दिल्ली/भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर थे. सीएम ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इस दौरान सीएम शिवराज ने मध्यप्रदेश के लिए जीडीपी का एक प्रतिशत अतिरिक्त लोन की अनुमति मांगी. हालांकि इस बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास भी पहुंचे और उसने मुलाकात की. सीएम और जेपी नड्डा की क्या बातचीत हुई ये बाहर निकलकर सामने तो नहीं आया लेकिन इस मुलाकात के मायने भी निकाले जा रहे हैं.
प्रोजेक्ट के लिए जल्द राशि रिलीज की मांग
वित्तमंत्री से मुलाकात के बाद सीएम शिवराज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 31 मार्च तक एमपी में बड़े प्रोजेक्ट पूरा करने की हमारी पूरी कोशिश है. इसके लिए हमने जल्द राशि की मांग रिलीज करने के लिए वित्तमंत्री से कहा है. सीएम शिवराज ने कहा कि केंद्र सरकार परफाॅर्मेंस के आधार पर राज्यों को राशि स्वीकृत करती है. इस हिसाब से देखा जाए तो केंद्र से 1600 करोड़ रुपए हमने मांगे थे, लेकिन इसमें से हमें सिर्फ 660 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, हम मांग करते हैं जल्द हमें पूरी राशि दे दी जाए. सीएम ने कहा कि वित्तमंत्री ने हमें इसकी सहमति दे है और अब जल्द ही मध्यप्रदेश को ये राशि मिल जाएगी.
GDP का एक फीसदी अतिरिक्त लोन की अनुमति
पिछली बार जब सीएम शिवराज दिल्ली दौरे पर थे तो तब भी उन्होंने जीडीपी का एक फीसदी अतिरिक्त लोन की मांग केंद्र से की थी. और अब एक बार फिर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से उन्होंने जीडीपी का एक फीसदी अतिरिक्त लोन की अनुमति देने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र का परफार्मेंस अन्य राज्यों से बेहतर है। ऐसे में हमने 1% अतिरिक्त लोन की मंजूरी देने की मांग वित्त मंत्री से की है.
कोरोना ने तोड़ी एमपी की आर्थिक कमर
सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना ने केवल केंद्र ही नहीं अन्य राज्यों की आर्थिक कमर भी तोड़ी है. कोरोना से पहले जहां हर साल राजस्व में 10 से 12 फीसदी की वृद्धि होती है लेकिन इस वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश को सात हजार करोड़ रुपए कम राजस्व मिला.
जेपी नड्डा से भी मिले शिवराज
सीएम शिवराज ने इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्ढा से भी मुलाकात की लेकिन उनके बीच क्या बातचीत हुई ये सामने नहीं आ सका है. माना जा रहा है कि शिवराज ने इस दौरान जेपी नड्ढा को मध्यप्रदेश की मौजूदा हालत की जानकारी दी. अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि मध्यप्रदेश में बीजेपी कार्यकारिणी में सिंधिया समर्थकों को अधिक मौका नहीं मिला, जिससे भविष्य में सिंधिया समर्थक अपनी नाराजगी भी जता सकते हैं.