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बढ़ता उत्पादन कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या, निदान के लिए बन रही नई नीतिः कमलनाथ

सूबे के मुखिया कमलनाथ ने अनौपचारिक चर्चा करते हुए कहा कि 20 साल पुरानी नीति के आधार पर काम कर रहे हैं. वह नीति उत्पादन की कमी पर आधारित थी, लेकिन अब समस्या बढ़ता हुआ उत्पादन है. जिसके चलते इस नीति में बदलाव करना जरूरी है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ
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Published : Mar 23, 2019, 11:51 PM IST

भोपाल। 20 साल पुरानी नीति पर आधारित काम कर रहे हैं, वह नीति उत्पादन की कमी पर आधारित थी, लेकिन अब समस्या बढ़ता हुआ उत्पादन है. किसानों के बढ़ते हुए उत्पादन के चलते सरकार को पुरस्कार भी मिल गए, लेकिन किसान पिट गया. यह कहना है सूबे के मुखिया कमलनाथ का. कमलनाथ ने यह बात पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए कही है. कमलनाथ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज किसान मंडी में तीन दिन तक अपनी उपज बेचने के लिए खड़ा रहता है, न उसके ठहरने की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने का इंतजाम. उन्होंने कहा कि हमनेजो नीति 20 साल पहले बनाई थी, वही आज भी अपना रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी गलती है.

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20 साल पहले बनाई गई नीति कम उत्पादन की समस्या पर आधारित थी, जबकि अब समस्या बढ़ते हुए उत्पादन की है. मंडियों में सही व्यवस्था नहीं है. हर जगह सुनाई देता है कि मंडियो में तीन दिन तक ट्रैक्टर खड़े रहते हैं क्योकिं जब बढ़ता हुआ उत्पादन था, जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार को पुरस्कार भी मिल रहा था, इसके बाद भी मंडियों में कोई व्यवस्था नहीं की गई, पुरस्कार ले लिया गया और किसान पिट गया क्योकिं मंडी में तीन दिन खड़ा रहा, वे खुद कई मंडियों में गए हैं. किसानों से पूछते थे कि आप कबसे खड़े हैंतो किसान कहते थेकि वे तीन दिन से खड़े हैं. मंडियों में रहने और खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आज हमारे कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है कि बढ़ते हुए उत्पादन को कैसे डील करें. इसके लिए हमारी नीति बन रही है.

भोपाल। 20 साल पुरानी नीति पर आधारित काम कर रहे हैं, वह नीति उत्पादन की कमी पर आधारित थी, लेकिन अब समस्या बढ़ता हुआ उत्पादन है. किसानों के बढ़ते हुए उत्पादन के चलते सरकार को पुरस्कार भी मिल गए, लेकिन किसान पिट गया. यह कहना है सूबे के मुखिया कमलनाथ का. कमलनाथ ने यह बात पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए कही है. कमलनाथ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज किसान मंडी में तीन दिन तक अपनी उपज बेचने के लिए खड़ा रहता है, न उसके ठहरने की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने का इंतजाम. उन्होंने कहा कि हमनेजो नीति 20 साल पहले बनाई थी, वही आज भी अपना रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी गलती है.

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20 साल पहले बनाई गई नीति कम उत्पादन की समस्या पर आधारित थी, जबकि अब समस्या बढ़ते हुए उत्पादन की है. मंडियों में सही व्यवस्था नहीं है. हर जगह सुनाई देता है कि मंडियो में तीन दिन तक ट्रैक्टर खड़े रहते हैं क्योकिं जब बढ़ता हुआ उत्पादन था, जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार को पुरस्कार भी मिल रहा था, इसके बाद भी मंडियों में कोई व्यवस्था नहीं की गई, पुरस्कार ले लिया गया और किसान पिट गया क्योकिं मंडी में तीन दिन खड़ा रहा, वे खुद कई मंडियों में गए हैं. किसानों से पूछते थे कि आप कबसे खड़े हैंतो किसान कहते थेकि वे तीन दिन से खड़े हैं. मंडियों में रहने और खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आज हमारे कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है कि बढ़ते हुए उत्पादन को कैसे डील करें. इसके लिए हमारी नीति बन रही है.

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बढ़ता उत्पादन कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या, निदान के लिए बन रही नई नीतिः कमलनाथ

भोपाल। हम 20 साल पुरानी नीति पर आधारित काम कर रहे हैं. वह नीति उत्पादन की कमी पर आधारित थी, लेकिन अब समस्या बढ़ता हुआ उत्पादन है. किसानों के बढ़ते हुए उत्पादन के कारण सरकार को पुरस्कार भी मिल गए, लेकिन किसान पिट गया. यह कहना है सूबे के मुखिया कमलनाथ का. कमलनाथ ने यह बात पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए कही है.

कमलनाथ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज किसान मंडी में तीन दिन तक अपनी उपज बेंचने के लिए खड़ा रहता है, न उसके ठहरने की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने का इंतजाम. उन्होंने कहा कि हमनें जो नीति 20 साल पहले बनाई थी, वही आज भी अपना रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी गलती है.

20 साल पहले बनाई गई नीति कम उत्पादन की समस्या पर आधारित थी, जबकि अब समस्या बढ़ते हुए उत्पादन की है. उन्होंने कहा कि हमारी मंडियों में सही व्यवस्था नहीं है. हर जगह सुनाई देता है कि मंडियो में तीन दिन ट्रैक्टर खड़े रहते थे. क्योकिं जब हमारा बढ़ता हुआ उत्पादन था, जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार को पुरस्कार भी मिल रहा था. लेकिन, इसके बाद भी मंडियों में कोई व्यवस्था नहीं की गई, पुरस्कार ले लिया गया और किसान पिट गया

कमलनाथ ने कहा कि किसान पिट गया क्योकिं मंडी में तीन दिन खड़ा रहा. उन्होंने कहा कि वे खुद कई मंडियों में गए हैं. किसानों से पूंछते थे कि आप कबसे खड़े हैं, तो किसान कहते था कि वे तीन दिन से खड़े हैं. मंडियों में रहने और खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आज हमारे कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है कि बढ़ते हुए उत्पादन को कैसे डील करें. उन्होंने बताया कि इसके लिए हमारी नीति बन रही है.


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