के खर्चे, भोपाल में भाइयों की संपत्ति, यह सब बातें शिवराज सिंह के तथाकथित ‘गरीब’ जीवन और उनके द्वारा किए गए घोटालों से जुड़ी जनश्रुतियां के हिस्से हैं और इतिहास में दर्ज हो चुके हैं. ये सब बातें कभी ना कभी विधानसभा की चर्चाओं में आयीं हैं और रिकॉर्ड में हैं.

शिवराज सरकार में घोटालों की फेहरिस्त

अजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह का आचरण पाखंड और झूठ की पराकाष्ठा है. सात महीने पहले जब खरीद-फरोख्त के माध्यम से जनता की चुनी हुई सरकार गिराई है तो शिवराज सिंह के असली चरित्र की पोल खुल गयी . आज फिर से शिवराज सिंह के पाखंडी और ‘कलाकारी’ के चरित्र को सामने लाना बहुत आवश्यक है. जनता को शिवराज सिंह चौहान के पिछले कारनामों की याद दिलाने के लिए उनके कार्यकाल की भ्रष्टाचार और घोटालों की फेहरिस्त फिर से जनता के सामने प्रस्तुत की जा रही है.

सात महीने में नए-नए घोटालों के कीर्तिमान
उन्होंने कहा कि 15 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा और शिवराज घोटालों और भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए थे. जनता ने इसीलिए 2018 में शिवराज सिंह को घर बैठाया था. लेकिन खरीद-फरोख्त करके शिवराज सिंह चैहान फिर मुख्यमंत्री बन गए. अपने सात महीने के कार्यकाल में अपनी आदत के अनुसार ‘आपदा में अवसर’ यहां भी शिवराज सिंह चौहान और उनसे जुड़े लोगों ने देख लिए, इन सात महीनों के भी कम समय में शिवराज सिंह सरकार ने नए-नए घोटाले कर फिर कीर्तिमान बना लिये हैं.


आटा चोरी घोटाला
ग्वालियर में लाखों पैकेट आटे के जो बाहर से आए मजदूरों को प्रदाय किए जाने थे, उन आटे के पैकेटों को जब तौला गया तो 10 किलो के आटे के पैकेट में 6 से लेकर 8 किलो तक आटा पाया गया.

त्रिकुट चूर्ण घोटाला
जनता की इम्यूनिटी बढ़ाने के नाम पर करोड़ों की संख्या में त्रिकुट चूर्ण बांटना बताया गया, जबकि प्रदेश में 10 में से 9 घरों में यह चूर्ण पहुंचा ही नहीं. करोड़ों पैकेट का वारा न्यारा हो गया.

शराब एमआरपी घोटाला
सरकार बदलते ही सबसे पहले सरकार ने शराब माफिया पर हाथ रखा, शराब ठेकेदारों को ठेका स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया गया. लॉकडाउन के कारण शराब ठेकेदारों ने हाथ खड़े किए, तब सरकार ने खुद ही शराब बेचने का फैसला किया और शराब की दुकान लाॅकडाउन में भी खोल दी गई. महिलाओं को शराब की दुकानों पर शराब बेचने के लिए बैठा दिया गया. जब सरकार पूरी तरह से असफल हो गई, तब ठेकेदारों से टेबल के नीचे समझौते हुए और ठेकेदारों को एमआरपी से अधिक कीमतों पर शराब बेचने की छूट मिल गई.सरकार के अमले ने आंखें फेर ली और आबकारी ठेकेदारों ने जी भर कर एमआरपी से कई गुनी कीमतों पर शराब बेची और प्रदेश की जनता को लूटा और तो और प्रदेश को राजस्व की हानि से चूना लगाया गया.

