भोपाल। सीएम कमलनाथ ने आज हेल्थ कॉन्क्लेव में शिरकत किया, जहां उन्होंने राइट टू हेल्थ को जनता का बुनियादी अधिकार बताया है. मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां ये अधिकार दिया जाएगा.
सीएम कमलनाथ ने कहा-
- जब हम हेल्थ सुविधाओं और ह्यूमन रिसोर्स की बात करते हैं, तो हमारे पास बहुत सारी सुविधाएं और योजनाएं हैं, लेकिन डिलीवरी सिस्टम ठीक नहीं होने के चलते योजना असफल साबित हो रही है.
- हमें सभी विशेषज्ञों की सलाह और सुधार की जरूरत है. स्वास्थ्य मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मुद्दा है. राइट टू हेल्थ का यह इवेंट स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक माइलस्टोन साबित होगा.
- मध्यप्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर की नहीं बल्कि ह्युमन रिसोर्स की कमी है. हमें डिलीवरी सिस्टम यानी योजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूत बनाना है.
- भविष्य की योजनाओं के लिए हमें आप सब की जरूरत है, अस्पताल के हर बेड का अधिकतम इस्तेमाल करने की जरूरत है.
- नीति आयोग के सदस्य डॉक्टरों की टीम से कहा है कि हमें बजट बढ़ाना चाहिए, लेकिन एमएसएमई के कुछ नियम हैं जिससे समस्या आती है.
- अभी ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है. हमें अपने एटीट्यूड में बदलाव लाना होगा, डॉक्टर कर्मचारी नहीं होता बल्कि समाज सुधारक होता है.
- जब तक डॉक्टर के अंदर समाज सेवा की भावना नहीं आएगी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे सकते, आज मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस है, आज का दिन ऐतिहासिक साबित होगा.