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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर निगम शुरू करेगा स्वच्छ पखवाड़ा

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भोपाल का स्थान 7वें नंबर पर था, लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रहे भोपाल को दोबारा ठीक करने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर निगम ने तैयारी शुरु कर दी है. इसके साथ ही शहर में 15 दिन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

Municipal corporation ready for cleanliness survey 2021, 15-day cleanliness campaign started
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर निगम तैयार, 15 दिन का सफाई अभियान शुरु
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Published : Sep 6, 2020, 1:53 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले 2 सालों से लगातार पिछड़ता जा रहा है, हालांकि बेहतर राजधानी का प्रथम पुरस्कार जरूर मिला है. लेकिन समस्त शहरों के मुकाबले पहले की तुलना में भोपाल का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. जिसे देखते हुए अब नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

नगर निगम की तैयारी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भोपाल सातवें स्थान पर आया है, लेकिन इसे प्रथम स्थान पर लाने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत सोमवार से स्वच्छ पखवाड़े के तहत की जाएगी.

इस अभियान के तहत ना सिर्फ लोगों को जागरुक किया जाएगा बल्कि नगर निगम के 6 हजार सफाई कर्मी भी इस विशेष सफाई अभियान में अपना सहयोद देंगे और शहर की गंदगी को साफ करेंगे.

घर- घर से कचरा संग्रहण और कूड़ा स्थलों की निगरानी के लिए भी नगर निगम के इन सभी सफाई कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. अभियान चलाकर शहर के सभी 85 वार्डों के रहवासी क्षेत्र एवं मार्केट में बड़े स्तर पर नगर निगम यह सफाई अभियान चलाएगा. इस अभियान के तहत रहवासी क्षेत्रों के कूड़ा स्थलों को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा और उन क्षेत्रों में लगे कंटेनर भी हटा दिए जाएंगे.

इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था का लोगों से फीडबैक भी लेंगे. कूड़ा स्थलों पर दोबारा कचरा ना फैले इसके लिए रहवासियों की समिति भी बनाई जाएगी, अमानक पॉलीथिन का उपयोग करने वालों पर अब तत्काल मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं निगम कर्मी लोगों से सफाई व्यवस्था को लेकर अब संवाद स्थापित करने का काम भी करेंगे.

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में कचरा प्रबंधन बेहतर ढंग से नहीं हो पाया था, सूखे गीले कचरे की व्यवस्था जमीन पर ठीक ढंग से नहीं आ पाई थी. इसके अलावा कचरा गाड़ियों के पहुंचने का समय निर्धारित नहीं था. इसलिए लोगों को काफी इंतजार भी करना पड़ता था, नगर निगम कचरा गाड़ियों को लेकर लगातार मॉनिटरिंग भी नहीं कर पा रहा था.

प्रतिदिन की रिपोर्ट भी तैयार नहीं हो पा रही थी, सर्वेक्षण से ठीक ढंग से लोगों को नहीं जोड़ा गया. यही वजह रही कि फीडबैक में भी भोपाल काफी कमजोर साबित हुआ था. जिसकी वजह से स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में काफी नंबर इन कमियों की वजह से कम हो गए थे. लेकिन नगर निगम अब इन्हीं कमियों को ठीक करने में जुट गया है, ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इन कमियों को पूरा कर ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त किए जा सकें.

भोपाल। राजधानी भोपाल स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले 2 सालों से लगातार पिछड़ता जा रहा है, हालांकि बेहतर राजधानी का प्रथम पुरस्कार जरूर मिला है. लेकिन समस्त शहरों के मुकाबले पहले की तुलना में भोपाल का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. जिसे देखते हुए अब नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

नगर निगम की तैयारी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भोपाल सातवें स्थान पर आया है, लेकिन इसे प्रथम स्थान पर लाने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत सोमवार से स्वच्छ पखवाड़े के तहत की जाएगी.

इस अभियान के तहत ना सिर्फ लोगों को जागरुक किया जाएगा बल्कि नगर निगम के 6 हजार सफाई कर्मी भी इस विशेष सफाई अभियान में अपना सहयोद देंगे और शहर की गंदगी को साफ करेंगे.

घर- घर से कचरा संग्रहण और कूड़ा स्थलों की निगरानी के लिए भी नगर निगम के इन सभी सफाई कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. अभियान चलाकर शहर के सभी 85 वार्डों के रहवासी क्षेत्र एवं मार्केट में बड़े स्तर पर नगर निगम यह सफाई अभियान चलाएगा. इस अभियान के तहत रहवासी क्षेत्रों के कूड़ा स्थलों को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा और उन क्षेत्रों में लगे कंटेनर भी हटा दिए जाएंगे.

इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था का लोगों से फीडबैक भी लेंगे. कूड़ा स्थलों पर दोबारा कचरा ना फैले इसके लिए रहवासियों की समिति भी बनाई जाएगी, अमानक पॉलीथिन का उपयोग करने वालों पर अब तत्काल मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं निगम कर्मी लोगों से सफाई व्यवस्था को लेकर अब संवाद स्थापित करने का काम भी करेंगे.

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में कचरा प्रबंधन बेहतर ढंग से नहीं हो पाया था, सूखे गीले कचरे की व्यवस्था जमीन पर ठीक ढंग से नहीं आ पाई थी. इसके अलावा कचरा गाड़ियों के पहुंचने का समय निर्धारित नहीं था. इसलिए लोगों को काफी इंतजार भी करना पड़ता था, नगर निगम कचरा गाड़ियों को लेकर लगातार मॉनिटरिंग भी नहीं कर पा रहा था.

प्रतिदिन की रिपोर्ट भी तैयार नहीं हो पा रही थी, सर्वेक्षण से ठीक ढंग से लोगों को नहीं जोड़ा गया. यही वजह रही कि फीडबैक में भी भोपाल काफी कमजोर साबित हुआ था. जिसकी वजह से स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में काफी नंबर इन कमियों की वजह से कम हो गए थे. लेकिन नगर निगम अब इन्हीं कमियों को ठीक करने में जुट गया है, ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इन कमियों को पूरा कर ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त किए जा सकें.

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