तबादला उद्योग घोटाला
सरकार बदलते ही हजारों की तादाद में तबादले कर मुद्रा विकास का काम शुरू हो गया.एक दिन में तीन तीन बार अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए. 500 से अधिक आईएएस और आईपीएस अधिकारी इधर से उधर किए गए. उद्योग चल पड़ा तो हालात ऐसे हो गए कि मुख्यमंत्री कोविड-19 होते हुए भी अस्पताल से ट्रांसफरों की सूचियां निकालते रहे. कमलनाथ सरकार में तो ऑनलाइन ट्रांसफर होते थे. लेकिन टेबल के नीचे सौदा होने से ऑफ लाइन तबादले चालू हो गये. 10 हजार तबादले तो शिक्षा विभाग में हुए. यहां तक की आचार संहिता में भी तबादले की खदान धन उगलती रही और अंततः चुनाव आयोग को तबादले निरस्त करना पड़े.

शासकीय खरीदी में लेने का घोटाला
जैसे ही सागर के एक गैर विधायक मंत्री मंडल में खाद्य मंत्री बने उनके चुनाव क्षेत्र में सहकारी समितियों में ललितपुर से गरीबों के लिए भेजा गया. चोरी होकर कोविड-19 का गेहूं सिहोरा की समितियों में खरीदा जाने लगा. आठ ट्रक पकड़े गए, एफआईआर दर्ज हुई. जिसके बाद एफआईआर दर्ज करने वाली कलेक्टर को तबादला कर दिया गया. मगर घोटाले बाजों का बाल बांका भी नहीं हुआ. एफआईआर एफ आई आर कहां फेक दी गई इसकी खोज हमारी सरकार आकर करेगी.

फर्जी बिल बिजली बिल घोटाला
कमलनाथ की सरकार 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देने का काम इंदिरा ज्योति योजना के तहत कर रही थी, एक करोड़ हितग्राहियों के घर में 100 रुपए के बिजली के बिल आ रहे थे, जैसे ही अनैतिक संसाधनों से गिराया गया ,वैसे ही बिजली वितरण कंपनियों का के माध्यम से जनता को लूटने के नए हथकंडे शुरू हो गए, जिन लोगों के 100 रूपये के बिल आ रहे थे, वह अब 5 हजार, 10 हजार से लेकर लाखों में आने लगे.

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पीपीई किट घोटाला
इंदौर और पूरे प्रदेश में कारोना की महामारी से निपटने के लिए दवाई और पीपीई किट की खरीद में घोटाला किया गया।

मध्यान्ह भोजन घोटाला
मध्यप्रदेश की जनता जब कोरोना महामारी से जूझ रही थी, सभी स्कूल बंद थे, बच्चे स्कूलों में नहीं आ रहे थे, तब भी मध्यान्ह भोजन पर 316 करोड़ से अधिक की राशि व्यय हुई. पूरा प्रदेश जानना चाहता है कि यह भोजन किन लोगों को करवाया गया.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि घोटाला
मध्यप्रदेश की घोटालेबाज सरकार प्रधानमंत्री की किसान सम्मान निधि योजना तक में फर्जीवाड़े करने लगी है. जिसकी भनक प्रधानमंत्री कार्यालय में लगने पर जांच में भारी घोटाले पाए गये. रतलाम जिले में 15242 अपात्र किसान पाये गये, बड़वानी में 889 किसान आयकर दाता निकले, झाबुआ में 30 हजार दस्तावेजों की जांच जारी है, खंडवा में 2300 पंजीयन अपात्र पाये गये, खरगोन के नौगांव में सत्यापन में 86 किसान अपात्र पाए गये.

सौभाग्य योजना घोटाला
सौभाग्य योजना के माध्यम से गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का काम होना था. अकेले मंडला, डिण्डौरी और सीधी में ही इस योजना में बिजली तो नहीं पहुंची 29 करोड़ रूपये का घोटाला सामने आ गया, जिसमें पुराने ट्रांसफार्मरों के नाम पर घोटाला किया गया, 44 अधिकारी इस घोटाले में पकड़े गये. ऊपर कितना माल गया, जांच में सामने आयेगा

