भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधासनभा चुनाव को देखते हुए सत्तारूढ़ दल बीजेपी मातृ शक्ति को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार रणनीति बना रही है. लाड़ली बहना योजना की लांचिंग के बाद अब मुख्यमंत्री ने एक योजना लाने की तैयारी की है. अभी लाड़ली लक्ष्मी योजना जन्म लेने से 21 वर्ष तक के लिए है. 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की विवाहित महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है. अब 21 वर्ष के बाद लाड़ली लक्ष्मी बेटी को उसके विवाह होने तक 1 हजार रुपए प्रति माह देने की तैयारी शिवराज सरकार कर रही है.
सीएम का शिव शक्ति संवाद : मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटी के विवाह होने तक मेरी चिंता है. मुख्यमंत्री ने शिव शक्ति संवाद के दौरान अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं से महिला कल्याण योजनाओं पर चर्चा की. सीएम शिवराज ने नवरात्रि के अवसर पर जनजातीय संग्रहालय के प्रांगण में महिला सरपंच, खिलाड़ी, पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, स्वसहायता समूह की दीदी और छात्राओं से महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों पर चर्चा की. लगभग एक घंटे तक सवाल और जवाबों का सिलसिला चलता रहा.
महिला वोट बैंक पर नजर : बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज ने हाल ही में लाड़ली बहना योजना के तहत विवाहित महिलाओं को 1 हजार रुपये प्रति माह देने का ऐलान किया. इस योजना को खूब रिस्पांस मिल रहा है. इस योजना के लिये महिलाओं ने अब तक 6 लाख 96 हजार 522 फार्म भरे हैं. साथ ही इस साल सरकार ने इस योजना के लिए बजट में 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. शिवराज सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से महिला वोट बैंक बीजेपी की तरफ एकतरफा हो जाएगा.
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महिला शक्ति पर मेहरबान शिवराज सरकार :
- 44 लाख 50 हजार से अधिक हुआ लाडली लक्ष्मी परिवार.
- जिला स्तर से पंचायतें घोषित हो रहीं लाड़ली लक्ष्मी पंचायतें.
- प्रदेश के हर जिले में लाड़ली लक्ष्मी पथ, लाड़ली लक्ष्मी वाटिका और लाड़ली लक्ष्मी पार्क.
- कन्या पूजन से सरकारी कार्यक्रमों की शुरुआत. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे आवास के दस्तावेज परिवार के महिला एवं पुरुष दोनों के नाम पर.
- जमीन या मकान की रजिस्ट्री महिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क 3% से घटाकर 1% किया. महिलाओं के पक्ष में रजिस्ट्री में हुई 25% की वृद्धि.
- महिला अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश में 950 महिला ऊर्जा डेस्क स्थापित.
- हर जिले में एक महिला थाने की स्थापना.
- महिला स्वसहायता समूह. 47 लाख से अधिक महिलाएं जुडीं. 5 हजार करोड़ से अधिक का क्रेडिट लिंकेज दिया गया.
- 7 पोषण आहार संयंत्रों का संचालन अब महिला समूहों के हाथ में.
- हर जिले में बने दीदी कैफे.
- महिला स्वसहायता समूहों को 3 लाख रुपए तक के बैंक ऋण पर 2% का अतिरिक्त ब्याज अनुदान.
- महिलाओं के लिए पृथक से इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जा रहा है.
- 100 करोड़ रुपये का नारी सम्मान कोष बनाया गया है.
- संविदाकर्मी महिलाओं को भी अब 180 दिन का प्रसूती अवकाश मिल रहा है.
- शासकीय सेवाओं में पदस्थ बहनों को वर्षभर में 7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश.
- वर्ष 2023-24 के बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए रिकॉर्ड 1 लाख 2 हजार 976 करोड़ रुपए का प्रावधान.