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सीएम ने की समीक्षा बैठक, प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के दिए निर्देश

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Published : May 10, 2020, 12:48 PM IST

प्रदेश की आर्थिक स्थिति को वापस पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं और इसे लेकर वे मंत्रालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर रहे हैं.

CM Shivraj Singh reviews meeting
सीएम शिवराज सिंह ने की समीक्षा बैठक

भोपाल| प्रदेश की आर्थिक स्थिति को वापस पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं और इसे लेकर वे मंत्रालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर रहे हैं. इन व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय में हाथकरघा, खादी एवं ग्रामोद्योग, मध्य प्रदेश माटी कला बोर्ड और कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव कौशल विकास दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव समेत कई लोग मौजूद रहें.

सीएम शिवराज सिंह ने की समीक्षा बैठक
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान समीक्षा बैठक के दौरान कहा है कि लघु एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से प्रदेश में स्वरोजगार के बड़े अवसर सृजित किए जाएं. इसके लिए भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की अलग-अलग योजनाओं का ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और इन कामों के सकारात्मक परिणाम सामने आने चाहिए. सीएम ने कहा कि हमें प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर तलाशने हैं. इसके लिए प्रदेश में लघु एवं कुटीर उद्योगों का जाल बिछाना होगा.अधिकारी टीम बनाएं और गहन विचार मंथन करें, कि किस प्रकार से यह कार्य संभव हो. सीएम ने कहा हमें मध्यप्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है. केवल प्रशिक्षण देना ही पर्याप्त नहींमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि रोजगार के लिए केवल प्रशिक्षण दिया जाना पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि प्रशिक्षणानुसार उद्योग स्थापना में हितग्राही की पूरी मदद की जाए. साथ ही उसे बाजार उपलब्ध कराने में भी सहायता दी जाए. प्रदेश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की परिस्थितियों एवं यहां के लोगों की जरूरतों के हिसाब से योजनाएं बनायी जाए.परम्परागत कार्यों को बढ़ावा देने के निर्देशसीएम शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप लोहार, बढ़ाई, कारीगर, सुनार, कुम्हार समेत कई परम्परागत कार्यों को बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण देकर व्यवसाय स्थापना में उनका पूरा सहयोग किये जाने के साथ उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाए.महिला स्व-सहायता समूहों को मार्केटिंग सुविधामुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं. जिलों में मार्केटिंग हब एवं प्रदर्शनी केन्द्रों की स्थापना के माध्यम से उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए. बताया गया कि इसके अंतर्गत परियोजना लागत का 60 फीसदी यानि अधिकतम 6 करोड़ रूपये वित्तीय सहयोग भारत सरकार से प्राप्त हो सकता है.स्वरोजगार योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सीएम शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित की जा रही कई स्वरोजगार योजनाएं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रमों का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. इन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक व्यक्तियों को स्वरोजगार दिलाया जाए. वहीं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए भारत शासन की योजना के अंतर्गत मुरैना जिले के बामोरा में चर्मशिल्प, जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में पत्थर शिल्प, सीहोर जिले के बुधनी में काष्ठशिल्प, डिण्डोरी जिले में लौहशिल्प का और मंदसौर में हाथकरघा बुनकरों के लिए विशेष प्रोजेक्ट बनाया गया है . इसी प्रकार इमारती लकड़ी फर्नीचर निर्माण के लिए मंडला और बैतूल जिलों में स्पेशल प्रोजेक्टर तैयार किए गए हैं.

भोपाल| प्रदेश की आर्थिक स्थिति को वापस पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं और इसे लेकर वे मंत्रालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर रहे हैं. इन व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय में हाथकरघा, खादी एवं ग्रामोद्योग, मध्य प्रदेश माटी कला बोर्ड और कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव कौशल विकास दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव समेत कई लोग मौजूद रहें.

सीएम शिवराज सिंह ने की समीक्षा बैठक
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान समीक्षा बैठक के दौरान कहा है कि लघु एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से प्रदेश में स्वरोजगार के बड़े अवसर सृजित किए जाएं. इसके लिए भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की अलग-अलग योजनाओं का ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और इन कामों के सकारात्मक परिणाम सामने आने चाहिए. सीएम ने कहा कि हमें प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर तलाशने हैं. इसके लिए प्रदेश में लघु एवं कुटीर उद्योगों का जाल बिछाना होगा.अधिकारी टीम बनाएं और गहन विचार मंथन करें, कि किस प्रकार से यह कार्य संभव हो. सीएम ने कहा हमें मध्यप्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है. केवल प्रशिक्षण देना ही पर्याप्त नहींमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि रोजगार के लिए केवल प्रशिक्षण दिया जाना पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि प्रशिक्षणानुसार उद्योग स्थापना में हितग्राही की पूरी मदद की जाए. साथ ही उसे बाजार उपलब्ध कराने में भी सहायता दी जाए. प्रदेश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की परिस्थितियों एवं यहां के लोगों की जरूरतों के हिसाब से योजनाएं बनायी जाए.परम्परागत कार्यों को बढ़ावा देने के निर्देशसीएम शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप लोहार, बढ़ाई, कारीगर, सुनार, कुम्हार समेत कई परम्परागत कार्यों को बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण देकर व्यवसाय स्थापना में उनका पूरा सहयोग किये जाने के साथ उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाए.महिला स्व-सहायता समूहों को मार्केटिंग सुविधामुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं. जिलों में मार्केटिंग हब एवं प्रदर्शनी केन्द्रों की स्थापना के माध्यम से उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए. बताया गया कि इसके अंतर्गत परियोजना लागत का 60 फीसदी यानि अधिकतम 6 करोड़ रूपये वित्तीय सहयोग भारत सरकार से प्राप्त हो सकता है.स्वरोजगार योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सीएम शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित की जा रही कई स्वरोजगार योजनाएं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रमों का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. इन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक व्यक्तियों को स्वरोजगार दिलाया जाए. वहीं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए भारत शासन की योजना के अंतर्गत मुरैना जिले के बामोरा में चर्मशिल्प, जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में पत्थर शिल्प, सीहोर जिले के बुधनी में काष्ठशिल्प, डिण्डोरी जिले में लौहशिल्प का और मंदसौर में हाथकरघा बुनकरों के लिए विशेष प्रोजेक्ट बनाया गया है . इसी प्रकार इमारती लकड़ी फर्नीचर निर्माण के लिए मंडला और बैतूल जिलों में स्पेशल प्रोजेक्टर तैयार किए गए हैं.
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