ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश में कौन बनेगा कांग्रेस का खेवनहार, सीएम ने राहुल को दिया ये फार्मूला - सीएम कमनलाथ

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सीएम कमलनाथ के बीच हुई मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए खेवनहार का सस्पेंस भी खत्म हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ मंत्रिमंडल में शामिल किसी मंत्री को ही कमान सौंपी जा सकती है.

सीएम कमलनाथ
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 8:40 PM IST

भोपाल। सीएम कमलनाथ और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात इस बार बेहद अहम मानी जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नया नाम तय हो जाएगा. प्रदेश के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि सीएम एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं, प्रदेश अध्यक्ष पद पर वे मंत्रिमंडल के ही किसी सदस्य को बैठाना चाहते हैं.

कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का फार्मूला

कहा जा रहा है कि अगर कमलनाथ मंत्रिमंडल में से किसी सदस्य को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया बनाया जाएगा तो ये फैसला सीएम कमलनाथ के लिए काफी राहत भरा हो सकता है क्योंकि इस फैसले का सीधा संबंध कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है. सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही कांग्रेस सरकार में इतने मंत्री पद खाली नहीं हैं, जितने इन विधायकों को दिए जा सकें. ऐसे में मंत्रिमंडल का ही कोई सदस्य कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनता है तो मंत्रिमंडल में एक सदस्य की जगह खाली होगी. भविष्य में जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो इस पद पर किसी नए विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है.

कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों में अध्यक्ष पद के दावेदारों के नाम की बात करें तो गृहमंत्री बाला बच्चन आदिवासी समूह से आते हैं. वन मंत्री उमंग सिंघार भी इसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन दोनों नेताओं के आलवा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का नाम भी तेजी से उभर का सामने आ रहा है, जबकि सिंधिया गुट प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावा करता है तो राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी सामने आ सकता है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सामान्यतः इन चीजों पर फैसला आलाकमान करता है. आलाकमान निश्चित रूप से मुख्यमंत्री से चर्चा करके ही ऐसे निर्णय लेता है. जो भी फैसला आएगा, कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी. कांग्रेस के पास ऐसे योग्य और युवा चेहरे भी हैं और मंत्री भी हैं. जो संगठन के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं. मंत्रिमंडल सदस्यों के दावेदारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस नाम को पार्टी और पार्टी आलाकमान तय करेगा, पूरी पार्टी उसका स्वागत करेगी.

भोपाल। सीएम कमलनाथ और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात इस बार बेहद अहम मानी जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नया नाम तय हो जाएगा. प्रदेश के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि सीएम एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं, प्रदेश अध्यक्ष पद पर वे मंत्रिमंडल के ही किसी सदस्य को बैठाना चाहते हैं.

कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का फार्मूला

कहा जा रहा है कि अगर कमलनाथ मंत्रिमंडल में से किसी सदस्य को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया बनाया जाएगा तो ये फैसला सीएम कमलनाथ के लिए काफी राहत भरा हो सकता है क्योंकि इस फैसले का सीधा संबंध कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है. सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही कांग्रेस सरकार में इतने मंत्री पद खाली नहीं हैं, जितने इन विधायकों को दिए जा सकें. ऐसे में मंत्रिमंडल का ही कोई सदस्य कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनता है तो मंत्रिमंडल में एक सदस्य की जगह खाली होगी. भविष्य में जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो इस पद पर किसी नए विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है.

कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों में अध्यक्ष पद के दावेदारों के नाम की बात करें तो गृहमंत्री बाला बच्चन आदिवासी समूह से आते हैं. वन मंत्री उमंग सिंघार भी इसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन दोनों नेताओं के आलवा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का नाम भी तेजी से उभर का सामने आ रहा है, जबकि सिंधिया गुट प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावा करता है तो राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी सामने आ सकता है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सामान्यतः इन चीजों पर फैसला आलाकमान करता है. आलाकमान निश्चित रूप से मुख्यमंत्री से चर्चा करके ही ऐसे निर्णय लेता है. जो भी फैसला आएगा, कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी. कांग्रेस के पास ऐसे योग्य और युवा चेहरे भी हैं और मंत्री भी हैं. जो संगठन के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं. मंत्रिमंडल सदस्यों के दावेदारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस नाम को पार्टी और पार्टी आलाकमान तय करेगा, पूरी पार्टी उसका स्वागत करेगी.

Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ आज दिल्ली के दौरे पर हैं। उनकी मुलाकात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से चल रही है। लंबे समय बाद हो रही इस मुलाकात को लेकर माना जा रहा है। कि आज की इस मुलाकात में मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष का नाम तय हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक गलियारों में कमलनाथ के फार्मूले की जमकर चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए कमलनाथ ने फार्मूला तय किया है कि उनके मंत्रिमंडल के ही किसी सदस्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।माना जा रहा है कि इस तरह कमलनाथ एक तीर से दो निशाने लगाने जा रहे हैं।


Body:राजनीतिक गलियारों में चल रही कमलनाथ के फार्मूले की चर्चा को लेकर कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर कमलनाथ मंत्रिमंडल में से किसी सदस्य को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया बनाया जाएगा तो कमलनाथ के लिए काफी राहत भरा काम होगा. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद कमलनाथ का मंत्रिमंडल का भी विस्तार करना है।लेकिन अपनी सरकार बचाने के लिए वह जितने लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं। सीटों के गणित के हिसाब से उनके पास उतने मंत्री पद खाली नहीं है। अगर कमलनाथ मंत्रिमंडल के किसी सदस्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है, तो तय है कि मंत्री को इस्तीफा देकर प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालनी होगी। ऐसी स्थिति में कमलनाथ मंत्रिमंडल में एक पद खाली हो जाएगा और भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार में कमलनाथ को एक और विधायक जोड़ने का मौका मिल जाएगा। कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों में अध्यक्ष पद के दावेदारों के नाम की चर्चा करें। तो गृहमंत्री बाला बच्चन आदिवासी समूह से आते हैं। वन मंत्री उमंग सिंगार भी आदिवासी समूह से आते हैं।वही उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का नाम भी तेजी से सामने आया है। इसके अलावा सिंधिया गुट प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावा करता है तो गोविंद सिंह राजपूत का नाम आगे आ सकता है।

दरअसल कमलनाथ मंत्रिमंडल में शामिल होने के दावेदार हैं उनकी संख्या काफी ज्यादा हो रही है। फिलहाल तीन निर्दलीय, दो बीएसपी और एक सपा के विधायक मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी के ही करीब 5 ऐसे विधायक हैं। जो मंत्रिमंडल गठन में जगह नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में कमलनाथ की कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दे सकें और भाजपा की सरकार गिराने की कोशिश हो ना काम कर सकें।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सामान्यतः इन चीजों पर फैसला आलाकमान करता है। आलाकमान निश्चित रूप से मुख्यमंत्री से चर्चा करके ही ऐसे निर्णय लेता है।जो भी फैसला आएगा, कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी।कांग्रेस के पास ऐसे योग्य और युवा चेहरे भी हैं और मंत्री भी हैं। जो संगठन के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं। वही मंत्रिमंडल सदस्यों के दावेदारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस नाम को पार्टी और पार्टी आलाकमान तय करेगा,पूरी पार्टी उसका स्वागत करेगी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.