भोपाल। लोकसभा चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को लेकर आगामी 1 अप्रैल को प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा चुनाव आयोग के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश करेंगे. अधिकारी अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर अब तक प्रदेश सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई है. गौरतलब है कि इसे लेकर राज्य सरकार कई आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करा चुकी है.
- क्या है पूरा मामला
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कई बार आयकर विभाग के छापे पड़े थे. विभाग ने एमपी और दिल्ली के 52 जगहों पर छापा मारकर कार्रवाई की थी, जिसमें 281 करोड़ रुपए का हवाला के जरिए लेन-देन का पता चला था. जिसके बाद आयकर विभाग ने इस संबंध में चुनाव आयोग और सीबीडीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश देकर जांच कराने के निर्देश दिए थे.
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- 4 आईपीएस अधिकारियों पर मामला दर्ज
मामले को लेकर चुनाव आयोग के आदेश के बाद मुख्य सचिव ने जांच करते हुए 4 आईपीएस अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया था. यह केस सुशोभन बनर्जी, संजय माने, बी. मधु कुमार समेत राज्य पुलिस सेवा अधिकारी अरुण मिश्रा के खिलाफ 2 जनवरी को ईओडब्ल्यू में दर्ज किया गया था.
- रिपोर्ट में बताएंगे अब तक क्या कार्रवाई हुई
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1 अप्रैल को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग के उपचुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे. मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि काले धन के मामले में अभी तक उन्होंने क्या-क्या कार्रवाई की है.