भोपाल। हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं और बधाई दी. कोरोना के चलते इस बार कोई भी बड़ा आयोजन नहीं किया जाएगा. हालांकि कुछ वरिष्ठ कवियों के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिंदी दिवस पर व्याख्यानमाला जरूर आयोजित की जाएगी. इस व्याख्यानमाला के माध्यम से हिंदी विषय को लेकर विचार मंथन किया जाएगा.
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भाषा से ही हमारा गौरव
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 14, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
भाषा ही सम्मान है।
सूर, कबीर, तुलसी, प्रेमचंद
हिन्दी का वरदान हैं।
हर भाषा से प्रेम और
हिन्दी पर अभिमान है।
हिन्दी हमारी संस्कृति, अस्मिता और देश की आवाज है। इसे मान दें, अक्षुण्ण बनायें, देश का गौरव समृद्ध होगा। #हिंदी_दिवस पर शुभकामनाएं!
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 14, 2020
भाषा ही सम्मान है।
सूर, कबीर, तुलसी, प्रेमचंद
हिन्दी का वरदान हैं।
हर भाषा से प्रेम और
हिन्दी पर अभिमान है।
हिन्दी हमारी संस्कृति, अस्मिता और देश की आवाज है। इसे मान दें, अक्षुण्ण बनायें, देश का गौरव समृद्ध होगा। #हिंदी_दिवस पर शुभकामनाएं!भाषा से ही हमारा गौरव
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 14, 2020
भाषा ही सम्मान है।
सूर, कबीर, तुलसी, प्रेमचंद
हिन्दी का वरदान हैं।
हर भाषा से प्रेम और
हिन्दी पर अभिमान है।
हिन्दी हमारी संस्कृति, अस्मिता और देश की आवाज है। इसे मान दें, अक्षुण्ण बनायें, देश का गौरव समृद्ध होगा। #हिंदी_दिवस पर शुभकामनाएं!
सीएम शिवराज सिंह ने लोगों से अपेक्षा की है कि हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र की मातृभाषा है, जिसे आज दुनियाभर में पसंद किया जाता है. सीएम ने संदेश जारी कर कहा है कि देश के प्रमुख हिन्दी प्रांतों में शामिल होने के नाते मध्यप्रदेश में हिन्दी जन-जन की भाषा के रुप में स्थापित है. आंचलिक बोलियों के व्यापक प्रचलन के बाद भी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति प्रत्येक नागरिक का सम्मान व्यक्त होता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शासकीय स्तर पर भी हिन्दी को पूरा सम्मान और प्रोत्साहन प्राप्त है, अधिकांश पत्राचार भी हिन्दी में होता है. मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 में हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई. विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से इस विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया. इसके साथ ही संस्कृति, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, जनसंपर्क आदि विभागों ने हिन्दी साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों पर पुरस्कार और सम्मान भी प्रदान किए हैं . मध्यप्रदेश में हिन्दी की पताका लहराती है. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रभाषा हिन्दी को समृद्ध बनाने के लिए प्रत्येक प्रदेशवासी की सहभागिता की अपेक्षा भी की है .