चावल घोटाला
मध्यप्रदेश सरकार ने खरीदी गई धान से चावल बनवाकर जो चावल भण्डारण कराया वह जानवरों के खाने योग्य था, धान मिलर्स और सरकार का माफिया मिलकर लगभग 1000 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया. जिसे केंद्र सरकार की एजेंसियों ने पकड़ा और चावल को जानवरों के खाने योग्य बताया. यह घोटाला मामा राज में निरंतर चला आ रहा है. अगस्त 2020 में घोटाला पकड़े जाने के बावजूद और सरकार की राष्ट्रव्यापी फजीहत होने के बावजूद अभी फिर से 26 हजार क्विंटल घटिया चावल की रैक शिवपुरी भेजी गई, जिसमें से 1000 क्विंटल चावल जानवरों के खाने योग्य बताये जाने का आरोप है. यह चावल अशोकनगर, गुना और दतिया में बांटा जाना है.

किसानों की सब्सिडी हड़पने का घोटाला
मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने वरिष्ठालय के निर्देश के नाम पर निजी कंपनियों को बिना टेंडर दिये गये करोड़ों के सप्लाई ऑर्डर, कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर रीवा के कई आदेश निरस्त, बाकी जिलों में करोड़ों रूपयों का खेल किया गया इस मामले में सीबीआई जांच जरूरी है.

फर्नीचर खरीदी घोटाला
मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में फर्नीचर खरीदी घोटाले में चार कंपनियां ब्लैक लिस्ट की गई.घोटाला 18 करोड़ रूपयों का बताया जा रहा है.गलत जानकारी के आधार पर लघु उद्योग निगम में निविदाओं में किया जा रहा है घोटाला.

प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना घोटाला
प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए बीज खरीदी में एक शब्द के हेरफेर से 110 करोड़ रूपयों का घोटाला आरोपित है. जिसकी जांच करने में जांच एजेंसियों असमर्थता जाहिर कर रही है.


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बायो-फर्टिलाइजर घोटाला
केंद्र सरकार ने लिक्विड बायो-फर्टिलाईजर खरीदने के लिए जो राशि मध्यप्रदेश सरकार को दी थी, उसमें फर्टिलाईजर केप्सूल खरीद लिये गये. करोड़ों के इस घोटाले में मध्यप्रदेश खेतों को केप्सूल खिलाने वाला विश्व का पहला राज्य बना.

डंपर घोटाल
इसमें शिवराज सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर कुछ डंपर रीवा की जेपी सीमेंट फैक्ट्री में लगवाए और फंसने पर कागजों में हेराफेरी करके लोगों को और कानून को भ्रमित किया.


घोटाला क्रमांक-1प्रवासी मजदूर खाना घोटाला
घोटाला क्रमांक-2 व्यापम कांड
घोटाला क्रमांक-3 होशंगाबाद रेत घोटाला
घोटाला क्रमांक-4 गृह निर्माण समिति घोटाला
घोटाला क्रमांक-5 ई-टेंडर घोटाला
घोटाला क्रमांक-6 सिंहस्थ घोटाला
घोटाला क्रमांक-7 नर्मदा परिक्रमा घोटाला
घोटाला क्रमांक-8 प्लांटेशन घोटाला
घोटाला क्रमांक-9 प्याज घोटाला
घोटाला क्रमांक-10 बुंदेलखंड पैकेज घोटाला
घोटाला क्रमांक-11उद्यानिकी घोटाला
घोटाला क्रमांक-12घटिया चावल सप्लाई घोटाला
घोटाला क्रमांक-13खासगी होलकर ट्रस्ट घोटाला
घोटाला क्रमांक-14बिजली खरीद घोटाला
घोटाला क्रमांक-15ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला

बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया गायब

बीजेपी के संकल्प पत्र से सिंधिया का फोटो गायब होने पर भी कांग्रेस ने निशाना साधा है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि दो महीने तक जिन्हें बीजेपी का एक बड़ा चेहरा बताया जा रहा था उसी चेहरे को बीजेपी के द्वारा आज जारी किए गए संकल्प पत्र से गायब कर दिया गया है यह एक बहुत बड़ा आश्चर्य का विषय है.

