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काम की खबरः अगर आपने भी इन दिशाओं में किया है अच्छा काम तो सीएम शिवराज करेंगे सम्मानित

प्रदेश में भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार शंकराचार्य, गुरुनानक, गौतमबुद्ध जैसे पुरस्कारों से नवाजेगी. साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने वालों को भी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

VALLABH BHAVAN
वल्लभ भवन
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Published : Oct 3, 2021, 1:33 PM IST

भोपाल। प्रदेश में भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार शंकराचार्य, गुरुनानक, गौतमबुद्ध जैसे पुरस्कारों से नवाजेगी. साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने वालों को भी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने बेहतर काम करने वाले युवाओं से उनके आवेदन मंगाए हैं. इन आवेदनों के परीक्षण के बाद चुनिंदा युवाओं को सम्मानित किया जाएगा. मध्यप्रदेश में हर साल विभिन्न श्रेणियों में करीबन 210 लोगों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है. देखा जाए तो यह देश में सबसे ज्यादा है. इन सम्मानों पर सरकार 14 करोड़ रुपये तक खर्च करती है.

इसलिए मिलेंगे यह पुरस्कार
युवाओं में पंथनिरपेक्ष, सामाजिक सौहार्द और सद्भावना को मजबूत करने, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बच्चों के विकास, सामाजिक चेतना, ग्रामीण विकास, राष्ट्रीय एकता और मानवता की सेवा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को पांच तरह के पुरस्कार दिए जाएंगे. इसमें कबीर राज्य सम्मान, शंकराचार्य राज्य सम्मान, गुरुनानक राज्य सम्मान, गौतमबुद्ध राज्य सम्मान (gautam buddha state honor) और रहीम राज्य सम्मान शामिल हैं. इन पुरस्कार के रूप में युवाओं को 50 हजार रुपए की नगद राशि दी जाएगी.

इन क्षेत्रों में मिलेगा राज्य सम्मान

  • विभिन्न सम्प्रदाय एवं धर्म के बच्चों और महिलाओं के बीच शिक्षा की अलख जलाने के लिए.
  • खेल और अन्य माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए.
  • अपने जीवन को जोखिम में डालकर किसी अन्य समुदाय के सदस्यों के जीवन और उनकी संपत्ति की रक्षा करने के लिए.
  • प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने और जनजागृति फैलाने के लिए.
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए.
  • महिलाओं पर अत्याचार का विरोध, दहेज उन्मूलन, महिला अधिकारों की रक्षा, बाल मजदूरी, निराश्रित बालकों में व्यसन से मुक्ति, बाल अपराध से मुक्ति के क्षेत्र में काम करने के लिए.
  • महिला एवं बच्चों के विकास के लिए.
  • ग्रामीणों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, स्वच्छता की भावना पैदा करने के लिए.
  • सामाजिक चेतना और ग्रामीण विकास के लिए.
  • देश भक्ति की भावना पैदा करने, अलगाव की प्रवृत्ति को रोकने के लिए.

कमेटी करेगी नाम तय
पुरस्कार के लिए आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए घटनाक्रमों की जांच जिला स्तर पर कलेक्टर और एसपी की कमेटी करेगी. इसके बाद राज्य स्तर पर इसकी अनुशंसा की जाएगी. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव इस पर अंतिम निर्णय लेंगे.

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा दिए जाते हैं पुरस्कार
देखा जाए तो देश में सबसे ज्यादा पुरस्कार मध्यप्रदेश में बांटे जाते हैं. यहां हर साल करीबन 210 लोगों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है. इस पर सरकार करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करती है. बताया जाता है कि पिछले 15 सालों में सरकार करीब 3200 लोगों को सम्मानित कर चुकी है. प्रदेश में सबसे बड़ा पुरस्कार महात्मा गांधी पुरस्कार है, जिसमें करीब 10 लाख रुपए की नगद राशि दी जाती है. सबसे ज्यादा बजट तानसेन अवार्ड समारोह का है. इस पर 3 करोड़ की राशि खर्च की जाती है.

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पुरस्कारों पर सियायत भी
पुरस्कारों को लेकर प्रदेश में सियासत भी होती रही है. पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जाने वाले माणिकचंद्र वाजपेयी पत्रकारिता पुरस्कार बंद कर दिया था. हालांकि इसके पहले 2008 से 2014 तक के अवार्ड शिवराज सरकार ने पत्रकारों को एक साथ बांट दिए थे. इसको लेकर विवाद सामने आया था. उधर, प्रदेश की सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा बंद किया गया माणिकचंद वाजपेयी पुरस्कार फिर शुरू किया गया. सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव डीके नागेन्द्र के मुताबिक विभिन्न पुरस्कारों के लिए क्षेत्र विशेष में कार्य करने वालों के आवेदन बुलाए गए हैं. संबंधित युवा निर्धारित समय सीमा में आवेदन कर सकते हैं.

