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स्व सहायता समूह की महिलाओं की बढ़ेगी आय, सीएम बोले- 10 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ाना लक्ष्य - ETV bharat News

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने प्रदेश की स्व सहायता समूह (Self Help Groups) की महिलाओं के साथ संवाद किया. इस दौरान सीएम चौहान ने कहा कि स्व सहायता समूहों की महिलाओं की आय प्रतिमाह 10 हजार रुपए तक बढ़ाना है. इसके लिए समूह के सदस्य मेहनत और प्रमाणिकता के साथ अपना काम करें.

CM Chouhan talks to women of self help group
स्व सहायता समूह की महिलाओं से सीएम चौहान ने की बातचीत
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Published : Sep 16, 2021, 6:06 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (MP State Rural Livelihood Mission) के तहत गठित स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups) के सदस्यों से संवाद किया. प्रदेश से लगभग 500 महिला सदस्य संवाद में शामिल हुईं. साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्‍तर पर समूह के सदस्‍य कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय 10 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ना चाहिए.

44 हजार ग्रामों में 3 लाख 33 हजार समूहों का गठन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) के अधीन मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है. मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 44 हजार ग्रामों में 3 लाख 33 हजार समूहों का गठन किया गया है. इन समूहों से लगभग 37 लाख 94 हजार परिवारों को जोड़ा जा चुका है. इनमें से लगभग 13 लाख परिवारों को कृषि आधारित गतिविधियों और लगभग 4 लाख 90 हजार परिवारों को गैर कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है.

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10 हजार रूपए प्रतिमाह बढ़े प्रत्येक महिला की आय

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय में 10 हजार रूपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी होना चाहिए. महिलाएं मेहनत और प्रमाणिकता के साथ अपना काम करें, आगे बढ़ें सरकार हर कदम पर आपके साथ है. महिला स्व-सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए इस वर्ष 2550 करोड़ रूपए बैंक ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है.

राशन (पीडीएस) की दुकानें संचालित करने की जिम्मेदारी भी अब स्व-सहायता समूहों को दी जाएगी. इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों के आय स्तर में वृद्धि के लिए श्रेष्ठ काम करने वाले क्लस्टर लेवल फेडरेशन को एक करोड़ रूपए का ईनाम दिया जाएगा.

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स्व सहायता समूहों को मिलता है बैंक लोन

ग्रामीण क्षेत्र में लोग बैंकिंग सेवाओं की प्रक्रियाओं में दस्तावेजीकरण और अन्य औपचारिकताओं की कठिनाई के कारण पात्र होने के बावजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं. राज्य सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को और सरल करने के उद्देश्य से बैंकों के साथ भी व्यापक स्तर पर समन्वय स्थापित कर स्व-सहायता समूहों के लिए पर्याप्त बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.

मिशन द्वारा आजीविका उत्‍पादों को बाजार से जोड़ने और आसानी से क्रय-विक्रय के लिए आजीविका मार्ट पोर्टल बनाया गया है. जिसके माध्‍यम से क्रय-विक्रय किया जा रहा है. पोर्टल पर विभिन्‍न जिलों के समूहों के लगभग 4 हजार उत्‍पाद अपलोड कर लगभग 86 करोड़ रुपए का व्‍यवसाय किया जा चुका है.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (MP State Rural Livelihood Mission) के तहत गठित स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups) के सदस्यों से संवाद किया. प्रदेश से लगभग 500 महिला सदस्य संवाद में शामिल हुईं. साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्‍तर पर समूह के सदस्‍य कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय 10 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ना चाहिए.

44 हजार ग्रामों में 3 लाख 33 हजार समूहों का गठन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) के अधीन मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है. मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 44 हजार ग्रामों में 3 लाख 33 हजार समूहों का गठन किया गया है. इन समूहों से लगभग 37 लाख 94 हजार परिवारों को जोड़ा जा चुका है. इनमें से लगभग 13 लाख परिवारों को कृषि आधारित गतिविधियों और लगभग 4 लाख 90 हजार परिवारों को गैर कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है.

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10 हजार रूपए प्रतिमाह बढ़े प्रत्येक महिला की आय

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय में 10 हजार रूपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी होना चाहिए. महिलाएं मेहनत और प्रमाणिकता के साथ अपना काम करें, आगे बढ़ें सरकार हर कदम पर आपके साथ है. महिला स्व-सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए इस वर्ष 2550 करोड़ रूपए बैंक ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है.

राशन (पीडीएस) की दुकानें संचालित करने की जिम्मेदारी भी अब स्व-सहायता समूहों को दी जाएगी. इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों के आय स्तर में वृद्धि के लिए श्रेष्ठ काम करने वाले क्लस्टर लेवल फेडरेशन को एक करोड़ रूपए का ईनाम दिया जाएगा.

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स्व सहायता समूहों को मिलता है बैंक लोन

ग्रामीण क्षेत्र में लोग बैंकिंग सेवाओं की प्रक्रियाओं में दस्तावेजीकरण और अन्य औपचारिकताओं की कठिनाई के कारण पात्र होने के बावजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं. राज्य सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को और सरल करने के उद्देश्य से बैंकों के साथ भी व्यापक स्तर पर समन्वय स्थापित कर स्व-सहायता समूहों के लिए पर्याप्त बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.

मिशन द्वारा आजीविका उत्‍पादों को बाजार से जोड़ने और आसानी से क्रय-विक्रय के लिए आजीविका मार्ट पोर्टल बनाया गया है. जिसके माध्‍यम से क्रय-विक्रय किया जा रहा है. पोर्टल पर विभिन्‍न जिलों के समूहों के लगभग 4 हजार उत्‍पाद अपलोड कर लगभग 86 करोड़ रुपए का व्‍यवसाय किया जा चुका है.

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