भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवास और ग्वालियर में हुई घटनाओं को लेकर शनिवार को आपात बैठक बुलाई. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और अधिकारियों ने निर्णय लिया कि देवास में हुए हमले में मृत वनरक्षक को शहीद के समकक्ष का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार को सभी आवश्यक सुविधाएं भी दी जाएंगी.
'दोषियों को किसी भी कीमत पर न बख्शा जाए'
आपात बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमलों की घटनाओं पर चर्चा कर उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाए, इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों की आवश्यक सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. इसके लिए गृह, वन और राजस्व विभाग मिलकर संयुक्त प्रयास करें. इसके अलावा बैठक में सीएम ने कहा कि अवैध उत्खनन करने वाले माफिया को किसी भी स्थिति में छोड़ा न जाए. प्रदेश में सभी तरह के माफिया पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाए.
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क्या था पूरा मामला
दरअसल देवास के जंगल मे पदस्थ 57 वर्षीय मदनलाल वर्मा अपनी बाइक से इलाके में गस्त कर रहे थे. जहां उन्होंने कुछ बदमाशों को शिकार की नीयत से देखा. वर्मा ने उनका पीछा किया. शिकारियों ने मदनलाल वर्मा पर गोली चला दी. शाम तक वर्मा वापस नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने इस बारे में वन विभाग को जानकारी दी. रात करीब साढ़े नौ बजे बीट क्रमांक 532 में कुछ निशान मिले. खोजबीन के बाद वर्मा का शव सीता समाधि स्थल के पास भूरिया तालाब के किनारे मिला. शव खून से लथपथ था. शव को उदयनगर ले जाया गया जहां सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ. जांच में उनके मोबाइल में एक वीडियो भी मिला है. यह वीडियो मदनलाल ने बाइक पर बैठे हुए बनाया था. वहीं दूसीर ओर ग्वालियर में अवैध रेत परिवहन रोकने पर रेत माफिया के गुर्गों ने पुलिसकर्मी पर ट्रैक्टर चढ़ा कर कुचलने का प्रयास किया.