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CM Youth Internship Scheme: क्या है मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना, जानें इससे किसे होगा लाभ - युवा इंटर्नशिप योजना

चुनावी साल में शिवराज सरकार सरकारी योजनाओं की ब्रांडिंग और मॉनिटिरिंग के लिए मेंटर्स नियुक्त किए हैं. 22 हजार विद्यार्थियों को ट्रेंनिग भी दी जा रही है जिसके बाद सरकार इन छात्रों को प्रदेश सरकार की योजना को जन-जन तक पहुंचाने का काम देगी जिसके लिए इन्हे मानेदय दिया जाएगा.

cm youth internship scheme
एमपी मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना
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Published : Feb 4, 2023, 6:59 PM IST

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 22 हजार युवाओं को मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप पॉलिसी के तहत जनसेवा मित्र के तौर पर नियुक्त किया है. मध्य प्रदेश के सभी जिलो ब्लॉक और ग्रामीण क्षेत्रों में यह जनसेवा मित्र न सिर्फ सरकार की विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे बल्कि जनता के बीच सरकार के लिए पॉजिटिव माहौल बनाकर सीधा फीडबैक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक भी पहुंचाएंगे. सबसे निचले स्तर पर मेंटर्स नियुक्त किए गए हैं जिन्हें 8 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा. वही ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और जिला कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त किए गए हैं, इसके अलावा हर ब्लाक में जनसंख्या के हिसाब से जन सेवकों की नियुक्ति की गई है.

भाजपा का प्लान: चुनावी साल में तमाम विभागों में सरकार पहले से ही बंपर भर्तियां कर रही है लेकिन अब सीएम शिवराज ने इन युवाओं को सरकारी जासूस के तौर पर तैनात किया है. पहले चरण में सरकार ने इन्हें 6 महीने के लिए नियुक्त किया है जिनकी सेवा अवधि आगे भी बढ़ाई जा सकती है. हालांकि इन तमाम काम के लिए सरकार के पास पहले से जन अभियान परिषद है जिसमें 25 हजार कार्यकर्ता समाजसेवी और ग्राम नगर विकास प्रस्फुटन समिति के तौर पर काम करते हैं. लेकिन चुनावी माहौल में युवाओं को साधने और सरकार की पुख्ता मॉनिटरिंग के लिए बीजेपी और सरकार ने सम्मिलित रूप से समान विचारधारा वाले युवाओं की तैनाती का प्लान बनाया है.

सीएम ने बताया मील का पत्थर: इस पूरी योजना को लेकर जहां एक ओर युवा खुश हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे मील का पत्थर बता रहे हैं. सीएम शिवराज ने विद्यार्थियों को लेकर भी ऐलान किया है शिवराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने ऐसे विद्यार्थियों को हटा दिया था लेकिन अब नहीं हटा पाएगें क्योंकि सरकार इन कोर्सेस को मान्यता दे रही है, जिसमें इन्हें उच्च शिक्षा से संबद्ध करने की घोषणा की गई थी.

शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम में 22 हजार छात्रों को भर्ती किया जिसे 2015 में शुरु किया गया था. छात्रों के साथ मिलकर सरकार उनकी योजनाओं की मॉनिटरिंग के साथ-साथ उनसे रिपोर्ट लेगी और वो सीधे मुख्ममंत्री को देगी. ये छात्र SSW और MSW की डिग्री ले रहे हैं. पास होने के बाद सरकार इन्हे सरकारी योजनाओं की ब्रांडिग करने के लिए मानदेय देगी.

कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस का आरोप है कि आरएसएस युवा मोर्चा और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सरकारी खजाने से फायदा पहुंचाने के लिए यह पूरी योजना बनाई गई है. प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा कि बीजेपी सरकार लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा ऐसे लोगों को दे रही है जो संघ से जुड़े हैं या फिर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. इन लोगों को पैसा इसलिए दिया जा रहा है जिससे ये लोग शिवराज के पक्ष में माहौल तैयार करें. कांग्रेस का कहना है कि वो जमीन पर जाकर ऐसे लोगों की सच्चाई बताएगी, जिन्हें सरकार की ब्रांडिंग के लिए लाखों रुपए सालाना मिल रहे हैं.

