भोपाल। प्रशासन अकादमी में आयोजित वन विभाग की एक दिवसीय समीक्षा बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. भोपाल के प्रशासन अकादमी में वन मंडल अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एकदिवसीय समीक्षा बैठक की. मींटिग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग के अधिकारियों से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना काल में मध्यप्रदेश के वन विभाग ने सराहनीय काम किया है. इसके लिए मैं पूरे विभाग को बधाई देता हूं. सीएम चिंता जताते हुए कहा कि क्लाइमेट चेंज आज हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. पेड़ों का यदि हम संरक्षण करते हैं तो वह केवल पेड़ ही नहीं धरती का भी संरक्षण होता है, वनों को बचाना आज बहुत जरूरी है. मध्यप्रदेश का वन विभाग इस दिशा में अच्छा काम कर रहा है.
वन संरक्षण पहली प्राथमिकता- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा तथाकथित सभ्य समाज ने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली है. वनों में रहने वाले हमारे जनजातीय भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं. विकास के लिए उन्हें पीड़ित और प्रताड़ित करना उचित नहीं है, उनका ध्यान रखना जरूरी है लेकिन माफिया पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, हमें जंगल में रहने वाले भाइयों को उनका अधिकार देना है. नए कब्जे ना हो इसका ध्यान रखना है. वनों में रहने वाले जीव-जंतुओं का भी संरक्षण हो, राज्य सरकार ने बफर में सफर जैसी आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ की है, इससे वन संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलेगी.
वनों से बढ़ाए जाएंगे रोजगार के अवसर- सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में बाघ, तेंदुआ की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह हर्ष का विषय है. जीव जंतुओं की संख्या बढ़ रही है, तो उनके बीच टेरिटरी को लेकर लड़ाई हो रही है. इससे जंगली जानवर कभी-कभी रहवासी इलाकों में आ जाते हैं और अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं. हमें जनता को साथ लेकर फॉरेस्ट कवर बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए. जीव जंतुओं का संरक्षण करना हमारा धर्म है, वनों से रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं. इस क्षेत्र में और अधिक प्रयास हों, वनोपज और वन औषधियों को भी बढ़ावा दिया जाए, इस और भी हमारी सरकार और वन विभाग काम कर रहा है.
फॉरेस्ट में जीडीपी का 5% खर्च करने का लक्ष्य- सीएम
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा अब हमें प्लांटेशन करना चाहिए, तो स्थानीय प्रजातियों को तरजीह दी जाए. अमरकंटक में जहां शाल के पेड़ थे. वहां यूकेलिप्टस के पेड़ लगा दिए गए, जो गलत है वन कर्मियों और वन अधिकारियों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए जाएं. उन्होंने कहा मैं चाहता हूं कि हमारे भोपाल के वन विहार की प्रतिष्ठा देश और दुनिया में फैले फॉरेस्ट का जीडीपी में 2% हिस्सा है हमारा लक्ष्य है, 5% करना है.