भोपाल। कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया कार्यक्रम में शामिल होने के बाद भोपाल के सीमावर्ती ग्राम चंद्रपुरा में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में अचानक पहुंचे और ग्रामीणों से रूबरू हुए. कलेक्टर को अपने बीच पाकर सभी ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं.
रोजगार सहायक को सेवा से पृथक करने के दिये निर्देश
कलेक्टर ने ग्रामीणों से उनकी समस्या सुनने पर ग्रामीणों द्वारा एक स्वर में तालाब निर्माण, खेल मैदान एवं वृक्षारोपण में भ्रष्टाचार के आरोप पर कलेक्टर ने ग्राम रोजगार सहायक हमीर सिंह को तत्काल सेवा से पृथक करने के जिला पंचायत सीईओ को निर्देश देकर निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं.
अधिकारियों को दिए निर्देश
कलेक्टर ने विस्तार से प्रत्येक ग्रामीण की समस्याएं सुनकर यथासंभव समाधान किया. उन्होंने सभी से राशन वितरण, पेंशन, बिजली, पानी की सुविधा की जानकारी ली. कईं ग्रामीणों द्वारा राशन के लिए दो किलोमीटर दूर जाने की समस्या बताने पर नागरिक आपूर्ति खाद्य अधिकारी को प्रति माह की 9 और 10 तारीख को गांव में ही राशन वितरण के आदेश दिए गए. कई ग्रामीणों की भूमि सिरोंज- टेम्स नदी परियोजना में डूब में आने पर मुआवजा की समस्या बताई, जिस पर कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत को सभी ऐसे ग्रामीणों के प्रकरण एकजाई कर तुरंत समाधान के निर्देश दिए हैं. ग्रामीण राधेश्याम की बेटी का लाडली लक्ष्मी कार्ड बनवाने, कौशल्या बाई को शौचालय बनवाने, राजकुमारी पत्नी बलराम को जननी सुरक्षा की राशि दिलवाने के निर्देश सहित सभी ग्रामीणों के आवेदन दिए गये.
15 जनवरी को लगेगा एकीकृत शिविर
कलेक्टर लवानिया ने चंद्रपुरा में 15 जनवरी को वृहद एकीकृत शिविर लगाने के आदेश दिए. शिविर में आयुष्मान कार्ड, विकलांग कार्ड, बीपीएल कार्ड, राशन वितरण हेतु पात्रता पर्ची सहित अन्य योजनाओं के तहत संकल्प अभियान की तरह हितग्राहियों को लाभांवित करने के लिए चिन्हित किया जायेग. चंद्रपुरा में आज स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया था. स्वास्थ्य शिविर में सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसी अवसर पर कलेक्टर ने पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. दिन में सभी विभागों के अधिकारियों ने शासकीय योजनाओं की जानकारी दी.
पहाड़ा सुनाने पर 100 रुपये का इनाम
बैरसिया के आखिरी सीमावर्ती ग्राम पंचायत खाताखेड़ी के चंद्रपुरा पहुँचे कलेक्टर ने रास्ते में किसान भगवत सिंह के कुआं का निरीक्षण किया, साथ ही भगवत सिंह के बच्चों के द्वारा 15 एवं 12 के पहाड़े सुनाने पर उन्हें तुरंत 100 -100 रुपए पुरुस्कार स्वरूप दिए.