भोपाल | प्रदेश में वनोपज संग्रहण संबंधी कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रालय में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारियों को लेकर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने वनोपज उपार्जन वनवासियों को अच्छा मूल्य देने के लिए आगामी 25 अप्रैल से तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य और तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 4 मई से प्रारंभ करने की बात कही.
बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, कोरोना संकट की इस घड़ी में वनोपज उपार्जन वनवासियों को राहत प्रदान करेगा. उन्हें उनकी वनोपज का अच्छा मूल्य उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही उन्हें नगद भुगतान की सुविधा मिलेगी. यह कार्य आगामी 25 अप्रैल से ही प्रारंभ कर दिया जाएगा. तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य 25 अप्रैल तथा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 4 मई से प्रारंभ किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वनोपज संग्रहण करने वाले श्रमिकों तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को संबल योजना में पंजीकृत किया जाए. ये लोग अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर कार्य करते हैं.
वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि, महुआ आदि संग्रहण में वनवासियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए. उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि, वे जहां जंगली जानवरों का भय हो, वहां न जाएं. साथ ही संग्रहण कार्य के लिए अकेले ना जाकर समूह में जाए. बैठक में बताया गया कि, अभी तेंदूपत्ता हरा है.आगामी 25 अप्रैल से यह तोड़ने लायक हो जाएगा. इसके बाद 4 मई से प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. इस बार शासन द्वारा 19 से 20 लाख तक मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है. तेंदूपत्ता की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है. इसके अलावा, जिन वनोपज समितियों को लाभ होता है, वो बोनस का वितरण अपने सदस्यों को करती हैं.