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15 दिन में 1500 बच्चों ने हेल्पलाइन पर पूछा, कोरोना की तीसरी लहर से उन्हें कितना खतरा

हेल्पलाइन पर पिछले 15 दिनों में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चों ने फोन कर यह पूछा कि उन्हें तीसरी लहर से कोई खतरा तो नहीं हैं?. वहीं सरकार का दावा है कि थर्ड वेव के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.

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Published : Jun 19, 2021, 10:05 AM IST

भोपाल। बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा होगा. ऐसे में अब हेल्पलाइन पर भी बच्चों के फोन आने लगे हैं. इन हेल्पलाइनों पर पिछले 15 दिनों में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चों ने सिर्फ यह जानने के लिए फोन किया है कि क्या उन्हें तीसरी लहर से खतरा हैं?. इधर सरकार का दावा है कि तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.



दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की गुंजाइश अभी से दर्शाई जा रही है. दूसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है. ऐसे में थर्ड वेव की सुगबुगाहट ने सभी को परेशानी में डाल दिया है. कोरोना की दूसरी लहर ने जहां कई परिवारों के सदस्यों को छीन लिया, तो वहीं कई बच्चों को अनाथ कर दिया.

बताया जा रहा है कि, तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों के लिए घातक साबित होने वाली है. इसके लिए सभी देश अपने-अपने तरीके से तैयारी कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश सरकार भी अभी से तैयारी करने में जुट गई है, लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि बच्चों की काउंसलिंग के लिए काम करने वाली संस्थाओं में सबसे ज्यादा फोन कॉल बच्चों के ही आ रहे हैं, जो थर्ड वेव को लेकर सवाल पूछ रहे हैं.

16 सौ से अधिक बच्चों के फोन कॉल आए

उमंग किशोर हेल्पलाइन बच्चों के लिए काम करती हैं. यह पूरे मध्य प्रदेश में फैला हुआ हैं. इस पर 16 सौ से अधिक बच्चों के फोन कॉल आए, जिसमें सभी बच्चों ने सिर्फ थर्ड वेव से जुड़ा सवाल ही पूछा. इस दौरान बच्चों ने पूछा कि कोरोना की तीसरी लहर उनके लिए कितनी घातक है?. इससे सुरक्षा कैसे होगी?.

तीसरी लहर से बच्चे

हेल्पलाइन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर माया बोहरे बताती हैं कि उनकी हेल्पलाइन पर हर दिन कई बच्चों के फोन आते हैं. इनमें से ज्यादातर सिर्फ यही सवाल पूछते हैं कि बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर कितनी घातक है?. वहीं उन्होंने कहा कि बच्चों को संशय होने पर डॉक्टर से भी कंसल्ट कराया जाता है. उन्हें बचाव के उपाय बताए जाते हैं.



तीसरी लहर से कैसे निपटेगा बुरहानपुर?, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का काम अधूरा

ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर को लेकर सरकार सजग नहीं है. थर्ड वेव के अंदेशे के चलते प्रदेश सरकार ने पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार ने पहले से ही अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के साथ ही ऑक्सीजन और तमाम सुविधाओं का इंतजाम कर लिया हैं.

भोपाल। बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा होगा. ऐसे में अब हेल्पलाइन पर भी बच्चों के फोन आने लगे हैं. इन हेल्पलाइनों पर पिछले 15 दिनों में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चों ने सिर्फ यह जानने के लिए फोन किया है कि क्या उन्हें तीसरी लहर से खतरा हैं?. इधर सरकार का दावा है कि तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.



दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की गुंजाइश अभी से दर्शाई जा रही है. दूसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है. ऐसे में थर्ड वेव की सुगबुगाहट ने सभी को परेशानी में डाल दिया है. कोरोना की दूसरी लहर ने जहां कई परिवारों के सदस्यों को छीन लिया, तो वहीं कई बच्चों को अनाथ कर दिया.

बताया जा रहा है कि, तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों के लिए घातक साबित होने वाली है. इसके लिए सभी देश अपने-अपने तरीके से तैयारी कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश सरकार भी अभी से तैयारी करने में जुट गई है, लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि बच्चों की काउंसलिंग के लिए काम करने वाली संस्थाओं में सबसे ज्यादा फोन कॉल बच्चों के ही आ रहे हैं, जो थर्ड वेव को लेकर सवाल पूछ रहे हैं.

16 सौ से अधिक बच्चों के फोन कॉल आए

उमंग किशोर हेल्पलाइन बच्चों के लिए काम करती हैं. यह पूरे मध्य प्रदेश में फैला हुआ हैं. इस पर 16 सौ से अधिक बच्चों के फोन कॉल आए, जिसमें सभी बच्चों ने सिर्फ थर्ड वेव से जुड़ा सवाल ही पूछा. इस दौरान बच्चों ने पूछा कि कोरोना की तीसरी लहर उनके लिए कितनी घातक है?. इससे सुरक्षा कैसे होगी?.

तीसरी लहर से बच्चे

हेल्पलाइन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर माया बोहरे बताती हैं कि उनकी हेल्पलाइन पर हर दिन कई बच्चों के फोन आते हैं. इनमें से ज्यादातर सिर्फ यही सवाल पूछते हैं कि बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर कितनी घातक है?. वहीं उन्होंने कहा कि बच्चों को संशय होने पर डॉक्टर से भी कंसल्ट कराया जाता है. उन्हें बचाव के उपाय बताए जाते हैं.



तीसरी लहर से कैसे निपटेगा बुरहानपुर?, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का काम अधूरा

ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर को लेकर सरकार सजग नहीं है. थर्ड वेव के अंदेशे के चलते प्रदेश सरकार ने पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार ने पहले से ही अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के साथ ही ऑक्सीजन और तमाम सुविधाओं का इंतजाम कर लिया हैं.

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