15 साल सरकार चलाने वाले 15 महीने की सरकार से मांग रहे हैं हिसाब -अरुण यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि 15 साल मध्य प्रदेश में सरकार चलाने वाले लोग आज 15 महीने की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं उन्होंने कहा कि स्थिति तो यह है कि 15 साल घोटाला करने वाले शिवराज आज 15 महीने के मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके कार्यकाल का हिसाब किताब मांग रहे हैं लेकिन यदि बात की जाए तो मात्र 7 महीने में हीशिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कई घोटाले हो चुके हैं जिसका खुलासा आज कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा है मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर हम लगातार 4 महीने से सक्रिय हैं और इस दौरान हम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ भी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं लेकिन जिस तरह का जन समर्थन कमलनाथ को मिल रहा है वह देखने वाला है क्योंकि हर एक व्यक्ति उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहता है क्योंकि यह चुनाव टिकाऊ और बिकाऊ के बीच हो रहा है और यह चुनाव प्रदेश की आम जनता लड़ रही है निश्चित रूप से 10 नवंबर को जब उपचुनाव का परिणाम आएगा तो कांग्रेस एक बार फिर से सरकार बनाएगी और निश्चित रूप से जो वचन कांग्रेस के द्वारा प्रदेश की जनता से किया गया है उसे 3 साल के कार्यकाल में पूरा किया जाएगा.


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हुई गलतियां
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की जनता का भारी समर्थन मिल रहा है जिस तरह से प्रधानमंत्री को देखने के लिए जनता आतुर रहती है उसी तरह से कमलनाथ को देखने के लिए भी जनता सड़कों पर उतर रही है इस दौरान महिलाओं का भारी जनसमर्थन पूर्व मुख्यमंत्री को मिल रहा है निश्चित रूप से जिस प्रकार के कार्य उन्होंने अपनी सरकार के दौरान शुरू किए थे उन्हें जनता पसंद करती है क्योंकि कमलनाथ के द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था तो वही भू माफियाओं के खिलाफ भी तेजी से कार्यवाही की गई थी इस दौरान रेट के अवैध उत्खनन को भी रोका गया और नई नीति लागू की गई जिससे ना केवल सरकार का राजस्व बढ़ा बल्कि अवैध रेत उत्खनन पर भी रोक लग सके उन्होंने कहा कि लेकिन इन सबके बीच कमलनाथ से कुछ गलतियां भी हुई थी उन्होंने कहा कि कमलनाथ अपने कार्यकाल के दौरान जनता को दिए वचनों को पूरा करने में पूरी तरह से जुड़ गए थे लेकिन इसी दौरान उन्होंने बीजेपी कार्यकाल में हुए ई टेंडर घोटाला और व्यापम घोटाले पर ध्यान नहीं दिया यदि उस समय इन घोटालों पर ध्यान दे दिया गया होता तो निश्चित रूप से आज कई बड़े चेहरे सलाखों के पीछे होते.

राम बाई को जरूर बनाएंगे मंत्री
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि संख्या बल के आधार पर कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ था लेकिन उपचुनाव के बाद एक बार फिर से हम बहुमत सिद्ध करेंगे और प्रदेश में सरकार बनाएंगे वहीं जब उनसे पूछा गया कि निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के द्वारा फिलहाल बीजेपी को समर्थन दिया जा रहा है सरकार बनने के बाद क्या उनका समर्थन वापस लेते हुए क्या उन्हें फिर से मंत्री बनाया जाएगा इस सवाल के जवाब में सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदीप जायसवाल को मंत्री बनाने या नहीं बनाने का निर्णय केवल कमलनाथ के द्वारा ही किया जाएगा यदि मेरी बात मानी गई तो निश्चित रूप से बीएसपी विधायक राम बाई को जरूर मंत्री बनाया जाएगा.

Last Updated : Oct 29, 2020, 6:15 PM IST
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