भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के प्रारूप को लेकर उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक में चर्चा की है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अब किसी को बहला-फुसलाकर डरा धमका कर विवाह के माध्यम से या अन्य किसी कपट पूर्ण साधन से धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा. ऐसा काम करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
अधिनियम के अंतर्गत कौन-कौन कर सकेगा शिकायत
मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के अंतर्गत अगर शिकायत दर्ज करानी होगी। तो प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश में प्रभावित व्यक्ति खुद,उसके माता-पिता या फिर उसके सगे संबंधी शिकायत कर सकेंगे. यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं सत्र न्यायालय में चलाया जाएगा. उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसकी जांच नहीं करेगा और धर्मांतरण नहीं हुआ है, यह साबित आरोपी को करना होगा.
धर्म परिवर्तन की नियत से की गई शादी शून्य मानी जाएगी
इस कानून में प्रावधान किया गया है कि जो शादी धर्म परिवर्तन के नियत से कराई जाएगी, उसे सुनने माना जाएगा इसके लिए कुटुंब न्यायालय में आवेदन करना होगा.
कानून के तहत सजा के प्रावधान
कानून की धारा 3 का उल्लंघन करने पर एक से 5 साल की सजा और कम से कम 25 हजार का जुर्माना. नाबालिग, महिला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रकरण में 2 से 10 साल की सजा तथा कम से कम 50 हजार का जुर्माना प्रस्तावित है. इसी प्रकार अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 3 से 10 वर्ष का कारावास और कम से कम 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. दो से अधिक व्यक्तियों का या सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास करने पर 5 से 10 साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया जाएगा.
क्या है धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 की धारा तीन
प्रस्तावित कानून की धारा तीन के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को बहलाकर, प्रलोभन, धमकी, बलपूर्वक और किसी अन्य तरीके से शादी के नाम पर अथवा अन्य कपट पूर्वक तरीके से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से उसके धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा.
धर्म परिवर्तन के लिए क्या प्रावधान
प्रस्तावित अधिनियम में यह व्यवस्था की गई है कि स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति तथा धार्मिक पुजारी या व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन आयोजित करने का आशय रखता हो, उसे संबंधित जिला के जिला मजिस्ट्रेट को एक माह पूर्व सूचना पत्र देना जरूरी होगा.