भोपाल। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने प्रदेश में जमकर तबाही मचाई. जिसका सीधा-सीधा असर प्रदेश सरकार की छवि पर भी पड़ा है. ऐसे में अब सीएम शिवराज ने अपनी छवि सुधारने के लिए एक पीआर एजेंसी के मुखिया तुषार पांचाल को अपना ओएसडी बनाया है. यह शिवराज की बिगड़ी हुई छवि को संवारने के लिये सोशल मीडिया पब्लिक रिलेशन का काम देखेगें.
संविदा के आधार पर तुषार की नियुक्ति
बता दें कि तुषार पांचाल को संविदा के आधार पर नियुक्ति दी गई है. तुषार, प्रशांत किशोर की तरह पॉलिटिकल कंसलटेंट और वॉर रूम कम्युनिकेशन के एक्सपर्ट माने जाते हैं. तुषार की सिल्वर टच कंपनी पहले विवादों में रह चुकी है ,चुनाव के समय कांग्रेस ने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.बता दें कि 2018 में शिवराज सिंह के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा के मार्गदर्शन में तुषार की सिल्वर टच कंपनी ने मुख्यमंत्री शिवराज की ब्रांडिंग की. इस कंपनी ने ट्विटर, इंस्टाग्राम. फेसबुक और व्हाट्सएप पर संदेश भेजने का काम किया.
पहले भी देख चुके हैं सोशल मीडिया का काम
2018 के चुनाव में तुषार की कंपनी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकार का सोशल मीडिया का काम देखा. 2018 के चुनाव के पहले कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई थी. उसने आरोप लगाया था कि तुषार पांचाल का पहले फेक न्यूज का एक मामला सामने आ चुका है. सिल्वर टच कंपनी के प्रमुख तुषार पांचाल के कर्मचारी कुमार सौरव ने प्रधानमंत्री आवास योजना में फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी की थी. गिरफ्तार भी हुआ. कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने चुनाव के वक्त ही आरोप लगाए थे कि सिल्वर टच कंपनी गुजराती आधारित कंपनी है. बताया की इस कंपनी का भुगतान बीजेपी सरकार ने सरकारी खजाने से किया था.
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शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू
वहीं दूसरी ओर सीएम ने ऐलान किया है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 22627 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू होगी. सीएम ने कहा कि 'स्ट्रीटवेंडर्स, भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल के मजदूर और किसानों के खातों में हमने राशि डाली लेकिन केवल राशि डालना ही समाधान नहीं है, रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे. उन्होंने बताया कि स्ट्रीटवेंडर्स योजना प्रदेश में लगातार जारी रहेगी. छोटे व्यापारियों को बिना ब्याज के 10,000 रुपए का ऋण मिलता रहेगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने विकास परियोजनाओं को वन विभाग की स्वीकृति संबंधी बैठक ली. शिवराज ने कहा की विकास परियोजना में कटने वाले वृक्षों से कई गुना वृक्ष लगाएं. जिससे पर्यावरण को हानि ना हो. पौधों की सुरक्षा और देखभाल भी की जाए.