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पॉलीथिन मुक्त शहर के लिए निगम की मुहिम, एक रूपए में मिलेगी कपड़े की थैली

नगर निगम अब सिलाई सेंटर में महिलाओं से कपड़े की थैलियां सिलवा रहा है, जिससे शहर में पॉलीथिन के इस्तेमाल को कम किया जा सके.एक रूपए प्रति थैली के हिसाब से लोगों को ये निगम उपलब्ध करवाएगा.

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Published : Jul 24, 2019, 5:12 PM IST

कपड़े से बनी थैलियां

भोपाल। शहर को पॉलीथिन से मुक्त बनाने के लिए नगर निगम महिलाओें से कपड़े की थैली सिलवा रहा है. निगम लोगों को यह थैलियां मात्र एक रुपये में दे रहा है. थैलियां लेने के लिए जनता को आधार कार्ड़ नंबर और अपना मोबाइल नंबर देना होगा.

नगरनिगम बनवा रहा कपड़े की थैलियां

नगर निगम ने सिलाई सेंटर में फिलहाल हर दिन 60 थैलियां सिलवा रहा है. आम लोगों के दान में दिए गए पुराने कपड़ों से ये थैलियां बनाई जा रही हैं. ऐसा शहर में थैलियां सिलने वाले ऐसे कई सेंटर खोले गए है. जो अलग-अलग इलाकों में थैलियां सिलते है.

निगम की इस पहल से लोगों में जागरूकता बढ़ रही है साथ ही जो महिलाएं नगर निगम के बनाए सेंटर में काम कर रही उन्हें भी रोजगार मिल रहा है जिसे पाकर वो बेहद खुश हैं. महिलाओं का कहना है कि इस काम से ना केवल वे आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि अपनी फैमिली की मदद भी कर सकेंगे.

आपको बता दें नगर निगम ने शहर को पॉलिथीन मुक्त करने की पहल की शुरूआत खुद अपने कार्यालय से की है. निगम कार्यालय में अब प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच की बोतल में पानी दिया जाता है. इसके साथ ही निगम के अधिकारी लगातार पॉलिथीन इस्तेमाल करने वाली दुकानों पर कार्रवाई भी कर रहे है.

भोपाल। शहर को पॉलीथिन से मुक्त बनाने के लिए नगर निगम महिलाओें से कपड़े की थैली सिलवा रहा है. निगम लोगों को यह थैलियां मात्र एक रुपये में दे रहा है. थैलियां लेने के लिए जनता को आधार कार्ड़ नंबर और अपना मोबाइल नंबर देना होगा.

नगरनिगम बनवा रहा कपड़े की थैलियां

नगर निगम ने सिलाई सेंटर में फिलहाल हर दिन 60 थैलियां सिलवा रहा है. आम लोगों के दान में दिए गए पुराने कपड़ों से ये थैलियां बनाई जा रही हैं. ऐसा शहर में थैलियां सिलने वाले ऐसे कई सेंटर खोले गए है. जो अलग-अलग इलाकों में थैलियां सिलते है.

निगम की इस पहल से लोगों में जागरूकता बढ़ रही है साथ ही जो महिलाएं नगर निगम के बनाए सेंटर में काम कर रही उन्हें भी रोजगार मिल रहा है जिसे पाकर वो बेहद खुश हैं. महिलाओं का कहना है कि इस काम से ना केवल वे आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि अपनी फैमिली की मदद भी कर सकेंगे.

आपको बता दें नगर निगम ने शहर को पॉलिथीन मुक्त करने की पहल की शुरूआत खुद अपने कार्यालय से की है. निगम कार्यालय में अब प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच की बोतल में पानी दिया जाता है. इसके साथ ही निगम के अधिकारी लगातार पॉलिथीन इस्तेमाल करने वाली दुकानों पर कार्रवाई भी कर रहे है.

Intro:भोपाल को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर निगम हर संभव प्रयास कर रहा है... शहर के पर्यावरण की अगर बात करें तो पॉलिथीन के कारण यहां पहले से कई गुना ज्यादा प्रदूषण हो गया है....प्लास्टिक के कारण न केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि जानवरों को भी नुकसान पहुंचता है नगर निगम पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए अब कपड़े की थैली का सहारा ले रहा है....


Body:निगम शहर की महिलाओं से कपड़े की थैली सिलवा रहा है और उन्हें मात्र एक रुपए की कीमत में लोगों को दे रहा है... बस इसके लिए आम जनता को अपना आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर देना होंगे....नगर निगम सिलाई के एक सेंटर में फिलहाल प्रतिदिन 60 थैली सिलवा रहा है....ये थैली आम लोगों द्वारा दान मे दिए गए पुराने कपड़ों से बनाई जा रहे हैं.... ऐसा शहर मे एक सेंटर नहीं है शहर में ऐसे छह सेंटर खोले गए हैं जो अलग-अलग इलाकों में है.....






Conclusion:निगम की इस पहल से लोगों में जागरूकता बढ़ रही है साथ ही जो महिलाएं नगर निगम के बनाए सेंटर में काम कर रही उन्हें भी रोजगार मिल रहा है जिसे पाकर वो बेहद खुश हैं उनका कहना है कि इस काम से ना केवल हम आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि अपनी फैमिली की मदद भी कर सकेंगे.... बता दे नगर निगम ने पॉलिथीन मुक्त करने की पहल की शुरुआत खुद अपने कार्यालय से की है निगम कार्यालय में अब प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच की बोतल में पानी दिया जाता है....इसके साथ-साथ ही निगम के अधिकारी लगातार पॉलिथीन इस्तमाल को लेकर दुकानों पर कार्रवाई भी कर रहे है...


बाइट, सुनीता चतुर्वेदी, कर्मचारी
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