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जौरा विधानसभा सीट जीतने पर कांग्रेस का फोकस, सीएम कमलनाथ ने किया मंथन

जौरा विधानसभा सीट को एक बार फिर से हालिस करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने होमवर्क शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में भोपाल में सीएम कमलनाथ ने मुरैना जिले के नेताओं के साथ एक मैराथन बैठक की.

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Published : Feb 6, 2020, 7:26 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 10:58 PM IST

Chief Minister Kamal Nath
मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल। जौरा विधानसभा खाली सीट सीट को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने होमवर्क शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में सीएम कमलनाथ ने बुधवार शाम को सीएम हाउस में मुरैना जिले के नेताओं की एक मैराथन बैठक की. करीब साढे़ 4 घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय नेताओं से जौरा विधानसभा के समीकरणों को समझा साथ ही उन्होंने सर्वे की जानकारी स्थानीय नेताओं को दी.

जौरा विधानसभा सीट जीतने पर कांग्रेस का फोकस

इस दौरान बैठक में सीएम कमलनाथ ने विधानसभा के जातीय समीकरण को समझाने की कोशिश की. साथ ही जौरा में सहानुभूति लहर की स्थिति को जाना और चुनाव जीतने के तमाम पहलू पर चर्चा की.

मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के साथ बैठक करेंगे और उसके साथ दिल्ली जाकर आलाकमान से चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे.

बैठक में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले जौरा विधानसभा के जातीय समीकरणों की जानकारी ली. जिसमें ये निकलकर आया कि जौरा विधानसभा में अनुसूचित जाति के अलावा ब्राह्मण, कुशवाह, राजपूत और धाकड़ समाज के मतदाताओं का बाहुल्य है. बैठक में जातीय समीकरण के आधार पर टिकट किसको देना चाहिए, इससे पार्टी आलाकामान ही तय करेगा.

भोपाल। जौरा विधानसभा खाली सीट सीट को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने होमवर्क शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में सीएम कमलनाथ ने बुधवार शाम को सीएम हाउस में मुरैना जिले के नेताओं की एक मैराथन बैठक की. करीब साढे़ 4 घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय नेताओं से जौरा विधानसभा के समीकरणों को समझा साथ ही उन्होंने सर्वे की जानकारी स्थानीय नेताओं को दी.

जौरा विधानसभा सीट जीतने पर कांग्रेस का फोकस

इस दौरान बैठक में सीएम कमलनाथ ने विधानसभा के जातीय समीकरण को समझाने की कोशिश की. साथ ही जौरा में सहानुभूति लहर की स्थिति को जाना और चुनाव जीतने के तमाम पहलू पर चर्चा की.

मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के साथ बैठक करेंगे और उसके साथ दिल्ली जाकर आलाकमान से चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे.

बैठक में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले जौरा विधानसभा के जातीय समीकरणों की जानकारी ली. जिसमें ये निकलकर आया कि जौरा विधानसभा में अनुसूचित जाति के अलावा ब्राह्मण, कुशवाह, राजपूत और धाकड़ समाज के मतदाताओं का बाहुल्य है. बैठक में जातीय समीकरण के आधार पर टिकट किसको देना चाहिए, इससे पार्टी आलाकामान ही तय करेगा.

Intro:भोपाल। पिछले दिनों जोरा विधानसभा के विधायक के निधन के कारण सीट रिक्त हो गई है। कांग्रेस के खाते वाली इस सीट को फिर से हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने होमवर्क शुरू कर दिया है।इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार शाम को सीएम हाउस में मुरैना जिले के नेताओं की एक मैराथन बैठक की। करीब साढे़ 4 घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय नेताओं से जहां जौरा विधानसभा के समीकरणों को समझा। तो उन्होंने अपने द्वारा कराए गए सर्वे की जानकारी स्थानीय नेताओं को दी। वहां के जातीय समीकरण को समझा। जौरा में सहानुभूति लहर की स्थिति को जाना और चुनाव जीतने के तमाम प्रयासों पर चर्चा की। इस बैठक मैं अपना होमवर्क करने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के साथ बैठक करेंगे। फिर दिल्ली जाकर आलाकमान से चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे।


Body:कांग्रेस सूत्रों की मानें तो सीएम हाउस में यह बैठक बुधवार शाम करीब 6 बजे शुरू हुई थी, जो देर रात 10:30 बजे तक चली।इस बैठक में मुरैना जिले के 5 कांग्रेसी विधायक, मुरैना लोकसभा से प्रत्याशी रहे रामनिवास रावत, मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह और मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय शाह मौजूद थे।

- बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जौरा विधानसभा के जातीय समीकरणों की जानकारी ली। जिसमें निकल कर आया कि जौरा विधानसभा में अनुसूचित जाति के अलावा ब्राह्मण,धाकड़, कुशवाहा और राजपूत समाज के मतदाताओं का बाहुल्य है। बैठक में जातीय समीकरण के आधार पर टिकट किसको देना चाहिए, इस पर भी लंबी चर्चा हुई।

- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक में मौजूद नेताओं को जानकारी दी कि उन्होंने जौरा विधानसभा में एक चुनावी सर्वे करा लिया है।इस सर्वे के आधार पर करीब 6 कांग्रेस नेताओं के नाम प्रत्याशी के तौर पर उभर कर सामने आए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री बैठक में ही उन छह दावेदारों के नामों का खुलासा करना चाहते थे।लेकिन बैठक में मौजूद कुछ सदस्यों ने नामों का खुलासा करने से इनकार करने का अनुरोध किया और उन्होंने मान लिया।

- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक के निधन के बाद उनके परिवार के प्रति सहानुभूति लहर की भी जानकारी स्थानीय नेताओं से ली। चर्चा में निकल कर आया कि विधायक वृद्ध हो गए थे और ऐसे में उनके बेटे और भतीजे ही उनके कामकाज की देखभाल करते थे। लेकिन चुनाव में सहानुभूति लहर कारगर साबित होगी,इस पर कोई नेता उचित तर्क मुख्यमंत्री के सामने नहीं रख पाया और सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री को सलाह दी की एक सर्वे इस आधार पर भी कराया जा सकता है कि जौरा विधानसभा उपचुनाव में सहानुभूति लहर कारगर होगी कि नहीं।

- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बैठक में मौजूद स्थानीय नेताओं से यह जानने की भी कोशिश की कि बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार कौन हो सकता है और किस वर्ग का हो सकता है।बीजेपी किस जाति के उम्मीदवार के लिए महत्व देगी।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह धाकड़ और किरार समाज से आते हैं और इस इलाके में धाकड़ मतदाता काफी ज्यादा संख्या में है।इस पर भी बैठक में चर्चा की गई।

- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय नेताओं से जौरा विधानसभा के मतदाताओं की नब्ज टटोलने के लिए भी कहा है. साथ ही उन्होंने प्रभारी मंत्री को निर्देश दिया है कि वह जौरा विधानसभा से संबंधित कामकाज की जानकारी लें और कोई काम ऐसा हो कि जो चुनावी मुद्दा बन सकता हो और कांग्रेस सरकार उस पर ध्यान ना दे रही हो, तो उस काम को चुनाव आचार संहिता लगने के पहले निपटाया जाए।

- बैठक में मौजूद स्थानीय नेताओं ने कई मामलों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से सलाह करने का मशविरा मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिया। तो उन्होंने बताया कि इन दोनों नेताओं से मुलाकात के पहले वह होमवर्क करना चाह रहे हैं। इसलिए आप लोगों को बैठक में बुलाया गया है। इस बैठक के बाद सिंधिया और दिग्विजय सिंह से मुख्यमंत्री मुलाकात करेंगे। उसके बाद आलाकमान को जौरा उपचुनाव की तैयारियों की जानकारी देंगे।


Conclusion:जौरा विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के होमवर्क पर चर्चा करते हुए मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि हमारे विधायक के आकस्मिक निधन के कारण सीट खाली हुई है। कांग्रेस चाहेगी कि पिछला चुनाव जितनी मतों से जीते थे, उससे ज्यादा मतों से चुनाव जीते। एक जो विश्वास प्रदेश की जनता का मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति जागा है, उस पर जनता के माध्यम से फिर मुहर लगाई जाएगी। इसलिए वहां पर प्रयास है कि आम जनमानस के बीच में से प्रत्याशी निकल कर आए। वहां की जनता, कार्यकर्ता और नेता की पसंद का प्रत्याशी हो, जिसको ज्यादा से ज्यादा मतों से हम जितवा सके। जनता उनको जिताकर भेजे। जिससे प्रदेश की वस्तु स्थिति की जानकारी पूरे देश के लोगों को मिलेगी। जो विश्वास और काम कमलनाथ सरकार कर रही है, उस पर जनता भी अपनी मुहर लगा रही है।
Last Updated : Feb 6, 2020, 10:58 PM IST
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