भोपाल। प्रदेश में भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार शंकराचार्य, गुरुनानक, गौतमबुद्ध जैसे पुरस्कारों से नवाजेगी. साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने वालों को भी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने बेहतर काम करने वाले युवाओं से उनके आवेदन मंगाए हैं. इन आवेदनों के परीक्षण के बाद चुनिंदा युवाओं को सम्मानित किया जाएगा. मध्यप्रदेश में हर साल विभिन्न श्रेणियों में करीबन 210 लोगों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है. देखा जाए तो यह देश में सबसे ज्यादा है. इन सम्मानों पर सरकार 14 करोड़ रुपये तक खर्च करती है.

इसलिए मिलेंगे यह पुरस्कार
युवाओं में पंथनिरपेक्ष, सामाजिक सौहार्द और सद्भावना को मजबूत करने, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बच्चों के विकास, सामाजिक चेतना, ग्रामीण विकास, राष्ट्रीय एकता और मानवता की सेवा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को पांच तरह के पुरस्कार दिए जाएंगे. इसमें कबीर राज्य सम्मान, शंकराचार्य राज्य सम्मान, गुरुनानक राज्य सम्मान, गौतमबुद्ध राज्य सम्मान (gautam buddha state honor) और रहीम राज्य सम्मान शामिल हैं. इन पुरस्कार के रूप में युवाओं को 50 हजार रुपए की नगद राशि दी जाएगी.

इन क्षेत्रों में मिलेगा राज्य सम्मान

  • विभिन्न सम्प्रदाय एवं धर्म के बच्चों और महिलाओं के बीच शिक्षा की अलख जलाने के लिए.
  • खेल और अन्य माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए.
  • अपने जीवन को जोखिम में डालकर किसी अन्य समुदाय के सदस्यों के जीवन और उनकी संपत्ति की रक्षा करने के लिए.
  • प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने और जनजागृति फैलाने के लिए.
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए.
  • महिलाओं पर अत्याचार का विरोध, दहेज उन्मूलन, महिला अधिकारों की रक्षा, बाल मजदूरी, निराश्रित बालकों में व्यसन से मुक्ति, बाल अपराध से मुक्ति के क्षेत्र में काम करने के लिए.
  • महिला एवं बच्चों के विकास के लिए.
  • ग्रामीणों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, स्वच्छता की भावना पैदा करने के लिए.
  • सामाजिक चेतना और ग्रामीण विकास के लिए.
  • देश भक्ति की भावना पैदा करने, अलगाव की प्रवृत्ति को रोकने के लिए.

कमेटी करेगी नाम तय
पुरस्कार के लिए आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए घटनाक्रमों की जांच जिला स्तर पर कलेक्टर और एसपी की कमेटी करेगी. इसके बाद राज्य स्तर पर इसकी अनुशंसा की जाएगी. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव इस पर अंतिम निर्णय लेंगे.

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा दिए जाते हैं पुरस्कार
देखा जाए तो देश में सबसे ज्यादा पुरस्कार मध्यप्रदेश में बांटे जाते हैं. यहां हर साल करीबन 210 लोगों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है. इस पर सरकार करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करती है. बताया जाता है कि पिछले 15 सालों में सरकार करीब 3200 लोगों को सम्मानित कर चुकी है. प्रदेश में सबसे बड़ा पुरस्कार महात्मा गांधी पुरस्कार है, जिसमें करीब 10 लाख रुपए की नगद राशि दी जाती है. सबसे ज्यादा बजट तानसेन अवार्ड समारोह का है. इस पर 3 करोड़ की राशि खर्च की जाती है.

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पुरस्कारों पर सियायत भी
पुरस्कारों को लेकर प्रदेश में सियासत भी होती रही है. पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जाने वाले माणिकचंद्र वाजपेयी पत्रकारिता पुरस्कार बंद कर दिया था. हालांकि इसके पहले 2008 से 2014 तक के अवार्ड शिवराज सरकार ने पत्रकारों को एक साथ बांट दिए थे. इसको लेकर विवाद सामने आया था. उधर, प्रदेश की सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा बंद किया गया माणिकचंद वाजपेयी पुरस्कार फिर शुरू किया गया. सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव डीके नागेन्द्र के मुताबिक विभिन्न पुरस्कारों के लिए क्षेत्र विशेष में कार्य करने वालों के आवेदन बुलाए गए हैं. संबंधित युवा निर्धारित समय सीमा में आवेदन कर सकते हैं.

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