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एमपी में अब गोबर-पराली से CNG और बायो-फर्टिलाइजर बनेगा - भारत बायोगैस

मध्यप्रदेश में अब गोबर और पराली का राज्य में उपयोग कर सीएनजी और बायो फर्टिलाइजर उत्पादन किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस पर बैठक की है.

CM Shivraj
सीएम शिवराज
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Published : Jan 25, 2021, 8:52 AM IST

भोपाल। प्रदेश में बायो सीएनजी और ऑर्गेनिक सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उत्पादन के लिए योजना बनाई जा रही है. पहले चरण में इसके लिए सालरिया गो-अभयारण्य एवं कामधेनु रायसेन को चुना गया है. यहां भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाकर उस पर कार्य किया जाएगा. गुजरात में इन दोनों पर ही सफलता पूर्वक कार्य किया जा रहा है. मध्य प्रदेश भी गोबर और पराली से सीएनजी एवं बायो-फर्टिलाइजर्स उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से कार्य करेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको लेकर सीएम हाउस में भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

परियोजना संचालित करेंगे, प्रशिक्षण भी देंगे
भारत बायोगैस के भरत पटेल ने कहा कि भारत बायोगैस द्वारा सालरिया गो-अभयारण्य और कामधेनु रायसेन पर बायो सीएनजी एवं बायो सॉलिड तथा लिक्विड फर्टिलाइजर की पूरी योजना बनाई जाएगी. 3 से 5 वर्ष तक उसे चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर प्रारंभिक स्वीकृति देते हुए अधिकारियों को आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए है.

CM Shivraj
सीएम शिवराज ने की बैठत
3000 किलोग्राम सीएनजी प्रतिदिन
प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण में भरत पटेल ने बताया कि सालरिया गो-अभ्यारण में प्रतिदिन 70 मीट्रिक टन रॉ-मटेरियल, जिसमें गोबर, पराली, घास और ग्रामीण कचरा शामिल हैं. लगभग 3000 किलोग्राम बायो सीएनजी का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा. इसी के साथ लगभग 25 मीट्रिक टन सॉलिड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और लगभग 7000 लीटर लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा. इसी के साथ वहां विभिन्न प्रजातियों का पौधारोपण, बांस रोपण, ड्रैगन फ्रूट प्लांटेशन आदि भी किए जाएंगे.
रायसेन में बनाएंगे मॉडल प्लांट
भरत पटेल ने बताया कि रायसेन में खेत की पराली और गोबर के मिश्रण से बायोगैस एवं फर्टिलाइजर्स बनाने का मॉडल प्लांट लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है. इस प्लांट में रॉ-मटेरियल के रूप में प्रतिदिन लगभग 10 मीट्रिक टन गोबर और पराली के मिश्रण से प्रतिदिन 400 किलोग्राम बायो सीएनजी, लगभग 3 मीट्रिक टन सॉलिड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और लगभग 1000 लीटर प्रतिदिन लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने की योजना है.
विदेशों में मार्केटिंग भी करेंगे
भारत बायोगैस द्वारा इन स्थानों पर बनाए गए बायो सीएनजी और सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर की देश-विदेश में ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी की जाएगी. इनका अच्छा मार्केट है इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
'अक्षय पात्र' गुजरात की भी सेवाएं ली जाएंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कुछ गो-शालाओं के श्रेष्ठ संचालन के लिए अक्षय पात्र संस्था गुजरात की भी सेवाएं ली जाएंगी. अक्षय पात्र द्वारा गुजरात में इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है. गौशालाओं के संचालन में समुदाय की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सालरिया गो-अभयारण्य में 4000 गोवंश है, जबकि गो अभयारण्य की क्षमता 10 हजार गोवंश की है. भविष्य में यहां गोवंश की संख्या बढ़ाई जाएगी.

भोपाल। प्रदेश में बायो सीएनजी और ऑर्गेनिक सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उत्पादन के लिए योजना बनाई जा रही है. पहले चरण में इसके लिए सालरिया गो-अभयारण्य एवं कामधेनु रायसेन को चुना गया है. यहां भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाकर उस पर कार्य किया जाएगा. गुजरात में इन दोनों पर ही सफलता पूर्वक कार्य किया जा रहा है. मध्य प्रदेश भी गोबर और पराली से सीएनजी एवं बायो-फर्टिलाइजर्स उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से कार्य करेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको लेकर सीएम हाउस में भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

परियोजना संचालित करेंगे, प्रशिक्षण भी देंगे
भारत बायोगैस के भरत पटेल ने कहा कि भारत बायोगैस द्वारा सालरिया गो-अभयारण्य और कामधेनु रायसेन पर बायो सीएनजी एवं बायो सॉलिड तथा लिक्विड फर्टिलाइजर की पूरी योजना बनाई जाएगी. 3 से 5 वर्ष तक उसे चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर प्रारंभिक स्वीकृति देते हुए अधिकारियों को आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए है.

CM Shivraj
सीएम शिवराज ने की बैठत
3000 किलोग्राम सीएनजी प्रतिदिन
प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण में भरत पटेल ने बताया कि सालरिया गो-अभ्यारण में प्रतिदिन 70 मीट्रिक टन रॉ-मटेरियल, जिसमें गोबर, पराली, घास और ग्रामीण कचरा शामिल हैं. लगभग 3000 किलोग्राम बायो सीएनजी का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा. इसी के साथ लगभग 25 मीट्रिक टन सॉलिड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और लगभग 7000 लीटर लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा. इसी के साथ वहां विभिन्न प्रजातियों का पौधारोपण, बांस रोपण, ड्रैगन फ्रूट प्लांटेशन आदि भी किए जाएंगे.
रायसेन में बनाएंगे मॉडल प्लांट
भरत पटेल ने बताया कि रायसेन में खेत की पराली और गोबर के मिश्रण से बायोगैस एवं फर्टिलाइजर्स बनाने का मॉडल प्लांट लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है. इस प्लांट में रॉ-मटेरियल के रूप में प्रतिदिन लगभग 10 मीट्रिक टन गोबर और पराली के मिश्रण से प्रतिदिन 400 किलोग्राम बायो सीएनजी, लगभग 3 मीट्रिक टन सॉलिड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और लगभग 1000 लीटर प्रतिदिन लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने की योजना है.
विदेशों में मार्केटिंग भी करेंगे
भारत बायोगैस द्वारा इन स्थानों पर बनाए गए बायो सीएनजी और सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर की देश-विदेश में ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी की जाएगी. इनका अच्छा मार्केट है इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
'अक्षय पात्र' गुजरात की भी सेवाएं ली जाएंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कुछ गो-शालाओं के श्रेष्ठ संचालन के लिए अक्षय पात्र संस्था गुजरात की भी सेवाएं ली जाएंगी. अक्षय पात्र द्वारा गुजरात में इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है. गौशालाओं के संचालन में समुदाय की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सालरिया गो-अभयारण्य में 4000 गोवंश है, जबकि गो अभयारण्य की क्षमता 10 हजार गोवंश की है. भविष्य में यहां गोवंश की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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