भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब दो सप्ताह से कमलनाथ सरकार के बहुमत को लेकर बनी असमंजस की स्थिति आज शाम तक साफ हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को शाम के 5 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि बहुमत परीक्षण का काम शुक्रवार शाम 5 बजे तक हो जाना चाहिए. अगर कांग्रेस के 16 बागी विधायकों में से कोई भी सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए जाना चाहेगा तो उसे पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
कांग्रेस विधायकों की बगावत के मद्देनजर कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण में कामयाब होने की उम्मीद कम ही बची है. क्योंकि सभी बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो चुके हैं. हालांकि विधानसभा सत्र की तैयारियां देर रात ही शुरू हो गई थी. रात 11 बजे अधिकारियों का विधानसभा पहुंचना भी शुरू हो गया था. रात 2 बजे के बाद विधानसभा द्वारा शुक्रवार को होने वाले सत्र की कार्यसूची जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि दोपहर 2 बजे के बाद विधानसभा का यह सत्र शुरू होगा.
लाइव प्रसारण होगा
हालांकि इसमें फ्लोर टेस्ट का समय नहीं दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विधानसभा में होने जा रहे हैं इस फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाएगी. इसके अलावा इसका लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिम्मेदार पार्टीज और विधानसभा सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि विधानसभा की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चले. वहां कानून व्यवस्था का कोई उल्लंघन ना हो. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल उस वक्त छा गए थे, जब कांग्रेस के 22 विधायकों ने बगावत कर दी थी और अपने इस्तीफे 10 मार्च को दे दिए थे. उसके बाद से ही बीजेपी लगातार कमलनाथ सरकार पर अल्पमत होने का आरोप लगा रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी.
बीजेपी के पास 107 का आंकड़ा
बता दें कि 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सदन की प्रभावी सदस्य संख्या 206 हो गई है. ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 विधायकों का समर्थन प्राप्त करना होगा. बीजेपी के पास 106 नारायण त्रिपाठी को छोड़कर विधायक हैं. इसलिए सरकार के परास्त होने और भाजपा सरकार बनना लगभग तय माना जा रहा है.विधानसभा में आज 2 बजे सदन की बैठक बुलाई गई है. इसमें सदन के नेता कमलनाथ सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव रखेंगे. इस पर विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति मतदान कराएंगे. प्रक्रिया के मुताबिक इसके पहले मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के सदस्य अपने विचार रख सकते हैं. विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष और फिर विपक्ष में हाथ उठाकर मत लिया जाएगा. उसके आधार पर तय होगा कि कमलनाथ सरकार बहुमत में है या अल्पमत में है. विधायकों को बैठक की सूचना देने के लिए कलेक्टर ईमेल और एसएमएस के माध्यम से सूचित किया गया है.