Bhopal Digvijay Singh: मानहानि के केस में दिग्गी राजा को मिली जमानत, अगली सुनवाई 20 मार्च को

युवा इंटर्नशिप योजना: सबसे पहले प्रत्येक जिले से आवेदकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया. प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद युवाओं को लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया और उसके बाद लिखित परीक्षा आयोजित की गई. फिर लिखित परीक्षा पास करने वालों का इंटरव्यू लिया गया. इस पूरी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद प्रदेश भर में 4,695 युवाओं का चयन मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना के लिए किया गया है. मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र के रूप में चयनित आवेदक मध्य प्रदेश सरकार की योजना को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे. इन्हें 8 हजार से लेकर 35 हजार मासिक दिया जाएगा.

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 22 हजार युवाओं को मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप पॉलिसी के तहत जनसेवा मित्र के तौर पर नियुक्त किया है. मध्य प्रदेश के सभी जिलो ब्लॉक और ग्रामीण क्षेत्रों में यह जनसेवा मित्र न सिर्फ सरकार की विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे बल्कि जनता के बीच सरकार के लिए पॉजिटिव माहौल बनाकर सीधा फीडबैक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक भी पहुंचाएंगे. सबसे निचले स्तर पर मेंटर्स नियुक्त किए गए हैं जिन्हें 8 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा. वही ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और जिला कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त किए गए हैं, इसके अलावा हर ब्लाक में जनसंख्या के हिसाब से जन सेवकों की नियुक्ति की गई है.

भाजपा का प्लान: चुनावी साल में तमाम विभागों में सरकार पहले से ही बंपर भर्तियां कर रही है लेकिन अब सीएम शिवराज ने इन युवाओं को सरकारी जासूस के तौर पर तैनात किया है. पहले चरण में सरकार ने इन्हें 6 महीने के लिए नियुक्त किया है जिनकी सेवा अवधि आगे भी बढ़ाई जा सकती है. हालांकि इन तमाम काम के लिए सरकार के पास पहले से जन अभियान परिषद है जिसमें 25 हजार कार्यकर्ता समाजसेवी और ग्राम नगर विकास प्रस्फुटन समिति के तौर पर काम करते हैं. लेकिन चुनावी माहौल में युवाओं को साधने और सरकार की पुख्ता मॉनिटरिंग के लिए बीजेपी और सरकार ने सम्मिलित रूप से समान विचारधारा वाले युवाओं की तैनाती का प्लान बनाया है.

सीएम ने बताया मील का पत्थर: इस पूरी योजना को लेकर जहां एक ओर युवा खुश हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे मील का पत्थर बता रहे हैं. सीएम शिवराज ने विद्यार्थियों को लेकर भी ऐलान किया है शिवराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने ऐसे विद्यार्थियों को हटा दिया था लेकिन अब नहीं हटा पाएगें क्योंकि सरकार इन कोर्सेस को मान्यता दे रही है, जिसमें इन्हें उच्च शिक्षा से संबद्ध करने की घोषणा की गई थी.

शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम में 22 हजार छात्रों को भर्ती किया जिसे 2015 में शुरु किया गया था. छात्रों के साथ मिलकर सरकार उनकी योजनाओं की मॉनिटरिंग के साथ-साथ उनसे रिपोर्ट लेगी और वो सीधे मुख्ममंत्री को देगी. ये छात्र SSW और MSW की डिग्री ले रहे हैं. पास होने के बाद सरकार इन्हे सरकारी योजनाओं की ब्रांडिग करने के लिए मानदेय देगी.

कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस का आरोप है कि आरएसएस युवा मोर्चा और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सरकारी खजाने से फायदा पहुंचाने के लिए यह पूरी योजना बनाई गई है. प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा कि बीजेपी सरकार लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा ऐसे लोगों को दे रही है जो संघ से जुड़े हैं या फिर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. इन लोगों को पैसा इसलिए दिया जा रहा है जिससे ये लोग शिवराज के पक्ष में माहौल तैयार करें. कांग्रेस का कहना है कि वो जमीन पर जाकर ऐसे लोगों की सच्चाई बताएगी, जिन्हें सरकार की ब्रांडिंग के लिए लाखों रुपए सालाना मिल रहे हैं.

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युवा इंटर्नशिप योजना: सबसे पहले प्रत्येक जिले से आवेदकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया. प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद युवाओं को लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया और उसके बाद लिखित परीक्षा आयोजित की गई. फिर लिखित परीक्षा पास करने वालों का इंटरव्यू लिया गया. इस पूरी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद प्रदेश भर में 4,695 युवाओं का चयन मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना के लिए किया गया है. मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र के रूप में चयनित आवेदक मध्य प्रदेश सरकार की योजना को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे. इन्हें 8 हजार से लेकर 35 हजार मासिक दिया जाएगा.

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